योगी के UP पर पैसे बरसा रही हैं, Microsoft, Pepsi, और कुछ अन्य बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ

उत्तर प्रदेश ने उत्तम प्रदेश बनने की ओर एक और कदम बढ़ाया

ग्रेटर नोएडा निवेश

उत्तर प्रदेश अब उत्तम प्रदेश बनने की ओर बढ़ रहा है। कम से कम आंकड़े तो यही बता रहे हैं कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में प्रदेश की स्थिति बहुत तेजी से बदल रही है। यह तब हो रहा है जब पूरे देश में अर्थव्यवस्था चरमरा गई है और उत्तर प्रदेश में निवेश की बारिश हो रही है।

हाल ही में आई खबर के अनुसार, उत्तर प्रदेश में अमरीकी तकनीकी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट, सॉफ्टवेयर कम्पनी MAQ और खाद्य पदार्थों का निर्माण करने वाली कम्पनी पेप्सिको, ₹2800 करोड़ रुपए का निवेश करने जा रही है। माइक्रोसॉफ्ट 60,000 स्क्वायर मीटर में देश का सबसे बड़ा सेन्टर बनाने जा रही है। उन्हें जमीन उपलब्ध करा दी गई है। वहीं MAQ को भी 16,350 sq मीटर जमीन नोएडा में उपलब्ध करा दी गई है। कौशल विकास मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह के अनुसार, प्रदेश में बाहरी कम्पनियां आने के लिए आतुर है। अमेजन, एडोबी, एप्पल, केटरपिलर, सिस्को, मास्टरकार्ड, वालमार्ट और गूगल जैसी कम्पनियों ने प्रदेश में निवेश करने के लिए जिज्ञासा दिखाई है।

2 दिन पहले ही उत्तरप्रदेश में निवेश को आकर्षित करने के लिए बरेली में फ़ूड पार्क की नींव रखी गई है। इस पार्क में खाद्य पदार्थों से जुड़ी कम्पनियां काम कर सकती है। 250 एकड़ के योजना में 30 एकड़ पहले ही हिंदुस्तान पेट्रोलियम को आवंटित कर दिया गया है जो वहां पानी के प्रोसेसिंग यूनिट लगाएगी। फ़ूड पार्क योगी आदित्यनाथ द्वारा बनाया गया एक प्रकार का स्पेशल इकोनॉमिक जोन है, जहां किसानों और उद्योगपतियों को साथ लाकर किसानों की आय और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ाये जाएंगे।

मार्च में योगी आदित्यनाथ ने विधान सभा में कहा था कि उत्तरप्रदेश में उनकी सरकार दुबारा बन जाने पर उत्तरप्रदेश देश का सबसे मजबूत आर्थिक राज्य बन जाएगा। उन्होंने कहा कि मात्र 4 सालों में ही उत्तरप्रदेश पांचवे सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से दूसरे पायदान पर आ गया है। 2015-16 में उत्तर प्रदेश की जीडीपी 10.90 लाख करोड़ रुपये थी जो अब बढ़कर 21.73 लाख करोड़ पहुंच गई है। समाजवादी पार्टी के शासन में प्रत्येक व्यक्ति आय ₹43,000 थी जो चार वर्षों में बढ़कर ₹95,000 जो गई है।

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योगी आदित्यनाथ ने कहा, “चार साल पहले, यूपी एक बीमारू राज्य के रूप में जाना जाता था। इतनी बड़ी आबादी वाले राज्य में मात्र 2 लाख करोड़ रुपये का बजट था। इतने बड़े राज्य के गांवों, शहरों, युवाओं, महिलाओं के विकास के लिए बजट के आकार को विस्तारित करना होगा। 2015-16 में, इज ऑफ डूइंग बिजनेस में यूपी 14 वें स्थान पर था, आज यह दूसरे स्थान पर है।”

गुजरात मॉडल और केरल मॉडल पर बड़ी-बड़ी बातें आपको सुनने के लिए मिल जाएंगी पर उत्तरप्रदेश का मॉडल इन मॉडलों से ज्यादा कारगर साबित होता दिख रहा है। मात्र 3.5 वर्षों में 1 लाख 88000 करोड़ रुपये का निवेश आ चुका है जिसमें ₹66,000 करोड़ का निवेश लॉकडाउन के समय आया है। बहुत से लोग अब यूपी मॉडल को समझ रहे है। प्रदेश में चल रही सरकारी विकास योजनाएं, उत्तर प्रदेश के स्वर्णिम दौर की नींव है। विभिन्न हिस्सों में बन रहे एक्सप्रेसवे, राजधानी से सटे हुए क्षेत्रों में प्रशासनिक सेवा, नए अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे और लालफीताशाही का अंत चंद उदाहरण है जिससे प्रदेश में आर्थिक विकास हो रहा है। निवेश मित्र नामक पोर्टल से एप्पलीकेशन से लेकर क्लीयरेंस तक, सबकुछ एक खिड़की से हो जा रहा है। महीने भर के भीतर जमीन अधिग्रहण से लेकर राज्य प्रशासन द्वारा स्वीकृति प्रदान कर दी जा रही है। इन्हीं कारणों से उत्तर प्रदेश में इस स्तर पर काम हो रहा है।

प्रदेश में हो रहे काम को निवेश करने वाले भी सराह रहे है। Lays और डोरिटो जैसे ब्रांड की मातृ संगठन पेप्सिको ने ₹500 करोड़ निवेश करने के बाद कहा, “यूपी में फैक्ट्री लगाने के बाद हमारी उत्पादन क्षमता कुछ ही वर्षो में दोगुनी हो जाएगी और किसानों के साथ हमारे सम्बंध भी मजबूत होंगे।”

ITC के चितरंजन दार ने कहा, “मुख्यमंत्री के दूरगामी योजनाओं और सरकार के मित्रवत व्यवहार से प्रोत्साहित होकर ITC अब उत्तरप्रदेश में पैर फैला रहा है।”

हल्दीराम के संजय सिंघानिया ने कहा, “फ़ास्ट ट्रैक प्रक्रियाओं, नए जेवर हवाईअड्डे, सरकार के पीछे से समर्थन और एक्सप्रेसवे परियोजनाओं को देखते हुए हम उत्तरप्रदेश आ रहे है।”

उत्तरप्रदेश में अब स्थिति दूसरी है। आज यूपी के पास देश के सबसे बेहतरीन एक्सप्रेसवे है। आज यहां निवेश और व्यापार को बढ़ाने की प्रतिबद्धता दिख रही है। बुंदेलखंड में ग्रीन डिफेंस कॉरिडोर बन रहा है। सिर्फ इस परियोजना से 1 लाख करोड़ से अधिक के निवेश आने की संभावना है। सरकार भ्र्ष्टाचार के खिलाफ सख्त है। निवेशको को संसाधन, सुरक्षा और स्वीकृति ही चाहती है जो उत्तरप्रदेश में मिल रही है। एंकर रिसर्च लैब के CEO अनुपम प्रसाद ने बताया, “हमें एक पैसा भी किसी को नही देना पड़ा है। ऐसा पहले की सरकारों में नही होता था। सरकार हमारी जरूरतों के लिए सहायक दिखाई दी।”

चीन में मजदूरी महंगी होने के बाद निवेशक और उद्योगपति दुनिया भर में जा रहे है और उत्तरप्रदेश सरकार उन्हें आकर्षित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। ऐसी ही कम्पनी जर्मनी की है जो उत्तरप्रदेश आई है। जूते के निर्माण से जुड़ी हुई कम्पनी, Von Wellx ने अपनी सहायक कम्पनी लाइट्रिक इंडस्ट्रीज चीन से सारा धन और व्यापार लेकर उत्तरप्रदेश में आ गई है।

उत्तर प्रदेश जनसंख्या के लिहाज से भारत का सबसे बड़ा राज्य है लेकिन यह आबादी कौशल के अभाव में मैनुअल लेबर करने के मजबूर होती है। एक लंबे समय से उत्तर प्रदेश की छवि, गुंडागर्दी, भ्र्ष्टाचार, व्यस्त व्यवस्था की रही है लेकिन सरकार अब इस छवि को सुधार रही है। गुंडे और अपराधियों के लिए उत्तरप्रदेश नरक से कम नही है। बड़े बड़े भूमाफिया और गुंडे जेल की सलाखों के पीछे है।

कोरोना काल के दौरान 35 लाख से ज्यादा मजदूर वापस प्रदेश आये है, उन्हें रोजगार देना आवश्यक है। प्रदेश में अभी भी बहुत सी कमियां है। बिजली समेत बहुत सी चीजें महंगी है, जो निवेशकों को थोड़ा परेशान कर सकती है। प्रदेश के कई हिस्सों में MSME घाटे में है। इन सारे चीजों को अगर सही तरीके से सम्भाल लिया गया तो उत्तरप्रदेश भारत का पहला 1 ट्रिलियन डॉलर जीडीपी वाला राज्य बन सकता है।

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