उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के एक निर्णय ने तालिबानियों के भारतीय कनेक्शन पर सख्त कार्रवाई करने का संकेत दे दिया है। तालिबानियों का उत्तर प्रदेश के देवबंद से विशेष नाता माना जाता रहा है। यही नहीं इस्लाम के पुनर्स्थापना के लिए यूपी के देवबंद को एक गढ़ रहा है। भारत में अनेको आतंकी गतिविधियों के पीछे देवबंद की विचारधारा की मुख्य भूमिका भी सामने आती रही है। ऐसे में अब जब अफगानिस्तान में सत्ता परिवर्तन के बाद तालिबान के आतंकी राज का पुनरुत्थान हुआ है तो इससे एक बार फिर देवबंद में इस्लामिक कट्टरता का उदय होने की संभावनाएं जताई जा रही हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन सभी आशंकाओं की हवाइयां उड़ाते हुए एक बड़ा फैसला लिया है और सहारनपुर जिले के देवबंद में आतंकवाद विरोधी दस्ते यानि एटीएस कमांडो सेंटर के निर्माण का फैसला किया है।
अफगानिस्तान में पुनः तालिबान का राज आना पूरी दुनिया के लिए एक चिंताजनक बात है, क्योंकि इससे दुनिया में पुनः आतंक के विस्तार का डर लोगों के मन में बैठ गया है। ऐसे में उत्तर प्रदेश के सीएम योगी ने फैसला किया है कि राज्य के सहारनपुर और देवबंद के इलाकों में एटीएस का विशेष कमांडो सेंटर खोला जाएगा और बीस से ज्यादा अधिकारियों की तैनाती भी देवबंद में ही की जाएगी। प्रदेश के सबसे बेहतरीन कमांडोज को एटीएस के लिए प्रशिक्षण भी यहीं दिया जाएगा। ये जानकारी स्वयं योगी के मीडिया सलाहकार शलभ मणि त्रिपाठी ने दी है। ANI की रिपोर्ट के अनुसार योगी सरकार ने एटीएस कमांडो सेंटर के लिए 2000 वर्ग मीटर भूमि भी आवंटित कर दी है।
Uttar Pradesh Govt allots 2000 square meter land for construction of an Anti-Terrorism Squad (ATS) Commondo Centre in Deoband of Saharanpur district: CMO
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) August 17, 2021
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अपने ताबड़तोड़ फैसलों के लिए प्रसिद्ध योगी आदित्यनाथ के फैसले को लेकर उनके मीडिया सलाहकार शलभ मणि त्रिपाठी ने ट्विटर पर लिखा, “तालिबान की बर्बरता के बीच यूपी की खबर भी सुनिए, योगीजी ने तत्काल प्रभाव से देवबंद में ATS कमांडो सेंटर खोलने का निर्णय लिया है, युद्धस्तर पर काम शुरू भी हो गया है। प्रदेश भर से चुने हुए करीब डेढ़ दर्जन तेज तर्रार एटीएस अफसरों की यहां तैनाती होगी।” पहली नजर में योगी सरकार का ये फैसला एक आम सुरक्षा व्यवस्था से संबंधित फैसला प्रतीत होता है, किन्तु ये उतना साधारण फैसला नहीं है।
तालीबान की बर्बरता के बीच यूपी की खबर भी सुनिए,योगीजी ने तत्काल प्रभाव से ‘देवबंद’ में ATS कमांडो सेंटर खोलने का निर्णय लिया है,युद्धस्तर पर काम शुरू भी हो गया है,प्रदेश भर से चुने हुए करीब डेढ दर्जन तेज तर्रार एटीएस अफसरों की यहां तैनाती होगी। pic.twitter.com/cBcFqwEtYK
— Dr. Shalabh Mani Tripathi (मोदी का परिवार) (@shalabhmani) August 17, 2021
देवबंद एक ऐसा स्थान है जो कि भारत में इस्लामिक कट्टरता का एक गढ़ माना जाता है, ये एक ऐसा शहर हैं जहां से आए दिन मुस्लिमों से संबधित फतवे निकालने से लेकर रूढ़ीवादी मान्यताओं के विस्तार की खबर सामने आती रहती है। इसके विपरीत महत्वपूर्ण बात ये है कि देवबंद का एक महत्वपूर्ण कनेक्शन तालिबान से भी है। दरअसल, करीब डेढ़ सौ साल पहले जब 1857 में जब देश का इस्लामिक शासन खत्म हो गया और उसकी जगह अंग्रेजी शासन ने ले ली, तो 1866 में इस्लाम के पुनर्विस्तार के लिए मोहम्मद कासिम और रशीद अहमद गंगोही ने देवबंद में दारूल उलूम मदरसे की स्थापना की थी। साथ ही जमीयत उलेमा-ए-हिन्द की स्थापना भी देवबंद में ही वर्ष 1919 में की गई थी।
दूसरी ओर अफगानिस्तान में मौजूद अधिकतर मदरसे भी इसी दारूल उलूम देवबंद के ही हैं। तालिबान एक रोमन शब्द है, जिसका अर्थ “छात्र” है। सबसे महत्वपूर्ण बात ये भी है कि अफगानिस्तान में जो तालिबानी आतंकी लड़ाके हैं, वो सभी देवबंद विचारधारा के मदरसे से जुड़े हैं, और उनका एक विशेष संबंध दारूल उलूम देवबंद से भी है। हालांकि यहां के मौलान, मुफ्ती और उलेमा अकसर तालिबान को अपनाने से इनकार करते रहे हैं।
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इसके विपरीत एक सत्य ये भी है कि दारूल उलूम देवबंद से लेकर जमीयत उलेमा-ए-हिन्द की विचारधारा से संबंध रखने वाले अनेको युवक आतंकी गतिविधियों में संलिप्त पाए गए हैं, जिसके तहत भारत सरकार की सुरक्षा एजेंसियों ने उन्हें गिरफ्तार भी किया है। इन सभी कारणों के चलते अराजकता और इस्लामिक कट्टरता के कारण देवबंद हमेशा चर्चा का विषय बना रहता है।
अफगानिस्तान में पुनः तालिबान का राज आना, और तालिबान का देवबंद से सांकेतिक संबंध उत्तर प्रदेश समेत देश में इस्लामिक कट्टरता और आतंकवाद की वजह बन सकता है। इन सभी संभावनाओं से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अच्छे से परिचित हैं। यही कारण है कि सीएम योगी ने कमांडो सेंटर राज्य के सबसे संवेदनशील माने जाने वाले देवबंद इलाके में बनाने का फैसला किया है, जिससे किसी भी तरह की आतंकी गतिविधियों से सटीकता से निपटा जा सके।