भारतीय हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह के पुरस्कार राशि को अस्वीकार करने में फेक न्यूज़ फैलाने वाले कांग्रेस को मुंह की खानी पड़ी है। भारतीय टीम के कप्तान ने कांग्रेस से बदला लेते हुए प्रधानमंत्री द्वारा खेल रत्न के नाम बदलने का समर्थन कर लिया है। उनके इस समर्थन के बाद अब उन विरोधियों और वामपंथियों को मुंह की खानी पड़ी जो खिलाड़ियों मे असंतोष की फ़ेक न्यूज़ फैलाकर मोदी सरकार और भारत की प्रतिष्ठा को धूमिल करना चाहते थे।
दरअसल, शनिवार (8 अगस्त) को, ‘विद आरजी‘ नाम से एक फेसबुक पेज ने एक विवाद को जन्म दिया, जिसमें आरोप लगाया गया था कि पुरुष हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह ने मोदी सरकार से नए अधिनियमित कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की थी। इस पेज ने अपने फेसबुक पोस्ट में दावा किया था कि, “हॉकी टीम केई कैप्टन मनप्रीत सिंह ने मोदी सरकार से पुरस्कार राशि को तब तक स्वीकार करने से इनकार कर दिया जब तक कि 3-काले कृषि कानून रद्द नहीं हो जाते।” एक दिन के अंदर ही यह पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। लिखे जाने तक इसे 10,000 लाइक्स, 895 कमेंट और 1600 शेयर मिले थे।
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सत्य क्या है?
मनप्रीत सिंह द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से किसी भी पुरस्कार को इनकार करने की मीडिया रिपोर्ट नहीं आई है। बल्कि मनप्रीत सिंह के साथ साथ भारतीय टीम का हर खिलाड़ी सरकार के सहयोग और समर्थन से संतुष्ट है। अब भारतीय पुरुष हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह ने खेल रत्न का नाम बदलने के पीएम मोदी के फैसले की सराहना की है।
पीएम मोदी के कदम की सराहना करते हुए मनप्रीत सिंह ने न्यूज़ चैनल ANI से बात करते हुए कहा, “यह हॉकी के लिए बहुत बड़ी बात है कि खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदलकर मेजर ध्यानचंद के नाम पर रखा गया है। यह हॉकी के लिए अच्छी बात है। पुरुष और महिला दोनों टीमों ने ओलंपिक में वास्तव में अच्छा प्रदर्शन किया और उसके बाद, सरकार ने खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदलने का फैसला किया।” उनके इस बयान से विरोधी ख़ेमे में नाराजगी का माहौल है।
It feels great to win a medal after so many years. The last medal we won was before my birth… The govt has taken right decision by renaming the 'Khel Ratna' award after Major Dhyan Chand: Indian Men's Hockey Captain Manpreet Singh on winning bronze at #Tokyo2020 Olympics pic.twitter.com/4O5zdftRcx
— ANI (@ANI) August 10, 2021
केंद्र सरकार ने नहीं की है अवार्ड की घोषणा
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने अभी तक भारतीय पुरुष हॉकी टीम के लिए किसी पुरस्कार की घोषणा नहीं की है। अभी तक केवल राज्य सरकारों ने नकद पुरस्कार और अन्य प्रोत्साहनों की घोषणा की है। बावजूद इसके ‘With RG’ नामक फेसबुक पेज ने यह फेक न्यूज फैलाई थी कि मनप्रीत ने कृषि कानूनों के विरोध में मोदी सरकार द्वारा दिए गए अवार्ड को लेने से मना कर दिया है।
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उदाहरण के लिए, मध्य प्रदेश सरकार ने नीलकांत शर्मा और विवेक सागा नाम के 2 खिलाड़ियों के लिए 1 करोड़ की घोषणा की थी। इसी तरह, पंजाब सरकार ने मनप्रीत सिंह सहित भारतीय पुरुष हॉकी टीम का हिस्सा रहे 8 खिलाड़ियों के लिए 1 करोड़ के इनाम की घोषणा की। हरियाणा सरकार ने राज्य के दो हॉकी खिलाड़ियों के लिए 2.5 करोड़, सरकारी नौकरी, जमीन का प्लॉट भी मंजूर किया था। यहां तक कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने भी हॉकी टीम को 1.25 करोड़ रुपये का इनाम देने की घोषणा की थी। हालांकि अभी तक केंद्र सरकार ने ऐसी कोई घोषणा नहीं की है।
मनप्रीत के ट्विटर प्रोफाइल पर एक नज़र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति कोई दुर्भावना नहीं दिखाती है। पीएम मोदी ने उन्हें उनके नेतृत्व के लिए बधाई दी। इसके बाद मनप्रीत सिंह ने अपने ट्वीट के जरिए पीएम मोदी का शुक्रिया अदा किया था। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, “आपके प्रोत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद सर, मेरे और टीम के लिए कभी न खत्म होने वाला समर्थन – यह आखिरी नहीं है, देश के लिए और अधिक सम्मान लाने के लिए कड़ी मेहनत करेगा! जय हिन्द!” उन्होंने भाजपा के बधाई संदेश का भी जवाब दिया था। भारत द्वारा कांस्य पदक के मैच में जर्मनी को हराने के बाद पीएम मोदी ने मनप्रीत सिंह को भी फोन किया था। इस प्रकार, मनप्रीत सिंह द्वारा कृषि कानूनों को रद्द नहीं करने के लिए पुरस्कार राशि को अस्वीकार करने की खबर फर्जी है!
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इतना विष तो शायद सायनाइड या हलाहल में भी नहीं होगा, जितना वामपंथियों में राष्ट्रवादियों के लिए भरा हुआ है। यदि कोई इस विचारधारा से जुड़े किसी व्यक्ति का समर्थन भी करता है, तो उसे नीचा दिखाने के लिए ये लोग किसी भी हद तक जा सकते हैं, जैसे नीरज चोपड़ा और मनप्रीत सिंह के मामले में देखा जा रहा है।