गोल्ड स्मगलिंग केस: मुख्यमंत्री विजयन UAE ले गए थे नोटों का बंडल

अब जांच एजेंसियों के हाथ विजयन के कॉलर तक कभी भी पहुंच सकते हैं।

गोल्ड स्कैम

भले ही केरल में दोबारा केरल मुख्यमंत्री पिनराई विजयन की सरकार बन गई हो, किन्तु पिछले कार्यकाल के दौरान किए गए कुकर्म लिए एक बड़ी मुसीबत बनते जा रहे हैं। राज्य के चर्चित गोल्ड स्कैम में सीएम के मुख्य सचिव का नाम शामिल होना और मुख्य आरोपी स्वप्ना सुरेश द्वारा मुख्यमंत्री विजयन का नाम कबूला जाना उनके लिए एक बड़ी मुसीबत बन गया है। अब जांच एजेंसियों के हाथ विजयन के कॉलर तक कभी भी पहुंच सकते हैं।

दरअसल, इस मामले में कस्टम विभाग ने खुलासा किया है कि जिस दौरान केरल में गोल्ड स्कैम हुआ था, उस दौरान राज्य के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन स्वयं यूएई में थे। आरोप ये भी है कि उन्होंने ही तिरुवनंतपुरम से यूएई के एक काउंसलर के माध्यम से पैसे भेजे थे।

कस्टम विभाग ने गोल्ड स्कैम के संबध में कुछ बड़े खुलासे किए हैं। कस्टम विभाग का कहना है कि स्वपना सुरेश और यूएई दूतावास के पूर्व अधिकारी सरिथ पीएस को 29 जुलाई को 77 पेज का नोटिस भेजा गया था। उसके जवाब में इन दोनों ने बताया है कि सीएम पिनराई विजयन के यूएई दौरे के एक दिन बाद ही निलंबित आईएएस अधिकारी एम शंकर और मुख्य आरोपी बताए जाने वाले सीएम के प्रधान सचिव ने उससे संपर्क कर सीएम को यूएई में तत्काल पैकेट भेजने की बात कही थी।

स्वप्ना सुरेश ने बताया कि कैसे उन्होंने महावाणिज्य दूतावास के अधिकारी से संपर्क किया और फिर उसने अन्य अधिकारियों के साथ मिलकरे पैकेट को पहुंचाने की व्यवस्था की थी।

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 स्वप्ना के अनुसार एक महत्वपूर्ण बात ये भी है कि दूतावास तक पैकेट लाने वाले सरिथ ने ही स्वप्ना को ही बताया था, कि स्क्रीनिंग के दौरान उन्हें रुपये दिख गए थे। इस मामले में मुख्य तौर पर जानकारियां सरिथ द्वारा ही कस्टम विभाग और जांच एजेंसियों को दी गई है। सरिथ ने ही ये पैकेट प्रशासनिक विभाग के एक अधिकारी से लिया था, जिसे कथित तौर पर सीएम विजयन ले जाना भूल गए थे, और सरिथ ने स्वप्ना को पैकेट दिया था।

आरोपी ने बताया, “ये एक आयताकार पैकेट था, और भूरे रंग के मोटे कागज में ढका हुआ था। मैंने जिज्ञासा से उसे एक्स-रे मशीन में डालकर देखा तो उसमें एक बड़े बंडल के साथ रुपये और कुछ सामान्य चीजें थीं।”

इस मुद्दे पर हो रही जांच के संबंध में सरिथ के बयान के इतर पूर्व आईएएस अधिकारी ने बताया था कि वो पैकेट लिया जरूर गया था, किन्तु उसका उद्देश्य मुख्य तौर पर यूएई के गणमान्य अतिथियों को दिए जाने थे और इसीलिए महावाणिज्य दूत की मदद ली जा रही है।

इन तीनों के अलावा जितने भी प्रशासनिक अधिकारियों को इस संबंध में गिरफ्तार किया गया है, वे सभी कहीं न कहीं सीएम विजयन का ही नाम ले रहे हैं। ऐसे में उनके भ्रष्टाचार में संलिप्त होना स्पष्ट संकेत है कि मुख्यमंत्री पिनराई विजयन की मुश्किलें बढ़ गई हैं, क्योंकि उन पर ही पैसे यूएई ले जाने के आरोप लगे हैं।

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ये सारे आरोप इस तरफ इशारा करते हैं कि विजयन इस गोल्ड स्कैम की मुख्य कड़ी हैं जो कि स्वयं पैसे लेकर गए और फिर उनके इशारों पर ही 30 किलों ग्राम की तस्करी का मामला सामने आया। इस मामले में पहले ही उनके प्रधान सचिव को जांच एजेंसियों ने लपेटे में ले लिया है, लेकिन अब विजयन पर मुख्य आरोपियों द्वारा जो खुलासे किए गए हैं, जिससे उनकी काफी भद्द पिट सकती हैं। इस मुद्दे पर जिस तरह से ताबड़तोड़ कार्रवाई हो रही है, वो इस बात बात का संकेत है कि सीएम विजयन अपने राजनीतिक करियर के सबसे बड़े भ्रष्टाचार के आरोपों में घिर गए हैं।

इससे पहले भी उनकी पार्टी पर सौ करोड़ रुपए के सहकारी बैंक के घोटाले का आरोप लगा था,और खुलासा ये भी हुआ था, कि भ्रष्टाचार की सामूहिक बंदरबांट भी राजनेताओं द्वारा ही की जाती थी। पार्टी के बाद अब भ्रष्टाचार के सबसे बड़े मामले में विजयन  भी घिर गए हैं, जिससे उनकी राजनीतिक छवि बर्बाद हो गई है।

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