‘मैंने फोटो शेयर करने की नहीं दी सहमति’, दिल्ली रेप पीड़िता की माँ ने उठाया राहुल गांधी के सफेद झूठ से पर्दा

शर्मनाक! राजनीतिक हित के लिए यहाँ तक गिर गए राहुल!

राहुल गांधी ट्विटर

जब नाश मनुज पर छाता है, पहले विवेक मर जाता है अर्थात जब मनुष्य की बुद्धि पर ताले पड़ जाते हैं तो वो अपने दिमाग से सोचना बंद कर देता है जिसके कारण उसका सब कुछ नष्ट होना तय हो जाता है। उसी निम्न सोच की वजह से आज कांग्रेस पार्टी और उसके चश्मोचिराग राहुल गांधी अहंकार में चूर हैं और इसी कारण अमानवीय कृत्य करने से भी नहीं चूक रहे हैं। ताजा उदाहरण दिल्ली के नांगल रेप केस से जुड़ा हुआ है। राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने ट्विटर पर न केवल पीड़िता के माँ-बाप और अन्य परिजनों की पहचान सार्वजानिक की, अपितु परिजनों की पहचान सार्वजानिक करने को लेकर  यह भी दावा कि वो सब पीड़िता के परिजनों की सहमति से किया गया था। परंतु अब पीड़िता की माँ ने यह साफ कर दिया कि, उनकी फोटो खींचने से लेकर उन्हें सोशल मीडिया पर प्रसारित करने तक उनकी सहमति नहीं ली गयी थी।

यानी देखा जाए तो ऐसा लगता है कि पीड़िता के माता-पिता राहुल गांधी को उनका ट्विटर अकाउंट वापस इस्तेमाल करने देने के मूड में नहीं हैं। पीड़िता के माता-पिता द्वारा फोटो शेयर करने की सहमति से इन्कार के बाद अब यहाँ सवाल यह भी उठता है कि क्या राहुल गांधी ने ट्विटर पर अपना अस्थायी निलंबन रद्द कराने के लिए झूठ बोला था? पीड़िता की माँ के बयान आने के बाद अब राहुल गांधी को अपना बचाव करना न सिर्फ मुश्किल होगा बल्कि अब उनके खिलाफ POCSO एक्ट के तहत कार्रवाई सुनिश्चित हो गयी है। 

https://twitter.com/TNNavbharat/status/1427676159521681408

 

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दरअसल, विगत 1 अगस्त को दिल्ली कैंट के पास एक श्मशान गृह के चार लोगों ने नौ साल की बच्ची के साथ कथित तौर पर बलात्कार किया और उसकी हत्या कर दी थी। आश्वासन के नाम पर मृत रेप पीड़िता के परिजनों के साथ ही राजनीति का क्रूरतम खेल राहुल गांधी की ओर से खेला गया।। राहुल ने पीड़िता के माता-पिता को अपनी  गाड़ी में बैठाकर बात की, और इसी दौरान उनकी फोटो खींच ली गयी। फोटो खिंचवाने में कोई बड़ी बात नहीं थी, पर उस फोटो को बिना ब्लर(BLUR) किए  सोशल मीडिया पर डाल दिया।

यह कृत्य अपराध की श्रेणी में आता है। जैसे ही राहुल ने इन फोटो को प्रसारित किया वैसे ही NCPCR सहित कई बाल विकास, महिला अपराध और मानव अधिकार से जुड़े संगठनों समेत विपक्षी दलों ने राहुल और कांग्रेस पर आक्रामक होते हुए उनपर कानूनी कार्यवाही करने की मांग तेज कर दी थी।

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पहले तो ट्विटर इस मामले पर सुस्त दिखा पर जैसे ही राहुल के विद्रोह में लोगों ने लिखना शुरू किया, वैसे ही ट्विटर ने हरकत में आते हुए पीड़िता के परिजनों की जानकारी वाले राहुल के ट्वीट को डिलीट कर दिया। बाद में ट्विटर ने अपनी  पॉलिसी के उल्लंघन के तहत राहुल गांधी के ट्विटर अकाउंट पर कार्यवाही करते हुए उनके अकाउंट को अस्थायी रूप से लॉक कर दिया था।

इसके विरोध में कांग्रेस ने ट्विटर के खिलाफ आंदोलन छेड़ कांग्रेस और उसके नेताओं ने भी उसी फोटो को शेयर करना शुरू कर दिया। ऐसी संवेदनशून्यता पर ट्विटर ने उन सभी बड़े-बड़े नेताओं से लेकर कांग्रेस समर्थकों के अकाउंटों पर कार्रवाई की इसके बाद तो कांग्रेस पार्टी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से यह कहा गया कि, “राहुल गांधी के पक्ष में उतरीं दुष्कर्म पीड़िता की मां, कहा – फोटो ट्वीट करने से उन्हें कोई आपत्ति नहीं।”

 

अब इस पूरे घटनाक्रम पर अब पीड़िता की मां की प्रतिक्रिया सामने आई है। jअब उनसे पूछा गया कि, “सोशल मीडिया पर डाली गई तस्वीरों के लिए क्या राहुल गांधी ने आप की सहमति ली थी?” तब  इसपर पीड़िता की माँ ने जवाब देते हुए कहा कि “नहीं, वो खुद फोटो लेकर गए थे और उसका जो भी किया उसमें न ही हमने लिखित में कुछ दिया और न ही कोई सहमति मौखिक रूप से प्रदान की गई थी।“

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अब जब इतने राग अलापने, ट्विटर को कोसने से लेकर उसे सरकार परस्त कहने के बाद राहुल गांधी और पूरी कांग्रेस जमात के सामने यह सवाल खड़ा होता है कि, जब कोई सहमति नहीं दी थी तो इतना बड़ा झूठ मात्र राजनीतिक रोटी सेंकने के लिए कहा गया? अब जब भेद खुल ही गया है तो राहुल गांधी से लेकर तमाम वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं और उन सभी पर कानूनी शिकंजा कसा जाना तय है जिन्होंने कांग्रेस और राहुल की अंधभक्ति में उस फोटो को धड़ल्ले से ट्वीट किया। राहुल गांधी ने इस बार जुवेनाइल जस्टिस एक्ट का उल्लंघन करते हुए पीड़िता के परिवार वालों की पहचान उजागर की है, जो कि जुवेनाइल जस्टिस एक्ट की धारा 74 और POCSO एक्ट के धारा 23 के अंतर्गत एक दंडनीय अपराध है। अब यह मुकदमा कायम होता है, या राजनीतिक  चकाचौंध की भेंट चढ़ जाता है यह तो आने वाला समय बताएगा।

 

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