बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में सुदर्शन न्यूज चैनल से जुड़े 30 वर्षीय पत्रकार मनीष कुमार सिंह की हत्या कर दी गई थी। वह 7 अगस्त से लापता बताए जा रहे थे और उनका शव मठ लोहियार गांव के एक तालाब से बरामद किया गया था। सीसीटीवी फुटेज और अन्य सबूतों के आधार पर पुलिस ने मोहम्मद अरसद आलम और अमरेंद्र सिंह को गिरफ्तार किया है, जो पत्रकार और मनीष के दोस्त भी बताए गए हैं। शव पर प्रताड़ना के निशान थे, साथी ही उनका शरीर पहचान से बिलकुल परे था। जिसके बाद उनके जूतों से उनकी पहचान सुनिश्चित की गई। अब इस घटना ने फिर से पत्रकार और पत्रकारिता शैली पर हो रहे जानलेवा हमलों के विरोध में नई अलख जला दी है। मनीष के पिता द्वारा कई आरोप लगाए गए हैं जिसमें मनीष कुमार सिंह द्वारा पूर्व में किए गए कई षड्यंत्रकारी तत्वों के खुलासों को उजागर करने की वजह से उन सभी विषैले तत्वों ने इस हत्या को अंजाम दिया है।
सुदर्शन के रिपोर्टर मनीष कुमार की हत्या.
मोहम्मद अरशद आलम गिरफ्तार.
3 दिन पहले अपहरण हुआ था, हत्या की आशंका की तहरीर देने का बाद भी बिहार पुलिस ने कुछ भी नहीं किया, निष्क्रिय रह कर हत्या की प्रतीक्षा करती रहीं। हम न्याय की माँग करते हैं @AmitShah @ianuragthakur @NitishKumar pic.twitter.com/85R55JHLn7
— Dr. Suresh Chavhanke “Sudarshan News” (@SureshChavhanke) August 11, 2021
मनीष के पिता संजय कुमार सिंह अरेराज दर्शन नाम से एक स्थानीय अखबार चलाते हैं। वह एक आरटीआई कार्यकर्ता भी हैं। रिपोर्टों से पता चलता है कि मनीष को उसके या उसके पिता द्वारा किए गए कुछ पत्रकारीय खुलासे का बदला लेने के लिए निशाना बनाया गया है।
7 अगस्त को एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए जाने के बाद मनीष लापता हो गए था, जिसके बाद उनका मोबाइल स्विच ऑफ ही जा रहा था। एक दिन बाद उनकी बाइक हरसिद्धि गांव में मिली। इसके बाद उसके पिता ने शक के आधार पर इरशाद आलम और अमरेंद्र सिंह समेत 12 संदिग्धों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। 2 दिन बाद मठ लोहियार गांव के गद्दी टोला में स्थानीय लोगों को तालाब में एक शव तैरता हुआ मिला, जिसके बाद पुलिस को सूचना दी गई और उस शव की पहचान मनीष के रूप में की गई।
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ऐसा बहुत कम देखने को मिलता है जब कोई संस्थान अपने कर्मचारी को न्याय दिलाने के लिए अपनी आवाज़ बुलंद करता हो। वहीं, सुदर्शन न्यूज के सीईओ सुरेश चव्हाणके ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय से मुलाकात की और अपने चैनल के पत्रकार की निर्मम हत्या की जांच की मांग को लेकर एक पत्र सौंपा। चव्हाणके ने चिट्ठी को ट्वीट करते हुए कहा कि बिहार के मधुबनी के पत्रकार मनीष कुमार सिंह की हत्या सुदर्शन का काम करने वाले जिहादियों ने की है।
सुदर्शन के पत्रकार की हत्या की जांच की मांग के लिए केंद्रीय गृह राज्यमंत्री श्री नित्यानंद राय जी से मिल कर पत्र दिया. उन्होंने तत्काल गहन जांच का वचन दिया है.
सुदर्शन का कार्य करने से खुन्दक खाए जिहादियों ने मधुबनी, बिहार के पत्रकार मनीष कुमार की हत्या की है. #JusticeForManish pic.twitter.com/Vpx6c1eKTW
— Dr. Suresh Chavhanke “Sudarshan News” (@SureshChavhanke) August 13, 2021
पत्र में आगे कहा गया है कि मनीष कुमार सिंह, जो सुदर्शन न्यूज के पत्रकार थे, अपनी निडर पत्रकारिता के कारण हमेशा भ्रष्ट और जिहादी मानसिकता वाले लोगों के निशाने पर थे। 7 अगस्त को उन्हें (सुरेश चव्हाणके) मनीष सिंह के लापता होने की खबर मिली और जब उसके पिता ने पुलिस से संपर्क किया, तो पुलिस ने जांच के प्रति उदासीन रुख अपनाया। पुलिस द्वारा अमानवीय रूप दर्शाते हुए बार बार यह कहा जाता रहा कि मनीष शायद किसी लड़की के साथ गायब हो गया है और अंततः अपने आप वापस आ जाएगा। पत्र में आगे आरोप लगाया गया है कि मनीष कुमार सिंह के पिता ने कहा है कि, ‘उनके अनुसार पुलिस द्वारा जिन अपराधियों को जल्दबाजी में गिरफ्तार किया गया है वो उनके बेटे की हत्या और उसकी मुख्य वजह पर पर्दा डालने का काम कर रही है।
मनीष के पिता ने कहा है कि, ‘हाल ही में जिस कहानी पर वह काम कर रहा था, वह उसकी हत्या का कारण हो सकता है’, हालांकि, पुलिस इस जांच में बिलकुल उचित कदम नहीं उठा रही है और कैसे मामले को जलद से जल्द रफा-दफा किया जाए उसका प्रयास करने में जुटी हुई है। यह मामूली बात नहीं है क्योंकि यदि ऐसा है तो पुलिस की भूमिका पर भी सवाल खड़े होते हैं।
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सुरेश चव्हाणके ने अपने पत्र में आगे कहा है कि मनीष बिहार में मोतिहारी और अरेराज जैसी जगहों पर तीन बड़ी आतंकवादी घटनाओं “बांका मस्जिद विस्फोट, दरभंगा पार्सल विस्फोट और सीवान विस्फोट” के लिंक की जांच कर रहे थे। उनका कहना है कि अफजल आलम, जो मनीष के पिता के अखबार में एक स्थानीय पत्रकार भी है, को मनीष के जिस केस की जांच पर काम कर रहा था, उसके बारे में पता चला गया और वह लगातार मनीष से इसके बारे में सवाल पूछने लगा। मनीष के पिता ने कहा कि जब से खबर आई कि मनीष सुदर्शन न्यूज में शामिल हुआ है, उसके दुश्मन कई गुना बढ़ गए और निश्चित ही ऐसे घटनाक्रमों के आधार पर यह प्रतीत होता है कि मनीष की हत्या में जिहादी तत्व शामिल हैं।
चव्हाणके ने पत्र को यह कहकर समाप्त किया कि मनीष कुमार सिंह की हत्या करने वाले वही जिहादी तत्व, जो उसके पिता के बयान के अनुसार उसके पीछे पड़े तत्वों के बारे में जानकारी देते हैं। यदि यह तथ्य सत्य है तो यह देश भर के सुदर्शन न्यूज के पत्रकारों के लिए भी खतरा हैं। इसका हवाला देते हुए सुरेश चव्हाणके ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानन्द राय से मनीष कुमार सिंह की हत्या की निष्पक्ष जांच की मांग की है।
सुदर्शन न्यूज में पत्रकारिता करने से नाराज़ जिहादियों ने की मनीष की हत्या। पिता के सबूत से मुख्य आरोपी मोहम्मद आशरद गिरफ़्तार।
कई बार धमकी की जानकारी देने के बाद भी कोई कार्रवाई क्यों नहीं की? जाँच हो। @NitishKumar @ianuragthakur @AmitShah #JihadiMurderedSudarshanJournalist pic.twitter.com/N2ahpK4fJW— Dr. Suresh Chavhanke “Sudarshan News” (@SureshChavhanke) August 12, 2021
स्वयं मनीष के पिता ने जिन बातों का ज़िक्र किया है उससे निश्चित ही पुलिस कई अहम सुराग जुटा सकती थी। ऐसा न करते हुए पुलिस ने बहुत असंवेदनशील व्यवहार दिखाया है। इस हत्या के पीछे जो भी रहा हो, पुलिस प्रशासन को एक बार मनीष के परिवार द्वारा जताई गयी आशंकाओं को अवश्य जांच लेना चाहिए था, क्योंकि कई बार अपराधी नाक के नीचे से फरार हो जाता है, और किसी को भनक तक नहीं लगती है। अब जब मामला गृह राज्य मंत्री के समक्ष पहुँच गया है तो सुदर्शन न्यूज़ चैनल और मनीष के परिजनों को एक नई आस मिली है और उनका बस एक मकसद है कि किसी भी तरह मनीष के कातिलों को उनके कृत्य कि सजा दी जाए।