गुजरात में CM रहने के दौरान और PM बनने के बाद मोदी की नीतियों से भाविना पटेल ने जीता मेडल

गुजरात में सीएम रहने के दौरान भी पीएम मोदी खेलों को बढ़ावा देते थे।

भाविना पटेल

गुजरात के मेहसाणा की पैरा टेबल टेनिस खिलाड़ी भाविना हंसमुख भाई पटेल को मैच से पहले पीएम मोदी ने फोन किया। प्रधानमंत्री ने भाविना पटेल को पैरालिंपिक में उनके प्रदर्शन के लिए भी बधाई दी। भाविना पटेल ने पहले विश्व नंबर 2 और रियो पैरालंपिक स्वर्ण पदक विजेता बोरिसलावा रैंकोविक को महिला एकल वर्ग 4 वर्ग में सेमीफाइनल में पहुंचने के लिए हराया था।

पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, “बधाई हो भाविना पटेल! आपने बहुत अच्छा खेला। पूरा देश आपकी सफलता के लिए प्रार्थना कर रहा है और कल आपके लिए जयकार करेगा। अपना सर्वश्रेष्ठ दें और बिना किसी दबाव के खेलें। आपकी उपलब्धियां पूरे देश को प्रेरित करती हैं।’’ इससे पहले भाविना पटेल ने चीन की झांग मियाओ को भी हराकर फाइनल में प्रवेश किया था।

कल स्वर्ण पदक के मुकाबले में उनका सामना दुनिया की मौजूदा नंबर दो चीन की झोउ यिंग से होगा। व्हीलचेयर पर टेबल टेनिस खेलने वाली पटेल ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में कई स्वर्ण और रजत पदक जीते हैं। वह 2011 में आयोजित पीटीटी थाईलैंड टेबल टेनिस चैंपियनशिप के  व्यक्तिगत श्रेणी में भारत के लिए रजत पदक जीतकर विश्व नंबर 2 की रैंकिंग पर पहुंच गई।

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भारत की भाविना पटेल ने पिछले चैंपियन बोरिसलावा पेरीक-रैंकोविक को मात्र 18 मिनट में सीधे सेटो में 11-5, 11-6, 11-7 से हरा दिया था। इससे पहले शुक्रवार को भाविना पटेल ने ब्राजील के जॉयस डी ओलिविएरा पर 3-0 की शानदार जीत के बाद टोक्यो पैरालंपिक के क्वार्टर फाइनल के लिए क्वालीफाई किया था। इस मैच में भाविना पटेल ने जॉयस को सीधे तीन सेटों में 3-0 से हराकर खेल को अपने पक्ष में किया था।

भाविना पटेल और अन्य ओलंपिक तथा पैरालंपिक खिलाडियों की जीत के पीछे मोदी सरकार की खेल नीति भी रही हैl पीएम मोदी हमेशा खेल के प्रति युवाओं को रुझातें रहें हैl कभी व्यक्तिगत रूप से तो कभी सरकार के सहारेl गुजरात में जब पीएम मोदी मुख्यमंत्री थे उस वक्त भी वो खेलों के लिए योजनाओं को बनाते थे। गुजरात में उन्होंने खेल नीति को भी लागू कियाl गुजरात ने खेल नीति को लागू करने में देश का नेतृत्व किया और खेल-महाकुंभ तो उससे भी एक कदम आगे थाl

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गुजरात में जब नरेंद्र मोदी मुख्यमंत्री थे उस वक्त वो खेल महाकुंभ का आयोजन कराते थे। खेल महाकुंभ के दौरान 21 विभिन्न खेलों में रिकॉर्ड 21 लाख खिलाड़ियों ने अपना नाम दर्ज कराया था।

मोदी सरकार की 2014 में शुरू की गई एथलीटों की मदद करने की नीति ने देश को ओलंपिक में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के साथ साथ पैरालंपिक में भी मजबूत उम्मीद की नींव रखी हैl ‘टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम’ (टॉप्स) सितंबर 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में शुरू की गई थी। खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने संभावित पदक विजेताओं की तलाश के लिए विशेषज्ञों वाले चयन पैनल का नेतृत्व किया जिससे पदक जीतने वाले सबसे संभावित उम्मीदवारों में निवेश किया जा सका और उसका परिणाम आशातीत रहाl

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इस योजना के तहत सरकार ने एथलीटों और खिलाड़ियों को जब भी आवश्यक हो वित्तीय सहायता, प्रशिक्षण, कोचिंग और चिकित्सा सहायता प्रदान की। इस योजना का मुख्य लक्ष्य 2020 ओलंपिक में पदक जीतना था जोकि साकार होता दिख रहा हैl मोदी सरकार की खेल नीति से  सिर्फ खिलाड़ी ही नहीं बल्कि विभिन्न खेलों को भी देश में बढ़ावा मिला है क्योंकि मोदी ने उन पर मेहनत और प्रकाश डालने का फैसला किया है।

भारत में फुटबॉल ने संसाधनों और समर्थन की कमी के कारण कभी उड़ान नहीं भरी। परंतु 2017 में देश में FIFA Under-17 World Cup का आयोजन किया गया था। टूर्नामेंट से एक साल पहले, मोदी ने ‘मन की बात’ पर देश से फुटबॉल का स्वागत करने वाला माहौल बनाकर विश्व आयोजन के लिए तैयार होने का आग्रह किया था। पूरे साल वह लोगों को आने वाली घटना की याद दिलाते रहे और लोगों से टूर्नामेंट को अच्छी तरह से व्यवस्थित करने के बारे में अपने सुझाव साझा करने के लिए कहते रहे। उनकी इस लगन की बानगी विभिन्न ओलंपिक विजेताओं के कथन में दिखती है।

बड़े पैमाने पर लोगों के बीच खेल संस्कृति को विकसित करने के लिए प्रधानमंत्री की ओर से एक निरंतर प्रयास किया गया।

 

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