किसान आंदोलन को मजबूती देने के लिए कांग्रेस IT सेल के फैन पेज ने ओलंपिक खिलाड़ियों के नाम पर फैलाया झूठ

शर्म मगर इनको आती नहीं!

#withRG

कांग्रेस तो कांग्रेस अब उसके अनुयायी भी आंखों पर एजेंडा की पट्टी बांधकर सोशल मीडिया पर झूठी पोस्ट डाल रहे हैं। इसके द्वारा ये लोग देश और देश के खिलाड़ियों की छवि धूमिल करने में लगे हैं। ताजा उदाहरण, कांग्रेस विचार परिवार का अनुसरण करने वाले ऐसे ही फेसबुकिया तंत्र से अपनी रोटी सेंक रहे राहुल गांधी के समर्थन में बने पेज #withRG  से जुड़ा हुआ है।

#withRG पेज पर विगत 7 अगस्त को मध्यरात्रि 01:07 बजे कुछ ऐसा पोस्ट प्रसारित किया गया, जो 12 घंटे के भीतर ही वायरल हो गया। इसके वायरल होने का एकमात्र कारण था कि इसमें दावा किया गया था कि ‘पुरुष हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह ने मोदी सरकार को नए अधिनियमित कृषि कानूनों के विरोध में सरकार द्वारा दी जाने वाली पुरस्कार राशि को अस्वीकार कर दिया है।’

फ़ेक पोस्ट का स्क्रीशॉट

कहते हैं झूठ के पैर नहीं होते हैं, कुछ ऐसा ही इस दावे को पोस्ट करने के बाद सबको दिखाई भी दिया। मीडिया रिपोर्ट के आधार पर अभी तक मनप्रीत ने तो क्या ओलंपिक में गए किसी भी खिलाड़ी या प्रतिभागी ने ऐसा बयान नहीं दिया है। इस पोस्ट पर भी राहुल गांधी से लेकर कांग्रेस कि खूब किरकिरी हो रही है, क्योंकि यह पेज राहुल गांधी और कांग्रेस के विचारों से ही जुड़ा है।

दरअसल, फेसबुक में प्रचारित हो रही इस पोस्ट में दावा किया गया था कि पुरुष हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह ने ओलंपिक खेलों में जीत के परिणामस्वरुप मिलने वाली पुरस्कार राशि को ठुकरा दिया है। #withRG पोस्ट में आगे लिखा था कि मनप्रीत सिंह ने कहा है कि जब तक कृषि कानून वापस नहीं लिए जाते तब तक वो किसी भी तरह की प्रोत्साहन राशि स्वीकार नहीं करेंगे।

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मनप्रीत ने ऐसा कहा या नहीं कहा उससे पहले यह जान लेना अहम हो जाता है कि जिस पुरस्कार राशि का इस फेसबुक पोस्ट में उल्लेख किया गया है, वो वास्तव में ऐसी कोई घोषणा है भी कि नहीं ? इसका एक ही जवाब है, नहीं। केंद्र सरकार की ओर से ओलंपिक की शुरुआत 23 जुलाई से लेकर उसके समापन 08 अगस्त तक ऐसी कोई भी घोषणा किसी भी खेल के अंतर्गत नहीं की गई है। अभी तक राज्यों के अंतर्गत प्रतिभागियों और विजेताओं के लिए पुरस्कार राशियों की घोषणा भले ही की जा चुकी हो परंतु केंद्र ने ऐसी कोई भी घोषणा नहीं की है।

वहीं, इन फेसबुकिया दावों में कितनी सच्चाई और प्रामाणिकता है वो तो मनप्रीत द्वारा पूर्व में किए गए ट्वीट के माध्यम से स्पष्ट पता चल ही रहा है कि मनप्रीत सिंह सरकार के विरुद्ध यह बयान दे सकते हैं या नहीं। जबकि मनप्रीत सिंह का राजनीतिक जुड़ाव या कृषि कानूनों पर उनका मत अज्ञात है, उनके ट्विटर प्रोफाइल पर एक भी तथ्य ऐसा नहीं है जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए कोई दुर्भावना दिखती हो।

एक बात गौर करने की और है, इस जीत के तुरंत बाद पीएम मोदी ने कॉल पर न केवल पुरुष हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह से बात की थी बल्कि, बात करते समय का विडियो भी सोशल मीडिया पर चर्चित रहा क्योंकि उस वार्तालाप में भावनात्मक प्रतिबिंब स्पष्ट रूप से प्रदर्शित हो रहा था।

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और तो और टोक्यो ओलंपिक में पुरुष हॉकी टीम को प्राप्त विजय और कांस्य पदक जीतने के अवसर पर पीएम मोदी द्वारा उनके (मनप्रीत) नेतृत्व में प्राप्त हुई जीत के लिए बधाई दिए जाने पर, मनप्रीत ने ट्वीट करते हुए कहा था कि, “आपके प्रोत्साहन के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद, मेरे और टीम के लिए अपार स्नेह और समर्थन प्रदान करने के लिए– यह जीत आखिरी नहीं है, हमारी टीम आगामी भविष्य में देश के लिए और अधिक सम्मान लाने के लिए कड़ी मेहनत करेगी! जय हिन्द!”

यही नहीं, #withRG पेज पर भ्रामक तथ्य डालने वाले को यह भी देख लेना चाहिए था कि मनप्रीत पीएम मोदी की नीतियों से इतने ही रुष्ट थे तो उन्होंने सत्ताधारी पार्टी भाजपा के ट्वीट पर आभार ही क्यों जताया था। मनप्रीत द्वारा भारतीय जनता पार्टी के आधिकारिक हैंडल से बधाई संदेश का भी जवाब दिया गया था। उन्होंने जवाब देते हुए लिखा था कि, “समर्थन के लिए बहुत धन्यवाद।”

अब यदि कांग्रेस का उपासक, राहुल प्रेमी #withRG पेज अपनी पोस्ट को न हटाते हुए, इन सभी तथ्यों को गैर-तथ्यात्मक बताता है तो उस पर सोशल मीडिया पर झूठी बातें प्रसारित करने और देश की छवि धूमिल करने के आरोपों के तहत कार्यवाही होनी चाहिए। बात यहीं नहीं रुक जाती, जिस तरह इस कथित फेसबुक फैन पेज #withRG पर 7.72 लाख फॉलोअर्स हैं, यह कोई आम पेज नहीं है, इसका संचालन पूर्णतः कांग्रेस पार्टी का उसका आधिकारिक आई टी सैल करता होगा।

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इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि कांग्रेस पार्टी को हर उस क्षण में रूदाली राग शुरू करना होता है जिस समय पूरा देश गौरवान्वित महसूस कर रहा हो। अपने राजनीतिक सिद्धांतों या कहें फेक न्यूज़ के आडंबर को औचित्यपूर्ण बताने के मद में चूर कांग्रेस यह भी नहीं देखती है कि वो अपने देश के अभिमान, यशस्वी खिलाड़ियों के नाम का प्रयोग कर उनकी छवि धूमिल करने का काम करती है। यह वास्तविकता है कि अधिकांश लोगों ने उस पोस्ट को पढ़कर उसे निश्चित ही सत्य मान लिया होगा, जबकि यह पूर्ण रूप से कांग्रेस और उसके आई टी सैल द्वारा फैलाए गए झूठ का अंग था।

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