राहुल गांधी ने दिल्ली कैंट बलात्कार पीड़िता के परिजनों की पहचान की उजागर, हो सकती है जेल

राहुल गांधी को इतनी-सी समझ नहीं है, अब NCPCR एक्शन में है।

दिल्ली कैंट

हाल ही में दिल्ली कैंट में एक 9 वर्षीय बच्ची की दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई। इस जघन्य अपराध की करीब-करीब हर राजनीतिक दल ने तीखी आलोचना की। दिल्ली पुलिस ने कड़े कदम उठाते हुए तुरंत आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। बात यही थम जाती लेकिन राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी को ये मंजूर नहीं  था। राहुल गांधी ने इस मामले पर एक Tweet कर पीड़िता के परिजन की पहचान उजागर कर दी है। अब इस मामले में जाने-माने वकील विनीत जिंदल ने राहुल गांधी के खिलाफ दिल्ली के नांगलराया दुष्कर्म पीड़िता 9 साल की पहचान उजागर करने को लेकर शिकायत दर्ज कराई है।

दिल्ली कैंट के मामले को भी कठुआ की भांति वामपंथियों ने जानबूझकर सनातन धर्म को नीचा दिखाने के अस्त्र के रूप में मोड़ने का प्रयास किया। इसी अभियान के अंतर्गत राहुल गांधी पीड़िता के परिवार वालों से मिलने पहुंचे। इस दौरान राहुल गांधी ने न सिर्फ फोटो खिंचवाई, बल्कि उसे अपने ट्विटर अकाउंट पर अपलोड भी किया।

 

राहुल गांधी निसंदेह इधर से उधर कूदने और गिद्ध राजनीति करने में माहिर हैं, परंतु इस बार उन्होंने सभी सीमाएँ लांघ दी है। राहुल गांधी ने इस बार जुवेनाइल जस्टिस एक्ट का उल्लंघन करते हुए पीड़िता के परिवार वालों की पहचान उजागर की है, जोकि जुवेनाइल जस्टिस एक्ट की धारा 74 और POCSO एक्ट के धारा 23 के अंतर्गत एक दंडनीय अपराध है। इस मामले में NCPCR ने त्वरित एक्शन लेते हुए राहुल गांधी के विरुद्ध गैर ज़मानती वॉरंट के अंतर्गत मुकदमा करने की मांग भी की है।

 

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अपने घर से कुछ दूरी पर एक शमशान घाट के पास से एक 9 वर्षीय बालिका पानी लेने गई थी। पुलिस ने कहा था कि आधे घंटे के बाद लड़की के परिवार वालों को उनके कुछ संबंधियों ने उसकी मृत्यु के बारे में सूचित किया। शमशान घाट के पुजारी और मामले के आरोपी राधेश्याम के अनुसार लड़की की मृत्यु बिजली का झटका लगने से हुई, लेकिन पीडिता की मां के अनुसार लड़की का पहले दुष्कर्म हुआ, फिर उसकी हत्या हुई, और उसके पश्चात उसका जबरदस्ती अंतिम संस्कार कर दिया गया। फिलहाल मामला पुलिस की जांच के अधीन है।

सच्चाई क्या है, यह तो पुलिस की जांच और अदालत के मुकदमे के बाद ही सामने आएगा, लेकिन इतना तो स्पष्ट है कि राहुल गांधी अपनी राजनीति चमकाने के उद्देश्य से ही पीड़िता के घर आए थे। राहुल गांधी ने दावा किया कि वे इस मामले को संसद में उठायेंगे, क्योंकि दलित की बेटी देश की बेटी है, लेकिन काँग्रेस शासित राजस्थान में जिस प्रकार से पिछड़े वर्ग, विशेषकर अनुसूचित जाति के वर्ग में अत्याचार हुआ है, उस पर चर्चा करने में मानो राहुल गांधी को सांप सूंघ जाता है।

कांग्रेस के पूर्व सदस्य शहज़ाद पूनावाला ने एक लंबे थ्रेड में इसी दोहरे मापदंड पर प्रहार करते हुए राजस्थान में दलित कन्याओं के साथ हुए अनेकों दुष्कर्मों और उस पर राहुल गांधी समेत हाथरस लॉबी की चुप्पी पर प्रहार भी किया है।

https://twitter.com/Shehzad_Ind/status/1422765025521930241?s=20

शहज़ाद ने यह भी ट्वीट किया, “सिर्फ दुष्कर्म ही नहीं, पिछड़े वर्ग के व्यक्तियों की लिंचिंग भी हुई, परंतु इसकी निंदा करना तो छोड़िए, गांधी वाड्रा परिवार ने उफ़ तक नहीं की”

https://twitter.com/Shehzad_Ind/status/1422766435651112968

ऐसे में राहुल गांधी ने दिल्ली कैंट की पीडिता के परिवार की जानकारी सोशल मीडिया पर साझा करके अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी मारी है। इससे न केवल उन पर पुलिस कार्रवाई का केस बनता है, बल्कि यदि न्यायालय में वे दोषी सिद्ध होते हैं, जिसके आसार स्पष्ट हैं, तो वे सलाखों के पीछे भी जा सकते हैं।

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