CCP अब औसत दिखने वाले चीनी लोगों को अच्छा दिखने की कोशिश करने से रोक रही है

प्लास्टिक सर्जरी के सेक्टर पर CCP ने आरंभ की कार्रवाई!

चीन की महिला प्लास्टिक सर्जरी करवाते हुए

साभार: Shutterstock

चीन में इन दिनों हर बड़े और आर्थिक रूप से मजबूत सेक्टर पर सरकारी नियंत्रण और निगरानी बढ़ाने के लिए सरकारी एजेंसियों द्वारा उन पर कड़े नियम कानून लागू किए जा रहे हैं। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने पहले अलीबाबा, ANT ग्रुप, TENCENT जैसी बड़ी कंपनियों पर कार्रवाई की, उसके बाद Peer to Peer यानी ‘P2P’ lending platforms पर बड़ी कार्रवाई करते हुए, बैंकिंग तंत्र ने ऐसे सभी प्लेटफॉर्म बन्द करने का निर्णय लिया था। यही नहीं इसके बाद स्टील सेक्टर पर कार्रवाई हुई, फिर गेमिंग सेक्टर पर और अब प्लास्टिक सर्जरी के सेक्टर पर CCP ने कड़ी निगरानी रखनी शुरू की है। इसका उद्देश्य इस सेक्टर को पूरी तरह से सरकारी नियंत्रण और निगरानी में लाना है।

चीनी सरकारी मीडिया पीपल्स डेली ने मंगलवार को यह खबर छापी कि चीन सरकार प्लास्टिक सर्जरी सेक्टर पर निगरानी और कड़ी कर रही है। सरकारी कार्रवाई के पीछे का कारण यह बताया गया है कि प्लास्टिक सर्जरी से जुड़ी संस्थाएं अपने प्रचार के लिए झूठे दावे करती थीं। वे अपने अपने प्रचार में सुंदर दिखने को सफलता का राज बताती थीं। इसी कारण प्लास्टिक सर्जरी से जुड़े संस्थाओं पर कार्रवाई को सरकारी समाचार पत्र द्वारा ‛अत्यावश्यक वह तुरंत ध्यान देने योग्य कार्य’ कहा गया है।

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समाचार पत्र का कहना है कि यह सेक्टर प्लास्टिक सर्जरी को सुंदर दिखने वाले लोगों में उच्च गुणवत्ता होने का दावा कर बढ़ावा दे रहा है। इस सैक्टर की कंपनियाँ यह भी दावा कर रहीं हैं कि सुंदर दिखने वाले किसी भी काम को बेहतर ढंग से करते हैं और वे सफल होते हैं। ऐसे प्रचार में प्लास्टिक सर्जरी से लोगों का जीवन बदलने का दावा किया जाता है। सरकार का कहना है कि इससे आम लोगों के बीच में असंतोष बढ़ रहा है।

अगस्त में, चीन के बाजार नियामको ने चिकित्सा सौंदर्यशास्त्र क्षेत्र के विज्ञापन प्रथाओं को विनियमित करने के लिए दिशानिर्देशों का मसौदा तैयार किया, जिसमें कहा गया था कि ये विज्ञापन लोगों को सुंदरता के प्रति सामाजिक चिंता को बढ़ावा दे रहे थे।

प्लास्टिक सर्जरी या चिकित्सा सौंदर्य उपचार की मांग हाल के वर्षों में चीन में तेजी से बढ़ी है, जिसमें सबसे लोकप्रिय में से किसी की आंखें चौड़ी या नाक ऊंची करने की प्रक्रियाएं हैं। एक अनुमान के मुताबिक चीन में प्लास्टिक सर्जरी का बाजार 2022 तक 46 बिलियन डॉलर का हो जाएगा। हालांकि, जोखिम के बारे में लोगों को सावधान करने में विफल रहने के लिए इस क्षेत्र की आलोचना की गई है।

सुनने में सरकार की कार्रवाई का तर्क बहुत ही अच्छा लगता है। किंतु चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने ऐसे ही दर्द अन्य सेक्टर पर कोई कार्रवाई के पीछे भी दिए है जो सुनने में बहुत अच्छे लगते हैं किंतु उनका उद्देश्य कुछ और ही होता है। अगर यह कहा जाए कि CCP अब औसत दिखने वाले चीनी लोगों को अच्छा दिखने की कोशिश करने से रोक रही है तो गलत नहीं होगी।

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उदाहरण के लिए जब ANT ग्रुप ने अपने IPO को स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट  किया था तो CCP ने आर्थिक एकाधिकार को रोकने का बहाना बनाकर ANT ग्रुप के IPO लिस्ट नहीं होने दिए थे। सरकार ने यह भी कहा था कि उनकी कार्रवाई के पीछे का कारण वित्तीय समस्याओं से चीनी अर्थव्यवस्था को बचाना है जबकि वास्तविकता यह थी कि CCP ने जैक मा को सबक सिखाने के लिए किया था। चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग जैक मा के राजनीतिक संबंधों से भयभीत थे इसलिए उन्होंने ऐसी कार्रवाई की।

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इसी प्रकार चीन ने अपने कार्बन उत्सर्जन को कम करने का बहाना देकर अपने स्टील सेक्टर को अपना उत्पादन 50% तक घटाने का आदेश दे दिया था। कार्बन उत्सर्जन केवल बहाना था, सत्य यह था कि उस समय ऑस्ट्रेलिया से आने वाले लौह अयस्क पर चीन ने भारी टैरिफ लगा रखा था जिसके कारण चीन में लौह अयस्क के दाम आसमान छू रहे थे।

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यह सत्य है कि चीन में प्लास्टिक सर्जरी का चलन बहुत तेजी से बढ़ा है, लेकिन यह भी सत्य है कि सरकार सामाजिक समस्याओं को बहाना बनाकर अर्थव्यवस्था पर अपनी पकड़ मजबूत बनाना चाहती है। CCP कभी आर्थिक एकाधिकार को बहाना बनाती है, तो कभी कार्बन उत्सर्जन को, उसका लेकिन उद्देश्य केवल नियंत्रण बढ़ाना होता है।

इसका कारण यह है कि कम्युनिस्ट सरकार की नीतियों के कारण चीनी अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है और सरकार नहीं चाहती कि उसके विरुद्ध पल रहा असंतोष और व्यापक हो। इसके लिए सरकार हर क्षेत्र पर निगरानी कड़ी कर रही है।

 

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