चीन के खिलाफ योगी का युद्ध जारी है, अब खिलौनों के क्षेत्र में भी चीन को टक्कर देने जा रहा है UP

चीन की दादागिरी अब होगी खत्म।

खिलौना उद्योग उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ का शासन सिर्फ गुंडों, कट्टरपंथियों, वामपंथीयों आदि के लिए ही सिरदर्द नहीं बना है, बल्कि योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में बैठे-बैठे CCP का भी सिरदर्द बढ़ाया है। लम्बे समय तक चीन सस्ते श्रम की उपलब्धता और व्यापार समर्थक नीतियों के कारण दुनिया का मैन्युफैक्चरिंग हब बना रहा था। अब उत्तर प्रदेश उसे टक्कर देने के लिए आगे आया है। चीन के सबसे मजबूत उद्योगों में एक उसका खिलौना उद्योग है। इसी कारण मन की बात में प्रधानमंत्री मोदी ने खिलौना उद्योग को बढ़ावा देने की बात कही थी। अब उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार उनके इस दृष्टिकोण को आगे ले जा रहे हैं।

दरअसल, उत्तर प्रदेश के नोयडा के सेक्टर 33 में यमुना एक्सप्रेस वे इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के तहत आने वाली 100 एकड़ भूमि पर टॉय पार्क बनाया गया है। इस खिलौना उद्योग पार्क में 134 कंपनियों ने 410.13 करोड़ रुपये का निवेश किया है। इसके कारण 6157 लोगों को स्थायी और बड़ी संख्या में लोगों को अस्थाई रोजगार मिलेगा। योगी सरकार की योजना नोयडा को खिलौना उद्योग निर्माण का हब बनाने की है। देश की कई प्रतिष्ठित कंपनी जैसे FUN ZOO, टॉय इंडिया, Fun Ride Toy LLP, सुपर शूज, आयुष टॉय आदि ने इस टॉय पार्क में निवेश किया है। जल्द ही जेवर एयरपोर्ट के विकास के बाद भारत का टॉय हब दुनिया को खिलौनों का निर्यात करने लगेगा।

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बता दें कि अकेले भारत में खिलौनों का मार्केट 200 अरब रुपये से अधिक का है। परंतु भारत का निर्यात केवल 20 अरब रुपये है। अधिकांश खिलौनों का चीन से आयात होता है। भारतीय निर्माता चीन की टक्कर में टिक नहीं पाते क्योंकि चीन में खिलौना निर्माण का उद्योग संगठित है, जबकि भारत में 90 प्रतिशत निर्माण असंगठित क्षेत्र में हो रहा है। ऐसे में भारतीय उत्पाद की गुणवत्ता और खिलौनों का स्थायित्व (ड्यूरेबिलिटी) कम हो जाती है। हालांकि, चीन में बने खिलौने भी गुणवत्ता और स्थायित्व के मामले में बहुत अच्छे नहीं होते, लेकिन क्योंकि चीन में खिलौनों का उत्पादन बड़े पैमाने पर बड़ी कंपनियों द्वारा हो रहा है इसलिए चीन के खिलौने सस्ते होते हैं। अच्छी गुणवत्ता का चीनी खिलौना भारत के उसी गुणवत्ता के खिलौने से सस्ता होता है।

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लेकिन अगर भारत में भी संगठित क्षेत्र को बढ़ाया जाए तो भारत दुनिया के लिए खिलौने बना सकता है। अकेले दक्षिण एशिया, मध्य एशिया और पूर्वी एशिया को देखें तो भारत के लिए खिलौने का एक व्यापक मार्केट फैला हुआ है। उत्तर प्रदेश खिलौना उद्योग बाजार में चीन का विकल्प बनकर सामने आ सकता है।

बता दें कि उत्तर प्रदेश पहले ही इलेक्ट्रॉनिक सेक्टर में चीन को टक्कर दे रहा है। हाल ही में samsung ने अपनी डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग यूनिट उत्तर प्रदेश में शुरू की है। पिछले कुछ सालों में अकेले IT और इलेक्ट्रॉनिक सेक्टर में UP में 20 हजार करोड़ से अधिक का निवेश हुआ है, जिसके चलते 3 लाख रोजगार पैदा हुए हैं। यह निवेश अब भी हो रहा है तथा नोएडा के बाहर अन्य मंडल जैसे वाराणसी, गोरखपुर आदि में भी IT पार्क शुरू हो रहे हैं। उत्तर प्रदेश आर्म्स कॉरिडोर के तहत रक्षा क्षेत्र की बड़ी कंपनियों ने उत्तर प्रदेश में निवेश शुरू किया है। झांसी, अलीगढ़, चित्रकूट आदि जिलों में रोजगार सृजन हो रहा है। एक अनुमान के अनुसार उत्तर प्रदेश सरकार की व्यापार समर्थक नीतियों के कारण अब तक UP में जितना निवेश हुआ है, उसका औसत प्रतिदिन 172 करोड़ का है। कहा जा सकता है कि अगले 5 वर्षों में उत्तर प्रदेश वैश्विक सप्लाई चेन की मुख्य कड़ी बनकर सामने आएगा।

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