भगत सिंह की तुलना इस्लामिस्ट और कम्युनिस्ट वेरियन कुन्नाथु कुंजाहमद हाजी से : CPM
भारत में इतिहास और उसके साथ वामपंथी इतिहासकारों द्वारा छेड़छाड़ से कोई भी अनभिज्ञ नहीं है। यही वामपंथी शहीद-ए-आजम भगत सिंह को कम्युनिस्ट बताते नहीं थकते हैं। यदि वास्तव में भगत सिंह लेनिन को पढ़ने वाले कम्युनिस्ट विचार के उपासक थे तो अब कम्युनिस्ट स्वयं भगत सिंह की तुलना ऐसे इस्लामिस्ट के साथ कर रहे हैं जो हिंदुओं के मोपला नरसंहार का नेता था। यानी उन्हें खुद ही नहीं पता है कि आखिर वो कहना क्या चाहते हैं। रिपोर्ट के अनुसार केरल विधानसभा के अध्यक्ष, एमबी राजेश ने भगत सिंह की तुलना इस्लामिस्ट और कम्युनिस्ट वेरियन कुन्नाथु कुंजाहमद हाजी से की है।
दरअसल, यह तुलना राजेश द्वारा नरसंहार के 100 साल पूरे होने पर राज्य पुस्तकालय द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान अपने सम्बोधन में की गई है। भगत सिंह पर इस तरह के बयान से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) से इनके तथाकथित बयानों में विरोधाभास साफ छलक रहा है जिसमें इन्हीं के पार्टी नेता और विचार के अनुयायी यह कहते दंभ भरते थे कि शहीद भगत सिंह तो कम्युनिस्ट थे। अब इन्हीं के नेता उनकी तुलना ऐसे इस्लामिस्ट से कर रहे हैं जिसकी शह पर मालाबार में हिंदुओं का नरसंहार किया गया था।
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Kerala Assembly Speaker @MBRajeshCPM insults Shaheed Bhagat Singh by comparing him to Variyamkunnan, the Islamic terrorist and bigot who led the Moplah genocide of Hindus & Christians in 1920s.
Will file complaint along with @TajinderBagga for insulting the great martyr. pic.twitter.com/Wi2QZLT30w
— Anoop Antony (Modi Ka Parivar) (@AnoopKaippalli) August 22, 2021
केरल बीजेपी ने एमबी राजेश के इस बयान पर आपत्ति जताई है
अब इस बयान से सियासी पारा चढ़ चुका है और इन कम्यूनिस्टों की दोहरी मानसिकता और खूनी संघर्ष को इनका समर्थन बेहद निंदनीय है। बीजेपी के केरल प्रदेश महासचिव सी कृष्णकुमार ने स्पीकर एमबी राजेश के इस बयान पर आपत्ति जताई है। कृष्णकुमार ने कहा, “केरल विधानसभा के अध्यक्ष ने सबसे बड़े धार्मिक कट्टरपंथी केरल की तुलना भगत सिंह से की है, जो देश का अपमान है।” भाजपा नेता ने यह भी मांग की कि भगत सिंह का अपमान करने के लिए स्पीकर के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया जाए। मालाबार दंगा केरल में पहला संगठित आतंकवादी हमला था। कृष्णकुमार के अनुसार, ‘वारियन कुन्नन और उनके गिरोह ने 1921 में तालिबान द्वारा किए गए अत्याचारों के समान अत्याचार किए थे। उन्होंने यह भी मांग की कि सीपीएम यह स्पष्ट करने के लिए तैयार रहें कि क्या वह विद्रोहियों द्वारा स्थापित इस्लामिक स्टेट को स्वीकार करने के लिए तैयार है।‘
बता दें, मोपला नरसंहार के कारण केरल में लगभग 10,000 हिंदुओं की मौत हुई थी। ऐसा माना जाता है कि इस हत्याकांड के कारण करीब एक लाख हिंदुओं को केरल छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा था। नरसंहार में नष्ट किए गए हिंदू मंदिरों की संख्या सौ के आस-पास होने का अनुमान है। और तो और हिंदुओं का जबरन धर्म परिवर्तन हुआ और साथ ही हिंदुओं पर अकथनीय अत्याचार किए गए थे।
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इस बयान ने कई भावनाओं को भड़काने और केरल छोड़ चुके लोगों पर हुई यातनाओं को पुनर्जीवित करने का काम किया है तो वहीं भगत सिंह जैसे पराक्रमी वीर के अदम्य साहस पर प्रश्न चिन्ह भी खड़े कर दिये है। पहले वो भगत सिंह को कम्युनिस्ट बताते थे अब वही कम्युनिस्ट भगत सिंह की तुलना इस्लामिक आतंकी से कर रहे हैं