विपक्ष की गुंडागर्दी को छुपाने के लिए, आज तक की रिपोर्टर ने सांसद के मुंह में डाले अपने शब्द

यही दरबारी मीडिया है!

मौसमी सिंह

कुछ पत्रकार ऐसे होते हैं, जो कि मीडिया संस्थानों के लिए केवल एक विशेष पार्टी को ही कवर करते हैं, क्योंकि यही उनकी बीट होती है। ऐसे में कभी-कभी कुछ पत्रकार अपने कर्तव्यों और आदर्शों को भूलकर उसी पार्टी का एजेंडा चलाने लगते हैं। वो पार्टी को कवर करते-करते उसके समर्थक बन जाते हैं। राज्यसभा में विपक्षी सांसदों द्वारा की गई अऱाजकता एवं तदपश्चात बोले गए झूठ को सच साबित करने में आज तक की महिला पत्रकार मौसमी सिंह भी पीछे नहीं रहीं।

ऐसे में जब कांग्रेस सांसद फूलो देवी ने धोखे में कैमरे पर ही संसद के घटना क्रम का असल सच बोल दिया, तो कांग्रेस कवर करने वाली महिला पत्रकार मौसमी सिंह ने उनके मुंह में ही अपने शब्द डालकर उन्हे सांकेतिक रूप से पार्टी लाइन के अनुसार बोलने के लिए सचेत किया। मौसमी सिंह के इस पथ प्रदर्शन के बाद जो फूलो देवी पहले हंगामें के लिए विपक्षी सांसदों को जिम्मेदार बता रही थीं, वो संसद में कार्यरत् मार्शलों पर झूठे आरोप लगाने लगीं।

इस पूरे मॉनसून सत्र के दौरान संसद के दोनों सदनों की कार्रवाई बाधित ही रही। विपक्ष पेगासस के ऊल-जलूल विषयों से लेकर कृषि कानूनों का विरोध करने के अंतर्गत किसानों के समर्थन का ढोंग करता रहा, किन्तु सरकार और संसद के सभापतियों द्वारा इन्हें कोई तवज्जो नहीं मिली। ऐसे मे इन विपक्षी सांसदों ने प्रत्येक दिन केवल अराजकता का माहौल बनाया। वहीं राज्य सभा में कांग्रेस नेताओं ने हद ही कर दी, और मेज पर खड़े होकर सभापति की कुर्सी की ओर ही रूल बुत फेंकने लगे। कांग्रेस समेत सभी विपक्षी नेता इस मुद्दे पर संसद में सुरक्षा के लिए तैनात मार्शलों तक के साथ  हिंसात्मक रवैया अपनाने लगे।

 

इतना ही नहीं, इस मुद्दे पर जब विपक्ष पर सवाल खड़े हुए तो कांग्रेस ने इसे महिला सांसदों के सात बदसलूकी के मुद्दों से जोड़ दिया। हालांकि, इस मामले के पूरे सीसीटीवी फुटेज भी सामने आ चुके हैं, किन्तु कांग्रेस अपने रवैए पर कायम है। सबसे अजीबो-गरीब बात ये है कि वो कांग्रेस कवर करने वाले पत्रकार भी कांग्रेस की लाइन पर ही चल रहे है। वहीं आज तक की पत्रकार मौसमी सिंह इस कांग्रेसी चाटुकारिता का एक बड़ा उदाहरण है। मौसमी जब कांग्रेस सांसद फूलो देवी से बात कर रही थीं तो सांसद ने कहा, “पूरुष सांसदों ने सबसे ज्यादा धक्का मुक्की उनके कारण ही कई महिलाएं पुरुष सांसदों के बीच फंस गईं। ऐसे में उन्हें और अन्य कई महिला सांसदों को चोटें आईं हैं।”

सांसद फूलों देवी ने सारे आरोप विपक्ष के पुरुष सांसदों पर थोप दिए , जबकि कांग्रेस मार्शल्स को जिम्मेदार ठहरा रही है। ऐसे में कांग्रेस कवर करने वाली मौसमी सिंह का कांग्रेस के प्रति प्रेम जग गया, एवं उन्होंने फूलों देवी से ही कहा, “मार्शल्स ने धक्का मुक्की की न?” स्पष्ट है कि मौसमी सिंह कांग्रेस  सांसद को पार्टी लाइन के अनुसार चलने का संकेत दे रही थी। उनके इस संकेत के बाद ही फूलों देवी ने बयान बदलते हुए कहा कि हां मार्शल्स ने धक्का मुक्की की। इस घटना क्रम से साफ पता चलता है कि मौसमी सिंह किस तरह से कांग्रेस की चाटुकारिता कर रही है।

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मौसमी सिंह का ये रुख स्पष्ट करता है कि उन्होंने कांग्रेस का पक्ष लेने की पहले ही प्लानिंग कर ली थी, जिसके चलते उन्होंने कांग्रेस सांसद को इशारा कर के कैमरे के सामने ही बयान बदलवा दिया। ये कोई पहली बार नहीं, क्योंकि  मौसमी सिंह कांग्रेस कवरेज के दौरान हमेशा ही उसकी ही भाषा बोलने लगती हैं ,जिसके चलते उनका सोशल मीडिया पर खूब मखौल भी उड़ता है और यही एक बार फिर हुआ है। आश्चर्यजनक बात है कि सरेआम कैमरे के सामने चाटुकारिता करने के बावजूद उनके खिलाफ आजतक कभी कोई एकश्न नही लेता है।

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