योगी सरकार के एक्शन से पहले ही अपने ब्राह्मण विरोधी पिता को भूपेश बघेल ने करवाया गिरफ्तार

ये गिरफ़्तारी भी एक राजनीतिक ड्रामा है!

भूपेश बघेल के पिता की गिरफ्तारी

कुछ राजनेता ऐसे होते हैं, जो कि स्वयं को सदैव एक महान व्यक्ति प्रोजेक्ट करने की कवायद में जुटे रहते हैं। इसी क्रम में वे कुछ अभूतपूर्व काम कर देते हैं; किंतु असल में ये उनकी महानता नहीं, अपितु उनका डर होता है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस नेता भूपेश बघेल के पिता की गिरफ्तारी कुछ ऐसा ही संकेत दे रही है। पिछले एक हफ्ते में छत्तीसगढ़ में एक अजीबो-गरीब घटनाक्रम देखा गया है। ब्राह्मण विरोधी बयान देने वाले पिता के विरुद्ध अपनी पुलिस से कार्रवाई करवाकर बघेल राजनीतिक शुचिता की वाहवाही लूटने के प्रयास में हैं। देखा जाए तो वास्तविकता भिन्न दिखाई देती है। असल बात यह भी हो सकती है कि वो अपने पिता को योगी सरकार की पुलिस कार्रवाई से बचाना चाहते हो।

दरअसल, पिछले महीने ही उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक कार्यक्रम के दौरान छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पिता नंद कुमार बघेल ने ब्राह्मणों के विरुद्ध जहर उगला था, जिसके बाद से उन पर कार्रवाई की मांग योगी सरकार के साथ भूपेश बघेल से भी हो रही थी। इस विरोध के बीच आनन-फानन में घटनाक्रम बदलता दिखाई लगा था। पहले सीएम बघेल अपने पिता पर कार्रवाई के लिए बयान देते हुए कहा कि कानून से ऊपर उनके पिता भी नहीं हैं, और उसके तुरंत बाद लखनऊ में दिए हुए उनके बयान के लिए नंद कुमार बघेल पर रायपुर पुलिस केस ने दर्ज कर लिया।

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बघेल के पिता की आलीशान कमरे में खाना खाते तस्वीर वायरल

सीएम बघेल का बयान एवं बाद में उनके पिता के विरुद्ध केस का दर्ज होना पहले एक साधारण बात प्रतीत हो रहा था, किन्तु दो दिन में ही उनकी रायपुर पुलिस द्वारा गिरफ्तारी भी हो जाती है। इसके साथ ही उन्हें 15 दिनों की न्यायिक हिरासत पर भी भेज दिया जाता है। अब ये घटनाक्रम अपने आप में बेहद अनोखा है। सीएम बघेल के पिता की गिरफ्तारी और फिर 15 दिनों की न्यायिक हिरासत मिलना कोई मामूली बात नहीं हैं।

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पहली नजर में देखने पर ये भी लगता है कि सीएम बघेल अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा में इतने नीचे गिर गए हैं, कि अपने पिता तक का इस्तेमाल कर रहे हैं, किन्तु जैसे ही इस मामले में नंद कुमार की तस्वीरें आलीशान कमरे में खाना खाते हुए वायरल हुईं, तैसे ही स्थिति स्पष्ट हो गई।

कहीं ये उत्तर प्रदेश पुलिस का डर तो नहीं?

दरअसल, इस पूरे प्रकरण को उत्तर प्रदेश से जोड़कर देखें तो ये सवाल अवश्य उठता है कि कहीं ये उत्तर प्रदेश पुलिस का डर तो नहीं? सीएम योगी के नेतृत्व में योगी सरकार ताबड़तोड़ कार्रवाई करती है, जिसके चलते प्रदेश में अपराधियों एवं असामाजिक तत्वों का जीना मुश्किल हो गया है। ऐसे में जिन लोगों ने भी समाज को बांटने से लेकर देश विरोधी बयान दिए हैं, वो पुलिस के रडार में है।

नंद कुमार बघेल ने जिस प्रकार का ब्राह्मण विरोधी बयान दिया था, उसके बाद ये माना जा रहा था, कि वो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सकती है, किन्तु छत्तीसगढ़ के सीएम के पिता होने के चक्कर में संभवतः योगी सरकार ने कोई एक्शन नही लिया। इसके विपरीत यदि इस मामले में यदि कोई एफआईआर हो जाती तो सीएम बघेल एवं उनके पिता के लिए मुसीबत खड़ी हो जाती।

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मामला सामने आने के बाद जैसे ही कार्रवाई की चर्चाएं शुरु हुईं, तो लखनऊ से 1,000 किलोमीटर दूर बैठी रायपुर पुलिस ने उनके विरुद्ध एक्शन ले लिया, पहले एफआईआर, फिर भूपेश बघेल के पिता की गिरफ्तारी… और उसके बाद नंद कुमार को मिल रही लग्जरी सुविधाओं का सामने आना दर्शाता है कि ये भूपेश बघेल की ये एक साजिश है। भूपेश बघेल को पता था कि यदि यूपी पुलिस इस मामले में कार्रवाई करती तो उनके पिता की मुसीबतें बढ़ सकती थीं, और उनको कानूनी लड़ाई भी लड़ना पड़ता।

ऐसे में ये माना जा रहा है कि छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रायपुर पुलिस से अपने पिता के विरुद्ध कार्रवाई केवल उन्हें सुरक्षा प्रदान करने के लिए दी है, इसीलिए भूपेश बघेल के पिता की गिरफ्तारी आनन-फानन में आगरा से की गई। उन्हें डर है कि यही कार्रवाई यदि यूपी पुलिस कर रही होती तो नंद कुमार बघेल को सलाखों के पीछे डाल दिया होता, और उनकी परेशानियों में भी बढ़ोतरी हो जाती।

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