अफ़गान सरकार को भला बुरा कहने से लेकर तालिबान को संत बताना – ISI समय से पहले ईद मना रहा है

भारत का मखौल भी उड़ा रहा है!

पाकिस्तान के ISI

हाल ही में तालिबान ने दो दशक के बाद अफ़गानिस्तान में पुनः आधिपत्य स्थापित कर लिया है। अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना हटने के बाद तालिबानी लड़ाकों द्वारा काबुल को कब्जे में लेने के पश्चात वहाँ के राष्ट्रपति अशरफ गनी और उपराष्ट्रपति अमीरुल्ला सालेह ने अपने कुछ करीबियों के साथ देश को छोड़ दिया है। इसमें कोई दो राय नहीं है कि इस पूरे प्रकरण में पाकिस्तान का बहुत बड़ा योगदान रहा है। इस समय पाकिस्तान के ISI की बाँछें सबसे अधिक खिली हुई है। चाहे अफ़गान सरकार को बुरा भला कहना हो, या फिर इस अवसर पर भारतीयों के विरुद्ध विष उगलना हो, ISI समय से पहले ही ईद मनाने में जुटा हुआ है।

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इसके लक्षण जुलाई में ही दिख गए थे, जब ANI के हवाले से बताया गया कि कैसे पाकिस्तान अफ़गानिस्तान की वर्तमान स्थिति का उपयोग स्पष्ट तौर पर अपने निजी हितों को साधने के लिए कर रहा है। ANI की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तानी सेना के जवानों को स्पष्ट तौर पर निर्देश दिए गए थे कि अफगानिस्तान में भारतीय सद्भावना के तौर पर बनाए गए प्रतीक चिन्हों को निशाना बनाया जाए। खुफिया सूत्रों से यह सूचना मिली थी कि भारतीय संपत्तियों और भारत सरकार के द्वारा सद्भावना नीति के तहत किए गए निर्माण कार्यों को निशाना बनाया जाए। पिछले कुछ सालों में अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण के उद्देश्य से भारत ने 3 बिलियन डॉलर (लगभग 22,383 करोड़ रुपए) का निवेश किया है। इनमें अफगानी संसद और डेलारम एवं जरंज सलमा डैम के बीच 218 किमी की रोड भी शामिल है।

यही नहीं भारतीय पत्रकार दानिश सिद्दीकी की बर्बरतापूर्ण हत्या भी की गई। दानिश को स्पष्ट तौर पर इसलिए मारा गया, क्योंकि वह भारतीय था, जिसे छुपाने के लिए वामपंथियों ने भरसक प्रयास किए, लेकिन अंत में नाकामी ही हाथ लगी।

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लेकिन बात यहीं तक सीमित नहीं रही। ISI किस हद तक अफ़गानिस्तान में तालिबान के सत्ता प्राप्ति से प्रसन्न है, ये आप ज़ैद हामिद और हाल ही में अफ़गान दूतावास के एक कथित तौर पर ‘hacked’ ट्वीट से समझ सकते हैं।

ऊपर दिया गया यह वीडियो पाकिस्तानी बुद्धिजीवी जैद हामिद का है। इस वीडियो में स्पष्ट है कि जैद किस तरह टीवी पर हिंदुओं के खिलाफ जहर उगल रहे हैं और भारतीयों, विशेषकर हिंदुओं के नरसंहार की कामना कर रहे हैं। इस वीडियो से आप स्पष्ट अंदाजा लगा सकते हैं कि पाकिस्तान में हिंदुओं का नरसंहार टीवी के डिबेट का टॉपिक हैं।

यही कारण है कि पाकिस्तान में आए दिन हिंदुओं पर अत्याचार होते हैं, उन्हें मारा जाता है, उनकी बहू-बेटियों को किडनैप कर इस्लाम कबूल करवा दिया जाता है। ऐसे में अफ़गानिस्तान में तालिबान का शासन पुनः लागू हुआ है, तो सबसे ज्यादा ISI को प्रसन्नता हो रही है, क्योंकि अब इसके बल पर वह पुनः ‘भय का शासन’ कर सकता है, जैसे वह 80 और 90 के दशक में करता था।

इसके अलावा हाल ही में भारत में स्थित अफगानी दूतावास से अफ़गान राष्ट्रपति अशरफ गनी के लिए एक बेहद अपमानजनक ट्वीट पोस्ट किया। इसके बारे में दूतावास अब्दुलहक आजाद ने पोस्ट करते हुए कहा कि हमारा अकाउंट हैक किया गया है –

यदि ये बात शत प्रतिशत सत्य है, तो इसमें कोई संदेह नहीं कि इसके पीछे पाकिस्तान ISI का हाथ है, क्योंकि वह किसी भी अफ़गान सरकार को अफ़गान जनता की नज़रों में गिराना चाहता है तथा तालिबानियों द्वारा सत्ता पर कब्जा जमाने को उचित ठहराना चाहता है। इसके अलावा छद्म तरीके से ही सही, पर जिस प्रकार से उन्होंने हिंदुओं को चेतावनी दी है, उससे स्पष्ट होता है कि वह अपने कुत्सित विचारधारा को लागू करने के लिए किस हद तक जा सकता है। वैसे भी, जिसने अपने विचार थोपने के लिए डायरेक्ट एक्शन डे और ऑपरेशन सर्चलाइट जैसे कायराना हरकतें की हो, उनसे मानवता की आशा कोई कैसे कर सकता है?

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