अपने नवीनतम भाषण के साथ ही औपचारिक तौर पर आतंकवादी बन गई महबूबा मुफ्ती

महबूबा ने भारत के विरुद्ध विषवमन किया है।

महबूबा मुफ्ती वाजपेयी डॉक्टरिन

अब तक पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती सईद को अब तक एक अलगाववादी समर्थक नेता कहा जाता था। परंतु अब जिस तरह का भाषण उन्होंने सार्वजनिक तौर पर दिया है उससे इतना तो स्पष्ट हो गया कि अब वह आधिकारिक तौर पर आतंकी कहलाई जा सकती हैं।

वो कैसे? दरअसल, हाल ही में जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती सईद की अम्मी गुलशन नजीर को प्रवर्तन निदेशालय ने महबूबा के संपत्ति से संबंधित मामलों के पूछताछ के लिए तलब किया। इसपर महबूबा बुरी तरह भड़क गईं और वह एक आतंकी की भांति तालिबान का उदाहरण देते हुए भारत को खुलेआम धमकाने लगी।

महबूबा मुफ्ती ने कहा, “जो कश्मीर की अवाम सह रही है, उसके लिए जिगर चाहिए, लेकिन उनके सहनशीलता का बाँध टूटा तो सरकार हार जाएगी। अगर पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की डॉक्टरिन के तहत पाकिस्तान से बातचीत शुरू नहीं होता है तो कश्मीर को बर्बाद होने में समय नहीं लगेगा।”

जी न्यूज के रिपोर्ट के अंश अनुसार,

“कुलगाम में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए मोदी सरकार को चेतावनी दी। महबूबा मुफ्ती ने पीएम मोदी से कहा कि वह अपने पड़ोस (अफगानिस्तान) की ओर नजर घुमाएं, जहां सुपर पावर अमेरिका को भी बैग पैक करके भागने को मजबूर होना पड़ा है। महबूबा मुफ्ती सईद ने चेतावनी दी कि अगर उसने वाजपेयी डॉक्टरिन के तहत पाकिस्तान से दोबारा बातचीत शुरू नहीं की तो उसे भी ऐसे ही बर्बाद होना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि सरकार कश्मीरियों के सब्र का इम्तेहान न ले, उसे एक दिन परास्त होना पड़ेगा।”

लेकिन वे वहीं नहीं रुकी। उन्होंने आगे कहा, “JK के टुकड़े-टुकड़े कर दिए, इस गलती को सुधारो। लोग सोचते हैं कि ये क्या करेंगी, लेकिन कभी-कभी एक चींटी हाथी के सूंड में घुस जाती है तो उसका भी जीना मुश्किल कर देती है। कश्मीरी कमजोर नहीं हैं, वे बहादुर और धैर्यशील हैं। यह उनका साहस और धैर्य ही है कि उन्होंने अब तक बंदूक नहीं उठाई है। जिस दिन उनका धैर्य जवाब दे दिया, उस दिन सब कुछ खत्म हो जाएगा।”

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यह आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले बयान नहीं तो और क्या है? महबूबा को शायद आभास नहीं है कि अब भारतीयों की याददाश्त पहले जैसी कमजोर नहीं है। वे भली भांति जानते हैं कि किसने उनके भाइयों और बहनों को 90 के दशक में अपने ही घरों को त्यागने पर विवश किया था। ऐसे में यदि महबूबा सोचती है कि गीदड़ भभकियों के बल पर वह मोदी सरकार को डराकर अपनी बात मनवा लेंगी, तो वह बहुत बड़े मुगालते में जी रही हैं।

जम्मू कश्मीर बीजेपी के अध्यक्ष रवींद्र रैना ने महबूबा मुफ्ती सईद के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते उसे राष्ट्रद्रोह बताया है। रवींद्र रैना ने कहा कि जम्मू कश्मीर के लोग राष्ट्रभक्त हैं, वे महबूबा के भड़काऊ बयानों में नहीं आने वाले। रवींद्र रैना के अनुसार महबूबा अपनी सियासी जमीन खिसकती देख ऐसे बयान दे रही हैं, लेकिन जो भारत के खिलाफ षडयंत्र करेगा, उसे मिट्टी मे दफन कर दिया जाएगा। स्वयं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उन्हें इस तरह के बयान से बचने की सलाह दी है।

सच कहें तो महबूबा मुफ्ती अब तालिबान के सहारे अपनी खोई हुई ‘इज्जत’ वापिस पाना चाहती है। लेकिन न तो यह 1990 का दशक है, जहां उसके एक इशारे पर पूरा प्रशासन झुक जाएगा, और न ही केंद्र प्रशासन इतना कमजोर है कि उसकी गीदड़ भभकियों से डर जाएगा।

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