दक्षिण अफ्रीका के पूर्व बल्लेबाज हर्शल गिब्स ने कश्मीर प्रीमियर लीग (केपीएल) में खिलाड़ियों की भागीदारी को लेकर भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) पर सवाल खड़े किए हैं। गिब्स ने एक ट्वीट में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) पर निशाना साधा और दावा किया कि क्रिकेट संचालन संस्था ने उन्हें धमकी दी है। बीसीसीआई ने इस पर कड़ा ऐतराज जताया है. बीसीसीआई ने हर्शल गिब्स के साथ-साथ पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को भी आड़े हाथों लेते हुए फटकार लगाई है।
पाकिस्तान अवैध रूप से कब्जाए गए कश्मीर के हिस्से (POK) में टी-20 लीग करवा रहा है। पहली बार होने जा रहे इस टूर्नामेंट में छह टीमें खेलेंगी, जिसकी शुरुआत छह अगस्त से होने जा रही है। खिताबी मुकाबला 17 अगस्त को होगा। हर्शल गिब्स ओवरसीज वॉरियर्स टीम का हिस्सा हैं। मुजफ्फराबाद टाइगर्स, बाग स्टैलियन, रावलकोट हॉक्स, कोटली लायंस और मीरपुर रॉयल्स जैसी अन्य टीमों के लिए पीसीबी ने कई विदेशी खिलाड़ियों को भी साइन किया है।
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बीसीसीआई ने पीओके के लिए पाकिस्तान द्वारा आयोजित की जा रही कथित कश्मीर प्रीमियर लीग योजना के संबंध में पीसीबी और हर्शल गिब्स को अपने बयानों की सत्यता जांचने के लिए कहा है। पीसीबी ने एक आधिकारिक विज्ञप्ति में बीसीसीआई पर कई आईसीसी सदस्यों को बुलाने और उन्हें कश्मीर प्रीमियर लीग (केपीएल) से अपने सेवानिवृत्त क्रिकेटरों को वापस लेने के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया था। इसके साथ ही पीसीबी ने बीसीसीआई को अपने अधिकारों में रहने की चेतावनी भी दी थी। पीसीबी ने कहा था कि अगर बीसीसीआई नहीं माना तो वो आईसीसी में शिकायत दर्ज करवाएगा।
अब इस मामले पर बीसीसीआई ने अपनी चुप्पी तोड़ी है। बीसीसीआई के एक अधिकारी ने न्यूज़ एजेंसी से बात करते हुए कहा, “पीसीबी भारतीय बोर्ड से ईर्ष्या करता है। जिस तरह पाकिस्तानी खिलाड़ियों को आईपीएल में न खिलाने का फैसला हमारा (बीसीसीआई) अंदरुनी फैसला है, उसी की खीज निकलते हुए वो गिब्स का प्रयोग कर भारत और बीसीसीआई की छवि ख़राब करने के लिए ऐसे बयान दिलवा रहा है।”
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इस बात को की दरकिनार नहीं किया जा सकता है कि पाकिस्तान कश्मीर प्रीमियर लीग पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में इसलिए कर रहा है क्योंकि वो अंतर्राष्ट्रीय पटल पर यह दिखावा करना चाहता है कि POK का प्रत्येक रहवासी पाकिस्तान और वहां की सरकार के हर कदम और फैसले के साथ है। गिब्स तो केवल एक प्यादा है, दरअसल रिमोट कंट्रोल तो पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और वहां की आतंकी सेना के कमांडर के हाथ में है।
भारत के सामने पाकिस्तान हर मोर्चे पर बुरी तरह पछाड़ खाया है। इसके साथ ही जो छवि पाकिस्तान की इस समय वैश्विक स्तर पर है, वो उससे पार पाने में असफल है, और तो और उसके पास कोई चारा भी नहीं है कि वो अपनी छवि को लेश मात्र भी बदल पाए। इसके पीछे का कारण एकदम साफ है जिसकी रोटी आतंकी संगठनों की जी-हुज़ूरी से चलती हो, वो क्या अपनी छवि चमकाएगा।
पाकिस्तान और उसकी सेना यह जानती है कि भारत के समक्ष उसकी हर नीति ध्वस्त हो जाती है, बावजूद इसके वो अपने प्रपंच रचने में लगा रहता। वहीं, जिस POK में वो कश्मीर प्रीमियर लीग का आयोजन कर वैश्विक स्तर पर यह दर्शाना चाहता है कि POK उसका हिस्सा है और वहां केवल पाकिस्तानी शासन ही चलेगा।
उसी POK में हाल ही में हुए चुनावों के दौरान इमरान सरकार पर पाक के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ की बेटी मरियम नवाज़ ने चुनाव परिणामों में धांधली के आरोप मढ़े थे। इसके साथ ही पाकिस्तान के एक विधायक ने कहा था कि वो भारत की मदद मांगेगा।
इससे पाकिस्तान की वास्तविकता सबके समक्ष स्पष्ट हो जाती है कि अपने देश के हालातों से पार पाने की जगह वो झूठे षड्यंत्र करने में जुटा हुआ है। पाकिस्तान के कर्मों और सोच पर इन सबके बाद एक कथन सटीक बैठता है कि “घर में नहीं हैं दानें, अम्मा चलीं भुनाने” अर्थात कोरा दिखावा करना।