सुषमा स्वराज को गए 2 वर्ष हो चुके हैं, विपक्ष आज भी हथियार के रूप में उन्हें PM Modi के खिलाफ इस्तेमाल कर रहा है

शर्मनाक!

सुषमा स्वराज लेख

5 अगस्त 2019 को एक ऐतिहासिक निर्णय में भारत सरकार ने जम्मू एवं कश्मीर को भारत से अलग रख रहे अनुच्छेद 370 के विशेषाधिकार संबंधी प्रावधान निरस्त कर दिए थे। देश इस अभूतपूर्व निर्णय के जश्न में डूबा ही हुआ था कि 6 अगस्त 2019 को एक हृदयविदारक खबर ने सभी को झकझोर दिया। पूर्व विदेश मंत्री और भाजपा की कद्दावर नेता सुषमा स्वराज संसार से चल बसी थी, और कई देशवासियों के लिए ये बेहद दुखदाई क्षण था। 2 वर्ष बाद भी सुषमा स्वराज की स्मृति धूमिल नहीं हुई है, लेकिन इसके पीछे एक अलग ही कारण है। सुषमा स्वराज अब विपक्ष और वामपंथियों के हाथों में वो अस्त्र है, जिसके बल पर वह मोदी सरकार को नीचा दिखाना चाहती है। विश्वास नहीं होता तो इस लेख को देख लीजिए –

द क्विंट द्वारा प्रकाशित इस लेख के शीर्षक में ही वामपंथियों का मोदी सरकार के प्रति विद्वेष स्पष्ट दिखाई दे रहा है। शीर्षक में लिखा है, ‘सुषमा स्वराज – एक योग्य राजनीतिज्ञ जिनकी कार्य कुशलता को दबा दिया गया’। इसे लिखा भी तो किसने? काँग्रेस के पोस्टर ब्वॉय शशि थरूर ने!

इस लेख के अंश अनुसार,

“एक पासपोर्ट अफसर को administrative punishment देने के लिए जिस प्रकार से सुषमा जी को अपने ही पार्टी के सदस्यों और समर्थकों के अपमान का सामना करना पड़ा, वो दिखाता है कि किस प्रकार से वो उनके हिन्दुत्व ईकोसिस्टम के ‘लड़कों’ में कभी फिट ही नहीं हो पाई”। यहाँ शशि थरूर का इशारा उस मामले की तरफ था, जहां पर एक पासपोर्ट से संबंधित विवाद के मामले में एक अफसर के दंडात्मक पोस्टिंग पर अनेक भाजपा समर्थकों ने सुषमा स्वराज को आड़े हाथों लिया था।

लेकिन शशि थरूर अकेले नहीं थे, जो सुषमा स्वराज की ओट लेकर भाजपा पर निशाना साध रहे थे। डीएमके के सदस्य और अभिनेता उदयनिधि स्टालिन ने मोदी को निशाने पर लेते हुए सुषमा स्वराज और अरुण जेटली को दरकिनार करने का आरोप लगाया।

उदयनिधि के बयान के अनुसार,

“एक महिला थी, जिसका नाम था सुषमा स्वराज। वह इसलिए चल बसी क्योंकि उनपर मोदी दबाव बना रहा था। एक आदमी, जिसका नाम था अरुण जेटली, वे भी मोदी के दबाव के कारण परलोक सिधार गए। आपने उन सबको साइडलाइन कर दिया। पर मैं ई पलानीस्वामी जैसा नहीं। मैं उदय निधि स्टालिन हूँ, कलाईगनार [करुणानिधि] का बेटा!”

इन बयानों से स्पष्ट पता चलता है कि विपक्ष के लिए सुषमा स्वराज अटल बिहारी वाजपेयी की भांति वो लाठी है, जिसका उपयोग वो मोदी सरकार की छवि बिगाड़ने में कर सकते हैं। लेकिन उदयनिधि स्टालिन के प्रोपगैंडा का मुंहतोड़ जवाब देते हुए सुषमा स्वराज की बेटी बाँसुरी स्वराज ने ट्वीट किया,

“उदयनिधि, अपने घटिया पोल प्रोपगैंडा के लिए कृपया मेरी माँ की स्मृतियों का उपयोग न करें। आप सरासर झूठ बोल रहे हैं। मेरी माँ के प्रति पीएम मोदी ने बहुत सम्मान जताया है। हमारे सबसे मुश्किल समय में वे और उनकी पार्टी हमारे साथ डटके खड़ी रही थी। आपके बयानों ने हमारा दिल दुखाया है!”

सुषमा स्वराज उन चंद नेताओं में शामिल थी, जिनका प्रभुत्व मानने को विपक्ष भी विवश था। लेकिन उनकी मृत्यु के पश्चात जिस प्रकार से कुछ नेता इस प्रकार के लेख और बयानों के माध्यम से अपने निजी लाभ के लिए उनकी स्मृतियों का दुरुपयोग कर रहे हैं, उसकी जितनी निंदा की जाए, कम है।

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