BBC को आप ब्रिटिश मीडिया संस्थान या लिबरल प्रोपेगेंडा चैनल कह सकते हैं। हालांकि, इस समय ब्रिटेन में दक्षिणपंथी नेता बोरिस जॉनसन की सरकार है, किंतु मेनस्ट्रीम मीडिया पर आज भी लिबरल जमात का कब्जा है। ब्रिटिश लिबरल विश्व के किसी भी स्थान पर पाए जाने वाले अपने सामान उदारवादी विचारधारा के लोगों की तरह ही इस्लामिक कट्टरपंथी, इस्लामी आतंकवाद और पाकिस्तान के प्रति उदार नीति अपनाए हुए हैं। इसका ताजा उदाहरण बीबीसी के एक इंटरव्यू में देखने को मिला है जिसमें जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय की सिक्योरिटी स्टडीज की प्रोफेसर क्रिस्टीन फेर को विशेषज्ञ के रूप में आमंत्रित किया गया था।
उनसे बीबीसी की एंकर ने पाकिस्तान और तालिबान के संबंध और अफगानिस्तान की वर्तमान स्थिति के संदर्भ में प्रश्न करना शुरू किया तो क्रिस्टीन ने एक के बाद एक करके कई ऐसे तथ्य बताने शुरू किए जो पाकिस्तान के वास्तविक चेहरे उजागर कर रहे थे। जब एंकर ने क्रिस्टीना से पूछा कि ISI चीफ के अफगानिस्तान दौरे में आप क्या विशेष देखती हैं, तो क्रिस्टीना ने कहा कि इसमें कुछ भी विशेष नहीं है क्योंकि पाकिस्तान पिछले 10-20 वर्षों में नहीं, बल्कि 1973 के बाद से ही अफगानिस्तान में कट्टरपंथियों को समर्थन देता रहा है। उन्होंने बताया कि बिना पाकिस्तान की मदद के तालिबान इतना सशक्त आतंकी संगठन बन ही नहीं सकता था।
जब एंकर ने उनसे कहा कि पाकिस्तान हमेशा इस आरोप का खंडन करता रहा है कि उसके संबंध तालिबान के साथ हैं तो क्रिस्टीना ने कहा कि पाकिस्तान झूठ बोलने में माहिर है। क्रिस्टीना ने कहा कि पहले भी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री, विदेश मंत्री, राष्ट्रपति और आर्मी चीफ जैसे लोग अधिकांश बड़े मीडिया संस्थान, जैसे आपके ही संस्थान पर आकर आसानी से झूठ बोलकर बच जाता है और कोई उनसे प्रश्न नहीं करता। क्रिस्टीना ने सीधे तौर पर बीबीसी द्वारा पाकिस्तान का प्रोपोगेंडा चलाए जाने की बात कह दी।
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उन्होंने बताया कि पाकिस्तान ने 1973 से ही अफगानिस्तान में जिहाद की लड़ाई शुरू कर दी थी। उस समय रूस ने अफगानिस्तान पर आक्रमण भी नहीं किया था। बता दें कि अधिकांश इस्लामिक कट्टरपंथी यह तर्क देते हैं कि अफगानिस्तान में शुरू हुई जिहाद की लड़ाई सोवियत रूस और अमेरिका के बीच हुए शीत युद्ध का परिणाम थी। जबकि क्रिस्टीना ने इस बात का खंडन किया और जिहाद और आतंकवाद के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया।
इसी प्रकार बातचीत के क्रम में जब एंकर को यह समझ आ गया कि क्रिस्टीना एक के बाद एक कर पाकिस्तान का पर्दाफाश कर रही है तो उन्होंने अपनी बातचीत को मात्र 4 मिनट में बंद कर दिया। जाते-जाते क्रिस्टीना ने बीबीसी पर सीधे तौर से पाकिस्तानी प्रोपेगेंडा चलाने का आरोप लगाया।
Quite gross from @BBCNews: our "impartiality" doctrine was used to basically shut down @CChristineFair when she explained #Pakistan's jihad policy in #Afghanistan that has brought us all to this catastrophe — an issue on which there is no "balance" or "other side", factually. pic.twitter.com/FSzXKLMExN
— Kyle Orton (@KyleWOrton) September 4, 2021
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यह पहला मौका नहीं है जब बीबीसी ने पाकिस्तान का किसी मुद्दे पर खुलकर बचाव किया है। वस्तुतः बीबीसी हमेशा ही पाकिस्तानी प्रोपेगेंडा को बढ़ावा देता है। आर्टिकल 370 हटने के बाद भी बीबीसी ने भारत विरोधी पत्रकारिता करके अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तानी प्रोपेगेंडा को बढ़ावा देने का काम किया था। इसी प्रकार दिल्ली दंगों के समय बीबीसी ने इसे मुस्लिम विरोधी दंगों के रूप में प्रदर्शित करके पाकिस्तानी प्रोपेगेंडा को अपना समर्थन दिया था। ऐसे में BBC को PBC कहना गलत नहीं होगा।