कोरोना की दूसरी लहर के दौरान कई राज्यों में ऑक्सीजन की कमी पड़ी थी। दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने ख़ूब ऑक्सीजन का रोना रोया था। इसी दौरान दिल्ली के जयपुर गोल्डन अस्पताल के एमडी ने नेशनल टेलीविजन पर बैठकर रोते हुए दावा किया था कि ऑक्सीजन की कमी से उनके अस्पताल में कई मरीजों की मौत हो गई। अब टाइम्स नाउ ने इस मामले में सनसनीखेज खुलासा किया है। टाइम्स नाउ ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि जयपुर गोल्डन अस्पताल में उस वक्त ऑक्सीजन की कमी से मरीजों की मौत नहीं हुई।
अप्रैल में जब दूसरी लहर देशभर में तांडव मचा रही थी, उसी वक्त दिल्ली के जयपुर गोल्डन अस्पताल ने कोर्ट में याचिका दायर की कि तत्काल प्रभाव से ऑक्सीजन की सप्लाई दिल्ली भेजी जाए। उनके यहाँ कथित तौर पर ऑक्सीजन की कमी से 25 लोगों की मृत्यु हो गई। इसके बाद में बात करते हुए जयपुर गोल्डन अस्पताल के प्रबंधक डीके बलूजा फूट-फूटकर रो पड़े थे।
https://twitter.com/MrSinha_/status/1422761387168722947?s=20
अब टाइम्स नाउ ने इस मामले में एक सनसनीखेज खुलासा किया है। टाइम्स नाउ की रिपोर्ट के अनुसार, ‘जयपुर गोल्डन अस्पताल के इसी एमडी ने दिल्ली पुलिस को दिए अपने बयान में कहा है कि जो 25 लोग मारे गए हैं, वे अधिकतर प्राकृतिक कारणों से मृत्यु को प्राप्त हुए थे। ऑक्सीजन सप्लाई में कमी ही उनके मृत्यु का कारण नहीं थी।
टाइम्स नाउ की रिपोर्ट के अनुसार, “जयपुर अस्पताल ने ऑक्सीजन सप्लाई को मृत्यु का कारण इसलिए बताया क्योंकि 23 और 24 अप्रैल को मृत्यु दर अचानक से बढ़ने लगी। हमने पहले लोगों को इस तरह मरते हुए नहीं देखा, इसलिए हमने ये दावा किया कि ऑक्सीजन की किल्लत के कारण हमारे अस्पताल में लोगों की मौत हुई है”
#NewsAlert | Delhi's Jaipur Golden Hospital tells Court that no deaths occurred in the hospital due to oxygen shortage during the peak second wave of #COVID19.
Details by Nilashish. pic.twitter.com/eb1BdQ5QJ6
— TIMES NOW (@TimesNow) August 3, 2021
यदि टाइम्स नाउ के दावे सच हैं तो क्या जयपुर गोल्डन अस्पताल अप्रैल में झूठ बोल रहा था? क्या दिल्ली सरकार की भांति जयपुर अस्पताल भी ऑक्सीजन की कृत्रिम किल्लत को बढ़ावा दे रहा था? यदि हाँ तो फिर डीके बलूजा के विरुद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
इसी प्रकार से जब अप्रैल में हर प्रकार से सुविधा प्रदान किए जाने के बावजूद दिल्ली सरकार ऑक्सीजन की आपूर्ति में आनाकानी कर रही थी तो दिल्ली सरकार को हाईकोर्ट ने जमकर लताड़ा। एक सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट ने तुरंत फटकार लगाते हुए कहा,“आपका (दिल्ली सरकार का) रवैया गैरजिम्मेदाराना है। ऑक्सीजन की कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ आपके पास कार्रवाई करने की शक्तियां हैं।
सिलेंडर (ऑक्सीजन) का कारोबार पूरी तरह गड़बड़ है। कालाबाजारी की सूचनाएं सामने आ रही हैं। आप दिल्ली में सरकार चला रहे हैं। हालात सुधारने की जिम्मेदारी भी आपकी है। लोग मर रहे हैं और आप मुनाफा कमा रहे हैं। अगर आपसे हालात नहीं संभल रहे तो हमें बताइए, केंद्र को स्थिति संभालने के लिए कहेंगे”।
ऐसे में यदि यदि टाइम्स नाउ के दावे के अनुसार कोई भी दिल्ली के जयपुर गोल्डन अस्पताल में ऑक्सीजन की किल्लत से नहीं मरा, तो इसका अर्थ स्पष्ट है– ऑक्सीजन की किल्लत का रोना रोकर दिल्ली प्रशासन और दिल्ली के कुछ अस्पतालों ने कई राज्यों को ऑक्सीजन एवं अन्य मूलभूत सुविधाओं से जानबूझकर वंचित रखा, जिसके लिए इन पर सख्त से सख्त कार्रवाई करनी बनती है।
इसके साथ ही सख्त कार्रवाई जयपुर गोल्डन अस्पताल दिल्ली के उस एमडी के ख़िलाफ़ होनी चाहिए जोकि नेशनल टेलीविजन पर बैठकर रो रहा था। सवाल ये भी है कि आखिरकार एमडी डीके बलूजा को जब निश्चित नहीं था कि मरीजों की मौत कैसे हुई फिर उन्होंने ‘ऑक्सीजन की कमी से मौत हुई’ का दावा क्यों किया ? क्या उनके ऊपर किसी का दवाब था ? ऐसे में एमडी से सख्ती से पूछताछ होनी चाहिए और झूठी अफवाह फैलाने के आरोप में उनपर केस दर्ज