कभी-कभी अति उत्साह में किया गया काम सदैव हानिकारक होता है, और ये कांग्रेस के मामले में सिद्ध भी हुआ है। हाल ही में गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में भूपेन्द्र पटेल को चयनित किया गया। लेकिन उन्हें नीचा दिखाने के चक्कर में कांग्रेस ने ऐसा पोस्ट किया, जिसके कारण भूपेन्द्र पटेल के बारे में लोगों को जानने की उत्सुकता बढ़ी, और उलटे वे आज चर्चा में है।
हाल ही में भूपेन्द्र पटेल के गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर चयनित होने के उपलक्ष्य में मध्य प्रदेश कांग्रेस ने ट्विटर की ही लोकप्रियता को सत्या मानते हुए एक व्यंग्यात्मक ट्वीट पोस्ट किया, “पूरे देश में 14000 लोगों की पसंद भूपेन्द्र पटेल गुजरात के नए मुख्यमंत्री होंगे। ये नरेंद्र मोदी की तरफ से गुजरात के जनता के मुंह पर करारा तमाचा है।”
पूरे देश में 14000 लोगों की पसंद भूपेन्द्र पटेल गुजरात के नये मुख्यमंत्री होंगे।
ये नरेंद्र मोदी की तरफ़ से गुजरात की जनता के मुँह पर करारा तमाचा है। pic.twitter.com/7SrXQUhIzi
— MP Congress (@INCMP) September 12, 2021
लेकिन वो कहते हैं न, मधुमक्खी के छत्ते में जानबूझकर हाथ नहीं डालते। भूपेन्द्र पटेल के ट्विटर प्रोफ़ाइल की पड़ताल करने पर ही ज्ञात हुआ कि वे अहमदाबाद के घाटलोडीया से विधायक हैं, जहां से उन्होंने 2017 के विधानसभा चुनावमें कांग्रेस के शशिकांत पटेल को 1.17 लाख वोटों से मात दी थी, जो उस विधानसभा चुनाव की सबसे बड़ी जीत भी थी। पाटीदार समुदाय से आने वाले भूपेंद्र को आनंदीबेन पटेल का करीबी माना जाता है।
भूपेंद्र पटेल अब तक भाजपा के लो प्रोफ़ाइल नेता रहे हैं और चुपचाप काम करने में यकीन रखते हैं। उन्हें मृदुभाषी एवं सबके साथ अच्छा व्यवहार करने के लिए जाना जाता है। एक नेता का कहना है कि आनंदीबेन पटेल के मुख्यमंत्रित्व काल में वो AUDA अध्यक्ष थे और सीएम तक उनकी सीधी पहुँच थी, लेकिन उन्होंने कभी इस पर घमंड नहीं किया, और वो उनके कार्यों में भी स्पष्ट दिखता है। ये देश के उन चंद नेताओं में शामिल हैं, जिनके एक भी, जी हाँ, एक भी आपराधिक मामला आज तक दर्ज नहीं हुआ है।
Today He was attend a tree planting program as a normal MLA,He didn't know that in the afternoon He will become CM of gujarat.BJP is a unexpected party #Bhupendrapatel #GujaratCM pic.twitter.com/EOEarjZyKI
— Keshav Ladha🇮🇳 (@KeshavLadha2) September 12, 2021
लेकिन बात यहीं तक सीमित नहीं रहती। भूपेन्द्र पटेल के बारे में अधिक जांच पड़ताल में सामने आया कि वे जमीन से जुड़े नेता ही नहीं है, अपितु वे भाजपा के मूल आदर्शों का भी अक्षरश: अनुसरण करते हैं। उदाहरण के लिए वे श्री रामजन्मभूमि आंदोलन के प्रखर समर्थकों में से एक है, और विवादित ढांचे के विध्वंस को ‘शौर्य दिवस’ के रूप में भी मानते हैं। विश्वास नहीं होता तो इस ट्वीट को ही देख लीजिए।
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https://twitter.com/SaffronPrince_/status/1437039817645125637?s=20
https://t.co/TPNsXQvWas pic.twitter.com/VXGGIpEnrs
— Shiv Aroor (@ShivAroor) September 12, 2021
Bhupendra Patel becoming Gujarat CM is an insult because he only has 14000 twitter followers: MP Congress.
😂
Any better words to explain this low IQ? https://t.co/THTjtYCnga
— Girish Alva (@girishalva) September 12, 2021
कुल मिलाकर भूपेन्द्र पटेल एक ऐसे नेता रहे हैं, जिन्होंने सदैव पर्दे के पीछे से भाजपा के नेतृत्व को संभाला है। राजनीतिक परिप्रेक्ष्य से उनका चयन गुजरात में कई समस्याओं का निवारण कर सकता है, इस बात में कोई समस्या नहीं है। हालांकि, जिस प्रकार से कांग्रेस ने भूपेन्द्र पटेल की योग्यता को दरकिनार कर उनके ट्विटर फॉलोवर के आधार पर उनका मज़ाक उड़ाने का प्रयास किया, उससे उलटे उनकी के विचारधारा की खिल्ली उड़ाई जाने लगी।
ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि एक प्रकार से भूपेन्द्र पटेल को घेरे में डालने का प्रयास कर कांग्रेस ने अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी मारी है। एक समय वे हार्दिक पटेल के कंधे पर बंदूक रखकर गुजरात हथिया ही चुके थे, कि हार्दिक और उसके गुंडों की गुंडई उन्ही पर भारी पड़ गई। अब भूपेन्द्र यादव को ये जीरो सिद्ध करने चले थे, उलटे इन्होंने हीरो बना दिया।
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