हॉकी की दशा सुधारने के लिए धनराज पिल्लई ने PM मोदी को किया धन्यवाद, तो काँग्रेसी चाटुकार उबल पड़े

जिस व्यक्ति ने 32 वर्ष बाद हॉकी में भारत को एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक दिलाया, उसके प्रति इतनी अपमानजनक भाषा ही काँग्रेस के चाटुकारों की मानसिकता को प्रदर्शित करती है

टाइम्स ऑफ इंडिया धनराज पिल्लई

भारत की पुरुष हॉकी टीम ने इतिहास रचते हुए टोक्यो ओलंपिक में जर्मनी को 5-4 से हराया और कांस्य पदक प्राप्त किया। 41 वर्ष बाद इस खेल में भारत को ओलंपिक में पदक प्राप्त हुआ, जो देश के लिए गौरव की बात है। जबसे भारत ने कांस्य पदक जीता है, भारतीय टीम के हर प्लेयर को प्रधानमंत्री से लेकर देश के लगभग हर बड़े छोटे व्यक्ति से बधाई मिल रही है। इसी बीच प्रसिद्ध हॉकी खिलाड़ी और पूर्व भारतीय कप्तान धनराज पिल्लई भी चर्चा में चल रहे हैं, परंतु कुछ अलग कारणों से। टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित उनके लेख के लिए काँग्रेस के चाटुकार उन्हें निशाने पर ले रहे हैं। लेकिन किस लिए? दरअसल, टाइम्स ऑफ इंडिया के लिए लिखे लेख में धनराज पिल्लई ने बताया कि किस प्रकार से पीएम मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने भी हॉकी की दशा बदलने में अपना योगदान निभाया –

 

टाइम्स ऑफ इंडिया के लिए लिखे लेख में धनराज पिल्लई ने बताया कि पीएम मोदी उन नेताओं में नहीं, जो केवल खोखले वादे करते हैं, बल्कि अपने वादों को पूरा भी करते हैं। लेकिन जिस देश में आज भी कुछ लोगों को सिर्फ इस बात से जलन मचती है कि नरेंद्र मोदी भारत के प्रधानमंत्री हैं, उन्हे धनराज पिल्लई द्वारा भारत के प्रधानमंत्री अथवा उनकी सरकार के योगदान की प्रशंसा में लिखा लेख कैसे पचेगा?

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ऐसे में काँग्रेस के चाटुकार लग गए काम पर। एक यूजर लिखता है, “शर्म कर, हमने सिर्फ 3 पदक जीते हैं। 1.35 लाख लोगों की जनसंख्या के साथ हम एक स्वर्ण पदक नहीं जीत पाए हैं। तुम लोगों को खाली चुनाव खेलना आता है”

 

एक अन्य यूजर लिखता है, “ये स्पष्ट तौर पर PR पीस है, क्योंकि धनराज स्वयं गुजरात स्पोर्ट्स अथॉरिटी में कोच है। वरना हम जानते हैं कि कैसे केंद्र सरकार खेलों को संभालती आई है” –

https://twitter.com/MaddockMaverick/status/1422977017880797188

 

Broad Wit नामक ट्विटर यूजर ने ट्वीट किया, “धनराज पिल्लई से ऐसी आशा नहीं थी। भाजपा का आईटी सेल उनके कंधे पर बंदूक रखकर अपना मतलब साधना चाहता है” –

 

ऐसे ही एक अकाउंट PolitiCrooks ने ट्वीट किया, “धनराज पिल्लई भले ही अच्छे प्लेयर रहे हों, परंतु वे एक बहुत ही बेईमान लेखक है। मोदी के समय से ही वह गुजरात में नियुक्त है, और इस चाटुकारी में उसने यह भी नहीं बताया कि किस सरकार ने वास्तव में हॉकी का पुनरुत्थान किया है और अश्विनी वैष्णव भी उसका घटिया आर्टिकल रीट्वीट करते हैं” –

 

एक उत्कृष्ट हॉकी प्लेयर धनराज पिल्लई ने टाइम्स ऑफ इंडिया में अपने लेख के माध्यम से केंद्र सरकार के योगदान के प्रति आभार क्या जताया, काँग्रेस के चाटुकार हाथ धोके पीछे पड़ गए। जिस व्यक्ति ने चार ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया, 32 वर्ष बाद 1998 में हॉकी में भारत को एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक दिलाया, उसके प्रति इतनी ओछी और अपमानजनक भाषा का उपयोग ही काँग्रेस के चाटुकारों की संकुचित मानसिकता को प्रदर्शित करता है।

लेकिन शायद इन्हे याद नहीं कि इनके आकाओं के समय भारतीय हॉकी की दशा कैसे थी। जब काँग्रेस समर्थित UPA की सरकार थी, तब 2008 के बीजिंग ओलंपिक में क्वालिफ़ाई तक नहीं कर पाई थी। यही नहीं, भारतीय हॉकी टीम ने 2011 में जब एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी जीती थी, तब उनके पास पहनने के लिए उचित जूते भी नहीं थे। ये हम नहीं कहते, बल्कि स्वयं पूर्व कप्तान राजपाल सिंह ने टाइम्स ऑफ इंडिया को एक इंटरव्यू में यह बात बताई –

ऐसे में धनराज पिल्लई के टाइम्स ऑफ इंडिया में छपे एक लेख के पीछे जिस प्रकार से कांग्रेसी चाटुकार हाथ धोके पड़े हुए थे, उससे स्पष्ट पता चलता है कि किस वे किस प्रकार से नरेंद्र मोदी के साथ-साथ हर उस व्यक्ति से चिढ़ते हैं, जो मोदी को तनिक भी समर्थन देता है। जब मीराबाई चानू के रजत पदक जीतने पर भारतीय भारोत्तोलन महासंघ ने मोदी सरकार द्वारा तैयारी में सहयोग देने के लिए आभार जताया, तो यही वामपंथी बौखला गए थे।

अब जब पुरुष हॉकी टीम द्वारा कांस्य पदक जीतने पर धनराज पिल्लई ने केंद्र सरकार को उनके योगदान के लिए आभार जताया, तो काँग्रेस के चाटुकार भड़क गए थे, भले ही खुद के राज्य में उन्होंने खिलाड़ियों को दोयम दर्जे के जूते पहनकर खेलने पर विवश किया हो।

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