स्वतंत्रता दिवस से पहले सुरक्षा बलों ने कश्मीर में जैश-लश्कर की साज़िश को नाकाम किया

खुफिया एजेंसियों ने दिल्ली पुलिस, जीआरपी तथा लोकल पुलिस और सभी राज्य की पुलिस को अलर्ट जारी किया है।

कुलगाम

स्वतंत्रता दिवस पास आ रहा है, और ऐसे में देश की सुरक्षा व्यवस्था को भी चाक चौबंद रखने पर पूरा जोर दिया जा रहा है। इसी बीच एक अहम कामयाबी में सुरक्षा बलों ने एक बहुत बड़े आतंकी साजिश को नाकाम करने में सफलता प्राप्त की है। कुलगाम में एक आतंकी एनकाउन्टर के दौरान एक आतंकी मारा गया था, जिसका नाम था उस्मान। लेकिन बात केवल वहीं तक सीमित नहीं थी। कश्मीर के वर्तमान IGP विजय कुमार ने बताया,“जब एक बिल्डिंग से बीएसएफ़ का एक दल निकला, तो एक बिल्डिंग से दो आतंकियों ने धावा बोल दिया। हालांकि कोई भी घायल नहीं हुआ। सुरक्षाबलों ने उन्हें घेर लिया और एनकाउन्टर शुरू हो गया। हमने रॉकेट लौंचर का भी उपयोग किया और रात तक एक आतंकी का सफाया कर दिया गया।”

लेकिन बात वहीं पे नहीं रुकी। विजय कुमार ने आगे बताया, “रात में ढूँढना कठिन था, तो सुबह छापेमारी की गई है। एक पाकिस्तानी आतंकी उस्मान की लाश प्राप्त हुई है। वह 6 महीने से सक्रिय था। उसके पास से एके 47, मैगजीन, ग्रेनेड, रॉकेट लौंचर इत्यादि मिले। इससे स्पष्ट पता चलता है कि एक बहुत बड़ी घटना की तैयारी हो रही थी। बहुत समय बाद विदेशी आतंकियों ने Rocket Propelled ग्रेनेड का उपयोग किया। एक बहुत बड़ी आतंकी साजिश रोकी गई, जिसके लिए CRPF, आर्मी और पुलिस को आभार जताना बनता है।”

लेकिन मृत उस्मान में ऐसा भी क्या खास था, जिसके कारण उसकी मृत्यु से एक बड़ी आतंकी साजिश के निष्फल होने के संकेत मिल रहे हैं? इसका उत्तर स्वयं विजय कुमार ने दिया है, जो बताते हैं, “जो कुलगाम एनकाउन्टर में आतंकी उस्मान मारा गया था, वो लश्कर ए तैयबा के टॉप कमांडरों में से एक लंबू का खास था जिसे कुछ हफ्तों पहले एक एनकाउन्टर में मार गिराया गया था। इससे सिद्ध होता है कि बीएसएफ़ पर किए गए हमले में किस प्रकार से पाकिस्तान का स्पष्ट रूप से हाथ रहा है।”

इन दिनों अफ़गानिस्तान में तालिबान की गतिविधियां दिन प्रतिदिन तेज़ हो रही है। जहां पाकिस्तान खुलेआम तालिबान को अपना समर्थन दे रहा है, तो वहीं दूसरी ओर वह भारत में आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा दे रहा है, ताकि भारत कश्मीर घाटी में आतंकियों से निपटने में ही उलझा रहे। लेकिन भारतीय सेना भी पूरी तरह इस ढाई मोर्चे के ‘संभावित युद्ध’ के लिए तैयार है, क्योंकि पूर्वी दिशा में चीन भी गिद्ध दृष्टि गड़ाये हुए हैं।

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