असम में हिंदू पुजारियों को हर महीने दिए जाएंगे 15,000 रुपये, हिमन्ता बिस्वा सरमा का निर्णय

कोई तो है जो सनातनियों के लिए सोच रहा है!

हिमन्ता सरकार

असम सरकार ने एक महत्वपूर्ण फैसला करते हुए कोरोना काल में आर्थिक तंगी से परेशान लोगों के लिए राहत पैकेज की घोषणा की है। खास बात यह है कि हिमन्ता सरकार ने मंदिरों के पुजारियों और असम में चलने वाले नामगृहों के संरक्षकों को ₹15,000 की आर्थिक मदद देने का निर्णय किया है। इसके अलावा प्राइवेट बस चालकों और उनके सहयोगियों को ₹10,000 की आर्थिक मदद देने का निर्णय किया है। यह फैसला इसलिए विशेष है क्योंकि भारत की अधिकांश राज्य सरकारें मौलानाओं और पादरियों को उदार आर्थिक मदद देती है किंतु हिंदू मंदिरों को सरकारी अनुदान नहीं मिल पाते हैं।

हिमन्ता सरकार ने हाल ही में गोलाघाट में स्थित अठखेलिया नामघर के विकास के लिए 5 करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की घोषणा की है। बता दें कि असम की लोक संस्कृति में भगवान कृष्ण की पूजा के लिए कई नाम घर बनाए गए हैं। इन नाम घरों में कृष्ण की उपासना मंत्रोचार के बजाए सीधे-साधे भजन कीर्तन के साथ होती है। हिंदू संस्कृति की भक्तिमार्गीय पूजा से जुड़े नामघर असम की लोक संस्कृति का एक महत्वपूर्ण अंग है।

हिमन्ता सरकार ने अपने गठन के बाद से ही यह स्पष्ट कर दिया है कि उनके शासन में हिंदुओं के साथ किसी भी प्रकार का अन्याय नहीं होगा। हिमन्ता ने सरकार गठन के बाद ऐसे फैसले कर रही है जो सीधे तौर पर हिंदुओं के हितों और उनकी भावनाओं से जुड़े हुए हैं। हाल ही में राज्य सरकार ने हिंदू जनमानस की भावनाओं का ध्यान रखते हुए गौ संरक्षण विधेयक को असम विधानसभा से पारित किया है। इस विधेयक के अनुसार हिन्दू, सिख और जैन मंदिरों के पांच किलोमीटर के दायरे में बीफ की बिक्री नहीं हो सकेगी।

इसके पूर्व असम सरकार ने दर्रांग जिले के सिपाझार में गोरखुटि में मंदिर की 120 बीघा जमीन पर से अवैध कब्जे को हटाया था। हेमंता सरकार में असम में एक विशेष राजनीतिक परिवर्तन आया है। विकास तो भाजपा के राजनीतिक मेनिफेस्टो का हिस्सा पहले से था ही, लेकिन हिमन्ता बिस्वा शर्मा के कारण असमी संस्कृति वृहत्तर हिंदू संस्कृति के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है।

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एक और सरकार असम की क्षेत्रीय संस्कृति को संरक्षित रखने के लिए जनसंख्या नियंत्रण कानून ला रही है, वहीं दूसरी ओर केंद्र के साथ मिलकर विश्व स्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट पर भी काम कर रही है। हाल ही में सरकार ने बताया है कि वह केंद्र के सहयोग से असम में ब्रह्मापुत्र के नीचे से भूमिगत सुरंग बनाने की योजना पर काम कर रही है। सरकार ने पर्यावरण संरक्षण के लिए सभी सरकारी बसों को डीजल के बजाय इलेक्ट्रिक और सीएनजी से चलवाने की योजना बनाई है। एक और असम में निरंतर विकास कार्य चल रहा है वहीं दूसरी ओर हिंदुत्व का पुनरुत्थान भी हो रहा है।

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