अमेरिका के अफगानिस्तान से भागने के बाद अब तालिबान अपने विरोधियों को मारने के साथ अफगानिस्तान में लोगों का जीवन नर्क बना रहा है। तालिबान अपनी सरकार के गठन की तैयारी कर रहा है, लेकिन उसके गले की हड्डी पंजशीर बना हुआ है। अहमद मसूद एवं राष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह के नेतृत्व में तालिबान से जंग जारी है। कुछ दिनों पहले तालिबान और NRF के बीच हुए जंग में रेजिस्टेंस फ्रंट के प्रवक्ता फहीम दश्ती की मौत हो गयी। अब ऐसी खबर सामने आ रही है कि तालिबान और पाकिस्तान को उनके लोकेशन का खुलासा करने में BBC का हाथ था।
दरअसल, बीबीसी को इंटरव्यू दे रहे पंजशीर में रेजिस्टेंस फ्रंट के प्रवक्ता फहीम दश्ती को अचानक ही तालिबान ने मार दिया, और इस फहीम दश्ती की मौत का जिम्मेदार निश्चित तौर पर बीबीसी का माना जा रहा है, जिसने फहीम का फोन नंबर सार्वजनिक कर तालिबान की सांकेतिक मदद कर दी थी।
पंजशीर तालिबान के लिए नाक की लड़ाई बन गया है, अत्यधिक क्रूराता के बावजूद तालिबान आज तक पंजशीर पर कब्जा नहीं कर पाया है। ऐसे में अब जब दोबारा अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा हो चुका है, तो इस बार भी पंजशीर के नेताओं ने तालिबान के सामने जंग का ऐलान कर रखा है। ऐसे में लगातार बीबीसी तालिबान की तारीफ करता दिख रहा है। बीबीसी उन लोगों को ज्यादा तवज्जो दे रहा है, जो कि तालिबान के लिए सकारात्मक बोलने के साथ ही पाकिस्तान का भी बचाव करते हैं। इसके विपरीत अब बीबीसी तालिबान विरोधी पंजशीर के नेताओं के लिए इंटरव्यू के जरिए ही मुसीबत खड़ी कर रहा है, क्योंकि उसके कार्यों के कारण ही रेजिस्टेंस फ्रंट के प्रवक्ता फहीम दश्ती की मौत हुई है।
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I was watching an interview of @FahimDashty with @bbcpersian. At one point the former's video disappeared. Instead, his satellite phone number was displayed on the screen. The BCC failed to ensure its anonymity. There are allegations that a drone traced has him via this number: pic.twitter.com/oI7mANuVuP
— Zalmai Nishat (@ZalNishat) September 5, 2021
बीबीसी अपने आप को विश्व का एक जिम्मेदार मीडिया संस्थान बताता है, किन्तु अब उसकी फर्जी जिम्मेदारी के दावों की पोल खोल दी है। दरअसल, पंजशीर में तालिबान के विरुद्ध संघर्ष कर रही रेजिस्टेंस फ्रंट के प्रवक्ता फहीम दश्ती बीबीसी को इंटरव्यू दे रहे थे, जिसमें अचानक उनका वीडियो ब्लैक हो गया और उनका सैटेलाइट फोन का नंबर सार्वजनिक हो गया। यही जानकारी का सार्वजनिक होना ही फहीम दश्ती की मौत की मुख्य वजह बना।
खबरों के मुताबिक बीबीसी को इंटरव्यू देने के दौरान उनकी लोकेशन ट्रेस की जाने लगी थीं। ऐसे में वो पंजशीर घाटी सर्वाधिक सुरक्षित मानी जाती थी, उसी में तालिबान ने ड्रोन अटैक किया गया, और नतीजा ये है कि पाकिस्तान की मदद से तालिबान ने फहीम दश्ती की हत्या कर दी।
https://twitter.com/Utfryst_/status/1435040743433936899?s=20
ऐसे में ये कहा जा सकता है कि यदि फहीम के इंटरव्यू के दौरान उनकी लोकेशन सार्वजनिक न होती, तो निश्चित ही तालिबानी आतंकी फहीम को निशाना नहीं बना पाते। इस पूरे प्रकरण के बाद अगर ये कहा जाए कि फहीम दश्ती की मौत का जिम्मेदार बीबीसी नेटवर्क ही है, तो गलत नहीं होगा। फहीम दश्ती की इस मौत के इतर भी देखें तो तालिबान को लेकर बीबीसी की कवरेज काफी हद तक सकारात्मक ही रहा है, जो कि तालिबान के प्रति बीबीसी के प्रेम को दर्शाता है।
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टीएफआई आपको बता चुका है, कि कैसे एक बातचीत के दौरान जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय की सिक्योरिटी स्टडीज की प्रोफेसर क्रिस्टीन फेर जब तालिबान के मामले में पाकिस्तान का जिक्र कर रही थीं, तो बीबीसी की पत्रकार द्वार उनके बयानों के बीच विघ्न डालने के प्रयास किए गए। इतना ही नहीं पाकिस्तान का अधिक जिक्र करने पर बीबीसी ने उन्हें बातचीत से अचानक ही हटा दिया। बीबीसी का ये रवैया दिखाता है कि वो पाकिस्तान एवं तालिबान के प्रति सकारात्मक रुख दिखाते हुए आतंकियों के लिए मीडिया में जबरदस्त बैटिंग कर रहा है, जिसके लिए उसके विरुद्ध कार्रवाई हो रही है।
इसी कड़ी में रेजिस्टेंस फ्रंट के प्रवक्ता फहीम की मौत के पीछे भी बीबीसी ही तालिबान की मददगार साबित हुआ है, और असल में फहीम दश्ती की मौत तालिबान ने नहीं अपितु बीबीसी ने की है।