कोरोनावायरस को लेकर केरल की कम्युनिस्ट सरकार को बचाने के लिए मैदान में उतरा चीन

चीनी कंपनी हुवावे ने रॉयटर्स में 'केरल मॉडल' की तारीफ करते हुए लेख प्रायोजित किया है।

रॉयटर्स

चीन अपने समर्थकों के पक्ष में एजेंडा चलाने में महारात प्राप्त कर चुका है। हमने देखा है कि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के लोग चीन के प्रति अपना प्रेम जाहिर करते रहे हैं। ऐसे में ये स्वाभाविक बात है कि जब केरल की कम्युनिस्ट पार्टी के शासन पर सवाल खड़े होंगे तो चीन उनका बचाव करेगा। केरल में जिस प्रकार से कोरोनावायरस का प्रकोप बढ़ रहा है, उससे वहां की सत्ताधारी सीपीआई पर सवाल खड़े हो रहे हैं। ऐसे में अब केरल सरकार का बचाव करने के लिए चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी के इशारों पर नाचने वाली टेलीकॉम कंपनी हुवावे ने केरल मॉडल की तारीफ करने वाला एक लेख अमेरिकी मीडिया संस्थान रॉयटर्स में प्रायोजित किया है।

जब देश में कोरोनावायरस का ग्राफ दिन प्रतिदिन निचले स्तर पर जा रहा है, उस दौरान भी केरल अकेले कोरोना के राष्ट्रीय ग्राफ को ऊपर ले जाने पर तुला हुआ है। स्थिति इतनी विकट हो गई है कि यहां के दैनिक आंकड़े 30 हजार का आंकड़ा पार कर गए हैं।

ऐसे में केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के शासन पर लगातार सवाल खड़े हो गए हैं। इसी दौरान हुवावे ने रॉयटर्स में प्रकाशित एक लेख को प्रायोजित किया है, जिसमें केरल मॉडल को भारत के दूसरे राज्यों से बेहतर बताया गया है।

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इस लेख में बताया गया है कि कैसे एक वक्त जब पूरे देश में कोरानावायरस के मामले अधिक थे, तो केरल ने कोरोना वायरस को बेहतरीन तरीके से हैंडल किया था। केरल मॉडल को देश की राजधानी दिल्ली में भी अपनाया था, किन्तु विकट स्थिति के चलते वहां इसे त्यागना पड़ा।

केरल में कोरोनावायरस के मामले अधिक आने का कारण ये दिया गया कि वहां टेस्टिंग अधिक हो रही है। इतना ही नहीं ये भी कहा गया कि भले ही केस अधिक आ रहे हों किन्तु केरल में मृत्यु दर कम है। इसके विपरीत महत्वपूर्ण बात ये है कि केरल में महाराष्ट्र के बाद सर्वाधिक 20,134 लोगों की मौत हुई है।

रॉयटर्स में प्रकाशित लेख।

रॉयटर्स मे प्रकाशित लेख के मुताबिक केरल के अधिकारी बताते हैं कि कैसे उन्होंने इस पूरी महामारी को बेहतरीन तरीके से हैंडल किया है। अधिकारियों का कहना है कि वो टेस्टिंग को विस्तार दे रहे हैं एवं एंटीजन टेस्ट पर विशेष जोर दे रहे हैं।

जिससे कोरोना आसानी से कंट्रोल हो सके। यही कारण है कि राज्य में लॉकडाउन की पाबंदियां धीरे-धीरे खत्म हो रही हैं क्योंकि वो आसानी से बिना पाबंदियों के इसे रोकने में सहमत हैं। रॉयटर्स की सलाह है कि केरल मॉडल को ही अपनाकर देश के अन्य राज्यों में भी मोदी सरकार को कोरोना को कंट्रोल करना चाहिए। स्पष्ट है कि केरल मॉडल की दुर्दशा के बावजूद रॉयटर्स इसकी प्रशंसा कर रहा है, जिसकी प्रयोजक हुवावे है।

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हुवावे एक चाइनीज टेलीकॉम कंपनी है, जोकि चीन की सत्ताधारी पार्टी सीसीपी के इशारों पर नाचती है। हुवावे एक ऐसे लेख को प्रायोजित कर रही है जोकि बर्बाद केरल मॉडल की आज भी प्रशंसा कर रहा है।

ऐसे में ये कहा जा सकता है कि केरल में जिस तरह से कोरोना के मामले बढ़ने के बाद सत्ताधारी पार्टी सीपीआई एवं मुख्यमंत्री पिनराई विजयन की आलोचना हो रही है, ऐसे में उनका बचाव करने के लिए संभवतः ये एजेंडा हुवावे ने सीसीपी के इशारे पर ही चलाया हो क्योंकि चीन अपने समर्थकों को बचाने के लिए लगातार नए-नए हथकंडे अपनाता रहा है।

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