केरल ISIS के अलावा तालिबान को भी आतंकी सप्लाई कर रहा है, शशि थरूर ने भी कर दी पुष्टि

केरल का तालिबान कनेक्शन!

तालिबान केरल

तालिबान ने जब से अफ़ग़ानिस्तान पर कब्जा जमाया है, वह पूरे संसार में फिर से चर्चा में आ चुका है। इसमें काफी हद तक उसकी स्वयं की बर्बरता का योगदान है, जिसके भय से अफ़गान प्रशासन ने बिना लड़े ही घुटने टेक दिए। इसके अलावा अमेरिकी प्रशासन की अकर्मण्यता का भी योगदान है, जिन्होंने स्थिति की भयावहता को समझते हुए भी अपने सैनिकों को यथावत रखना उचित नहीं समझा। अब सुनने में आ रहा है कि तालिबान की इस विजय में एक और मॉडल का भी बहुत अहम योगदान रहा है, और वो है ‘केरल मॉडल’ का।

चौंकिए मत, यह शत प्रतिशत सत्य है। अगर काँग्रेस सांसद शशि थरूर की माने, तो ISIS के अलावा अब तालिबान भी केरल से आतंकी नियुक्त करने लगा है।

तालिबान के वीडियो पर शशि थरूर ने ट्वीट कर बताया कि, “ऐसा प्रतीत होता है कि इन तालिबानियों में दो मलयाली भी हैं। एक व्यक्ति 8 वें सेकेंड पर ‘Samsarikette’ नामक शब्द कहता है और दूसरा उसे समझता भी है।” शशि थरूर स्वयं तिरुवनंतपुरम से सांसद हैं, ऐसे में वे इस विषय से काफी परिचित भी हैं।

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लेकिन यदि ये बात सच है, तो यह गर्व का विषय तो बिल्कुल नहीं है। कहने को केरल में 100 प्रतिशत साक्षरता है, लेकिन यह राज्य अपने प्रगति के लिए कम, और अपने भ्रष्टाचार और आतंकवाद के लिए एक उभरते गढ़ के रूप में अधिक कुख्यात है। देशभर में जितने भी मुस्लिम युवक आतंक की ओर आकर्षित होते हैं, उनमें कश्मीर के बाद सर्वाधिक व्यक्ति केरल होते हैं।

अब तक ISIS के प्रति केरल का आकर्षण अधिक दिखाई देता था। लेकिन यदि शशि थरूर का संकेत सही है, तो अब तालिबान भी केरल से मुस्लिम युवाओं को आतंकवाद की ओर आकर्षित करने लगा है। इतना ही नहीं, केरल से नियुक्त आतंकवादी काबुल में हमले भी करते आए हैं, जैसे पिछले वर्ष आतंकियों ने एक गुरद्वारा पर किया था।

TFI ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि पिछले कुछ वर्षों से हम अक्सर सुनते और देखते आ रहे हैं कि कैसे केरल राज्य इस्लामिक स्टेट नामक आतंकी संगठन का गढ़ बनता जा रहा है। इस बात की पुष्टि एक बार फिर हुई है, जब ये सामने आया है कि अफ़ग़ानिस्तान के काबुल शहर में स्थित गुरुद्वारे पर हुए आतंकी हमले में केरल के एक युवा आतंकवादी का भी हाथ था।

मोहम्मद मुहसिन नामक यह युवक उन तीन आत्मघाती हमलावरों में शामिल था,  जिन्होंने काबुल में स्थित गुरुद्वारे पर आत्मघाती हमला किया था। इसमें 28 सिख श्रद्धालु मारे गए थे, और कई अन्य घायल भी हुए थे।

इस्लामिक स्टेट के लिए काम करने वाली मैगज़ीन, अल नाबा ने तीनों आत्मघाती हमलावरों की तस्वीर जारी की थी। इसी मैगज़ीन के जरिए मुहसिन के माता-पिता ने अपने बेटे की पहचान की। एक अफसर की माने तो टेलीग्राम एप पर उस उग्रवादी की मां को मैसेज भी आया था कि उसके बेटे को काबुल के हमले में शहादत मिली है। अब भारतीय इंटेलिजेंस एजेंसियां ये पता लगाने में लगी हुई हैं कि कहीं बाकी हमलावर भी भारतीय तो नहीं थे।”

अक्सर केरल के वामपंथी ‘केरल मॉडेल’ की माला जपते नहीं थकते। लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि इनका वास्तविक ‘केरल मॉडल’ तो केवल घोटालों और आतंकवाद के इर्द गिर्द ही घूमता है, और यदि केंद्र सरकार ने जल्द ही स्थिति अपने हाथ में नहीं ली, तो केरल को ‘मिनी पाकिस्तान’ बनते देर नहीं लगेगी।

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