जब तक मुसीबत आपके दरवाज़े पर दस्तक नहीं देती, तब तक आपको आभास नहीं होता कि आप कितनी बड़ी मुसीबत में हो। जब लव जिहाद के बारे में चर्चा होती थी, तो इसे ‘भाजपा और आरएसएस की साजिश’ बताकर वामपंथियों द्वारा हंसी मज़ाक में उड़ा दिया जाता था। केरल के वामपंथी तो इस विषय पर भाजपा का खुलकर उपहास उड़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ते थे, ये जानते हुए भी कि स्वयं केरल के ईसाई भी अब कट्टरपंथी मुसलमानों के बढ़ते अत्याचारों से त्रस्त होने लगे हैं। अब दबी जुबान में ही सही, पर स्वयं केरल के सत्ताधारी वामपंथियों को भी ये स्वीकारना पड़ रहा है कि लव जिहाद वाकई में एक विकट समस्या है।
हाल ही में सोशल मीडिया पर केरल में सत्ताधारी सीपीआई [एम] सरकार से जुड़ा एक इंटरनल नोट लीक हुआ है, जो काफी वायरल हुआ है। लेकिन इस नोट में ऐसा क्या है, जिसके पीछे सोशल मीडिया पर इतनी चर्चा हो रही है?
असल में इस इंटरनल नोट में सत्ताधारी सीपीआई [एम] ने पहली बार ‘लव जिहाद’ के मुद्दे पर आंतरिक चर्चा की है। मलयाली में लिखे इस नोट का शीर्षक है ‘अल्पसंख्यक सांप्रदायिकता या Minority Communalism’, जिसमें इन्होंने केरल में चरमपंथी इस्लामी संगठनों द्वारा गैर मुस्लिम लड़कियों पर हो रहे अत्याचारों को स्वीकार किया है और इसके प्रति चिंता भी जताई है।
इसके अलावा 16 सितंबर को कम्युनिस्ट पार्टी ने अपने कैडरों में पर्चे भी बँटवाए थे, जिसमें स्पष्ट चेतावनी दी गई थी कैसे कट्टरपंथी मुसलमान कॉलेज में पढ़ने वाली लड़कियों को आतंकवाद की ओर आकर्षित कर रहे हैं, और कैसे वे राज्य में अराजकता फैलाना चाहते हैं।
कम्युनिस्ट पार्टी के अनुसार, “ऐसे प्रयास किए जा रहे हैं कि युवाओं को सांप्रदायिक गतिविधियों और चरमपंथी विचारधाराओं की ओर आकर्षित किया जा सके। इसके लिए विशेष तौर पर शिक्षित युवा लड़कियों को निशाना बनाया जा रहा है। दोनों स्टूडेंट यूनियन और सीपीआई के युवा संगठन को इस बात का स्पष्ट ध्यान रखना चाहिए।
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इससे पूर्व केरल के ईसाइयों ने भी इसी ओर सत्ताधारी कम्युनिस्ट सरकार का ध्यान आकृष्ट करने का प्रयास किया था। कोट्टायम के पाला चर्च के पादरी जोसेफ कलारंगट ने लव जिहाद और नारकोटिक्स जिहाद के प्रति जनता को चेताते हुए कहा था, “कट्टरपंथी संगठन और उनके अनुयायी ऐसे तरीकों का इस्तेमाल उन जगहों पर कर रहे हैं,जहाँ हथियारों का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है और कैथोलिक परिवारों को इस संबंध में सावधान रहना चाहिए। केरल में एक खास ग्रुप है जो विभिन्न इलाकों में कैथोलिक और हिंदू युवाओं को ड्रग व अन्य नशों का आदी बना रहे हैं। ऐसे लोगों का मकसद दूसरे धर्म को भ्रष्ट करने का है। लव जिहाद और नारकोटिक जिहाद दो चीजें हैं जिन पर ध्यान दिया जाना चाहिए। पूर्व डीजीपी ने भी कहा था कि केरल आतंकियों का भर्ती केंद्र बनता जा रहा है। इधर आतंकियों के स्लीपिंग सेल्स हैं”।
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यह पहली बार बै जब आंतरिक चर्चा में और दबी जुबान में ही सही, परंतु केरल के वामपंथियों को भी स्वीकारना पड़ रहा है कि कट्टरपंथी मुसलमानों के कारण केरल में गैर मुस्लिम लड़कियों का रहना दूभर हो गया है, और ‘लव जिहाद’ एक विकट समस्या है, जिसको नकारा या हंसी मज़ाक में नहीं उड़ाया जा सकता।