किसी सज्जन पुरुष ने कहा था, नाम में क्या रखा है? परंतु सच्चाई ये है कि नाम में बहुत कुछ हो सकता है, विशेषकर यदि आप पटौदी खानदान के वारिस हों। हाल ही में सैफ अली खान और करीना कपूर खान के घर पैदा दूसरे बच्चे का नाम भी सार्वजनिक हो चुका है। सोशल मीडिया में उसे जेह के तौर पर संबोधित किया जा रहा है, ताकि उसके असली नाम पर किसी का ध्यान न जाए। परंतु सोशल मीडिया पर कुछ भी कितने दिनों तक छुप सकता है? जल्द ही तैमूर अली खान के छोटे भाई का पूरा नाम सबके समक्ष आ गया – जहांगीर अली खान।
जी हाँ, एक और विदेशी आक्रांता के नाम पर बॉलीवुड स्टार सैफ अली खान ने अपने पुत्र का नाम रखा है। इसकी पुष्टि काफी हद तक करीना कपूर ने स्वयं अपनी पुस्तक ‘Pregnancy Bible’ में की है। जब उनके पहले पुत्र (तैमूर) का नाम सामने आया था तो सोशल मीडिया पर करीना और सैफ को यूजर्स के विद्रोह का सामना करना पड़ा था। तब करीना और सैफ ने अपना पक्ष रखते हुए कहा था कि वे अपने बच्चे का नाम कुछ भी रख सकते हैं, और जहांगीर से इतना तो स्पष्ट है कि सैफ को अपने बच्चों के नाम कुछ भी सोचकर तो नहीं रख रहे।
अब जहांगीर नाम पर इतना विवाद क्यों? दरअसल, ये नाम मुगल बादशाह सलीम नुरुद्दीन मुहम्मदका है, जिसने अपने आप को ‘जहांगीर’ यानि विश्व विजेता की पदवी दी। हमारे देश के वामपंथी इतिहासकारों के लिए वो एक बहुत ही नेक, न्यायप्रिय शासक था, परंतु उसकी बर्बरता इन्हीं इतिहासकारों ने बड़ी सफाई से हमसे छुपाकर रखी थी। ये वही जहांगीर था, जिसने सिखों के पांचवें धर्मगुरु, गुरु अर्जन देव को न केवल भीषण यातनाएँ दी, बल्कि उन्हें नदी में डुबोकर उनकी हत्या भी कर दी।
सैफ मियां ‘हिस्ट्री बफ़’ हैं, मतलब उन्होंने सब जानते हुए भी अपने बेटे का नाम “तैमूर” रखा
ऐसे बर्बर आक्रांता के नाम पर अपने बेटे का नाम रखने पर बवाल तो मचना ही था। सोशल मीडिया पर कई लोगों ने इसके प्रति अपना विरोध जताया है। Oxomiya Jiyori नामक यूजर ने ट्वीट किया, “तैमूर एक आतंकी था, जिसने लाखों हिंदुओं की हत्या की, और जहांगीर वो था जिसने 16 जून 1606 को गुरु अर्जन देव द्वारा सिख धर्म का प्रचार न रोकने पर भीषण यातना देने की आज्ञा #SaifAliKhan”.
"Taimur" was a terrorist who massacred lakhs of Hindus, "Jahangir" was the one who on 16 June 1606, ordered Guru Arjan Dev Ji, fifth Sikh Guru tortured for 5 days and killed the Guru as he refused to stop preaching his message of God as started by Guru Nanak Dev Ji. #SaifAliKhan pic.twitter.com/OGPdkjXqTf
— Oxomiya Jiyori 🇮🇳(Modi’s Family) (@SouleFacts) August 10, 2021
एक अन्य यूजर ने ट्वीट किया, “अरे नाम रखना ही था तो अब्दुल हमीद के नाम पर रख सकते थे, अब्दुल कलाम के नाम पर रख सकते थे, अपने नाम पर ही रख देते। तैमूर और जहांगीर ही मिले थे आपको?”
So many good names like Abdul kalam, Abdul hameed including ur name also and many more but why only taimur nd jeha…
— Sarvesh Tiwari (@Sarvesh90358733) August 10, 2021
जब साल भर पहले ‘तान्हाजी’ सिनेमाघरों में प्रदर्शित हुई थी, तो सैफ अली खान ने बताया था कि वे इतिहास में बहुत रुचि रखते हैं, और अपने आप को ‘हिस्ट्री बफ़’ मानते हैं। ऐसे में वे ये तो कतई नहीं कह सकते हैं कि उन्हें इन दोनों के नाम और इनके इतिहास के विषय में कोई ज्ञान नहीं है। ऐसे समय में भी दो बर्बर आक्रान्ताओं के नाम पर अपने बेटों का नाम रखना न केवल सैफ की निजी सोच को उजागर करता है, बल्कि ये भी सिद्ध करता है कि भारतीय संस्कृति को लेकर उनकी सोच वास्तव में कैसी है।