ट्विटर के बाद अब फेसबुक और इंस्टाग्राम ने भी की राहुल गांधी पर कार्रवाई

‘आसमान से गिरे, खजूर में अटके’

राहुल गांधी इंस्टाग्राम

‘आसमान से गिरे, खजूर में अटके’, अगर ये कहा जाए कि हिन्दी की ये कहावत देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस के सबसे अपरिपक्व राजनेता एवं कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के लिए ही बनी है, तो संभवतः कुछ गलत नहीं होगा। राहुल गांधी अपनी बचकानी हरकतों के कारण सदा ही मीडिया में हास्यास्पद चर्चाओं का विषय बने रहते हैं, किन्तु कभी-कभी वो कुछ ऐसी हरकतें भी कर देते हैं, जिससे उनकी छवि निचले स्तर के एक नए पायदान पर चली जाती है। दिल्ली की रेप पीड़ित बच्ची की तो मौत हो गई, किन्तु उसके परिजनों की तस्वीरों एवं वीडियो के माध्यम से विपक्ष राजनीति ही कर रहा है, जिसमें राहुल की अग्रणी भूमिका है।

अब फेसबुक और इंस्टाग्राम ने भी की कार्रवाई

राहुल गांधी ने उन तस्वीरों को सोशल मीडिया पर साझा कर मुसीबत मोल ले ली है। ऐसे में Twitter तो पहले ही उनकी हरकतों पर एनसीपीसीआर की शिकायत के बाद उनके अकाउंट को एक हफ्ते तक लॉक रखकर उन्हें सजा दे चुका है, किन्तु एनसीपीसीआर की शिकायत के आधार पर ही अब फेसबुक और इंस्टाग्राम ने भी राहुल गांधी के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई कर दी है।

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राहुल गांधी फेक न्यूज का प्रसार करने में विशेषज्ञ हैं, एवं इस बात में किसी को लेश मात्र भी संदेह नहीं है। ऐसे में रेप पीड़ित मृत बच्ची के परिजनों की पहचान सार्वजनिक कर उनके वीडियो और तस्वीरें जब राहुल ने अपने सोशल मीडिया पर डालीं, तो उनकी विश्वसनीयता पर एक नया दाग लग गया। इस मामले एनसीपीसीआर की शिकायतों के बाद पहले तो Twitter ने करीब एक सप्ताह से अधिक समय तक राहुल का अकाउंट लॉक रखा, एवं अब फिर खोल दिया। राहुल अपने अकाउंट पर Twitter की इस कार्रवाई से अभी उबर भी नहीं पाए थे कि उन पर एनसीपीसीआर की शिकायत के अन्तर्गत ही नई कार्रवाई फेसबुक और इंस्टाग्राम ने कर दी है, जिससे राहुल गांधी की विश्वसनीयता को तगड़ा झटका लगा है।

दरअसल, रेप पीड़ित मृत बच्ची के परिजनों की पहचान सार्वजनिक करने के मुद्दे पर एनसीपीसीआर ने फेसबुक और इंस्टाग्राम से राहुल गांधी के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की थी, जिसको लेकर अब कार्रवाई करते हुए राहुल के फेसबुक और इंस्टाग्राम अकाउंट की टाइमलाइन से मृत बच्ची के परिजनों के वीडियो एवं तस्वीरों को हटा दिया है। साथ ही राहुल को इस संबंध में नियमों के पालन करने की चेतावनी भी दी है। फेसबुक और इंस्टाग्राम की कार्रवाई राहुल की राजनीतिक विश्वसनीयता पर एक बड़ा धब्बा है, महत्वपूर्ण बात ये भी है कि ये परिवारजन भी अपनी पहचान सार्वजनिक नहीं करना चाहते थे।

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राहुल की इन राजनीतिक नौटंकियों पर पहला ब्रेक माइक्रोब्लॉगिंग Twitter ने लगाया था। पीड़ित बच्ची के परिजनों की तस्वीरें सार्वजनिक करने को लेकर सबसे पहले Twitter ने ही कार्रवाई की थी‌। कांग्रेस को उम्मीद थी कि Twitter को सत्याग्रह की नौटंकी के तहत दबाव में लिया जाएगा। इसके चलते ही कांग्रेस के आधिकारिक ट्विटर अकाउंटों और नेताओं के हैंडलों से भी वही वर्जित तस्वीरें पोस्ट की गईं। कांग्रेस की उम्मीद से विपरीत Twitter नए आईटी नियमों के तहत भारत सरकार समेत आईपीसी के कानूनों को मानने पर बाध्य था, और नतीजा ये हुआ कि कांग्रेस के आधिकारिक Twitter संहित करीब पांच हज़ार कांग्रेस नेताओं एवं कार्यकर्ताओं के Twitter अकाउंट बैन कर दिए गए।

कांग्रेस समेत राहुल गांधी के लिए Twitter की ये कार्रवाई अप्रत्याशित थी, क्योंकि उनकी राजनीतिक साख Twitter की इस कार्रवाई के बाद पहले से अधिक निचले स्तर पर चली गई है। यही कारण है कि राहुल Twitter का अकाउंट अनलॉक होने के बावजूद 6 अगस्त से अब तक एक ट्वीट करने की हिम्मत नहीं जुटा पाएं हैं। ऐसे में संभावनाएं थीं की जल्द ही वो पुनः अपने पुराने कलेवर में नजर आएंगे किन्तु उससे पहले ही राहुल गांधी के फेसबुक और इंस्टाग्राम अकाउंट पर भी Twitter अकाउंट की भांति कार्रवाई हो गई है। इस पूरे घटनाक्रम के बाद राहुल गांधी की राजनीतिक विश्वसनीयता तो कम हुई ही है, साथ अब उनके लिए सोशल मीडिया पर कुछ भी लिखना या पोस्ट करना बेहद असहजतापूर्ण हो गया है।

 

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