यदि केंद्र सरकार वास्तव में हमारे इतिहास को बदलने और हमारे वास्तविक वीरों का सम्मान करने के लिए उद्यत है, तो इस दिशा में उनके प्रयास अधूरे हैं। इसका एक प्रत्यक्ष उदाहरण है KnowIndia.gov.in, जहां पर मुगलों का महिमामंडन करते हुए अनेक कॉन्टेन्ट पाए गए। पता नहीं क्यों परंतु मुगलों का महिमामंडन करने की खुजली केंद्र सरकार के हाथ से इतनी जल्दी निकलती हुई दिखाई नहीं दे रही है।
मध्यकालीन भारतीय इतिहास के ‘संस्कृति’ सेक्शन में KnowIndia.gov.in दावा करता है, “मुगल काल में ही भारत एक हो पाया और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध हुआ।” अब अगर आप स्वतंत्रता संग्राम की दृष्टि से देखें तो ये बात कुछ हद तक सही कही जा सकती है, क्योंकि मुगलों के अत्याचार से तंग आकर समूचे भारत ने एक सुर में विद्रोह किया था, परंतु यहाँ Know India वेबसाइट का तात्पर्य है कि मुगलों के कारण भारत समृद्ध हुआ, जो कि सफेद झूठ है। विश्वास नहीं होता तो इस छंद को पढिए, “In India, there were many Muslim and Hindu kingdoms split all throughout India until the Mughals came.”
.@MinOfCultureGoI pic.twitter.com/78nTaD8lcr
— Ratan Sharda 🇮🇳 रतन शारदा (@RatanSharda55) August 23, 2021
लेकिन जैसे ही ये बात सोशल मीडिया पर सामने आई, जनता ने बवाल खड़ा कर दिया और केंद्र सरकार की जमकर आलोचना की। जिस प्रकार से औरंगज़ेब जैसे क्रूर आक्रांता का इस साइट ने महिमामंडन किया, उससे स्पष्ट था कि इस साइट के निर्माताओं को वास्तव में भारतीय इतिहास का कोई ज्ञान नहीं है।
जहांगीर के बारे में Know India वेबसाइट दावा करता है, “जहांगीर समाज सुधार की दिशा में बहुत काम करते थे, और हिन्दू, ईसाई एवं यहूदियों के प्रति बेहद सौम्य थे।” लेकिन इस पूरे वेबसाइट में मुगलों से युद्ध करने वाले राजपूत, मराठा और अहोम शासकों का उल्लेख मात्र तक नहीं किया गया था।
जब केंद्र सरकार की जनता ने जमकर धुलाई की, तो उन्होंने दावा किया कि Know India वेबसाइट उनके द्वारा नहीं चलाई जाती है। उनके ट्वीट के अनुसार, “हमारी जानकारी में लाया गया है कि एक Know India नामक वेबसाइट है, जो भारत के इतिहास को गलत तरह से चित्रित करता है। इस वेबसाइट का संचालन हमारा मंत्रालय नहीं करता है, और हम इस मामले की जांच पड़ताल कर रहे हैं।”
It has been brought to the Ministry's notice about content in Know India website (https://t.co/sbX72H5yHJ) that misrepresents India's history. The Ministry of Culture does not run this website and is working with the concerned entities to accurately portray the events.
— Ministry of Culture (@MinOfCultureGoI) August 23, 2021
यहाँ ध्यान देने वाली बात यह है सरकार ने माना कि इस वेबसाइट पर दी गयी जानकारी गलत इतिहास को चित्रित करती है।
चलिए, एक बार को मान लिया कि ये वेबसाइट केंद्र सरकार द्वारा संचालित नहीं थी। लेकिन क्या यह सरकार की जिम्मेदारी नहीं है कि यदि कोई सरकार के नाम पर इतिहास का गलत चित्रण कर रहा हो, तो उस पर नजर रखी जाए, और कुछ गलत होने पर सख्त एक्शन लिया जाए?
लेकिन Know India वेबसाइट का जो हश्र हुआ, उससे किसी को चकित नहीं होना चाहिए। जैसे कि TFI ने कुछ महीने पहले रिपोर्ट किया था, हमारे इतिहास के बारे में कई ऐसे पक्ष हैं, जिनका जानबूझकर गलत चित्रण किया गया है, और जिनके बारे में NCERT के पास तक कोई साक्ष्य नहीं है। न तो उनके पास इस बात के साक्ष्य हैं कि औरंगज़ेब एक धर्मनिरपेक्ष शासक थे, और न ही इस बात का प्रमाण है कि कुतुब मीनार को कुतुबउद्दीन ऐबक ने बनवाया था।
The claim, the question and the reply
aboutQutubMinar @Sanjay_Dixit @SureshChavhanke @madhukishwar @TimesNow @republic @Republic_Bharat @OpIndia_com @ShefVaidya @missionkaali pic.twitter.com/xOL9MHWIYQ— Neeraj Atri (@AtriNeeraj) January 18, 2021
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मोदी सरकार को शासन संभाले सात वर्ष हो चुके हैं, लेकिन अभी भी इतिहास की पुस्तकों में व्यापक बदलाव नहीं आए हैं। पिछले एक वर्ष में सरकार ने कुछ कदम अवश्य उठाए हैं, परंतु Know India वाले विवाद से लगता है कि ये सब पर्याप्त नहीं है, और केंद्र सरकार को अपना रवैया थोड़ा और सख्त करना पड़ेगा।