दुनिया भर को कोरोना के रूप में महामारी देने वाला चीन, अब दूसरों के लिए बनाए गढ्ढे में खुद ही गिर गया है। चीन का नया कोविड -19 प्रकोप फ़ुज़ियान प्रांत में फैलता दिख रहा है और अब 45 लाख आबादी को सम्पूर्ण तरीके से बंद कर दिया गया है। इस समय दुनिया भर में सबसे खतरनाक डेल्टा वेरिएंट है जो अमेरिका, यूरोप समेत कई जगह तेजी से फैल रहा है। इस नए किस्म के कोविड वायरस से संक्रमण तेजी से फैलता है। अब यह डेल्टा वेरिएंट चीन में दस्तक दे चुका है। चीन के दक्षिणपूर्वी प्रांत में सोमवार को 22 नए मामले सामने आए है, जिसमें प्रारंभिक परीक्षण में डेल्टा वेरिएंट का लक्षण पाया गया है। नवीनतम संक्रमणों की इस लहर का कारण एक व्यक्ति को बताया जा रहा है जो अगस्त की शुरुआत में सिंगापुर से लौटा था।
कुल 43 मामलें अब तक दर्ज किए जा चुके है। स्वास्थ्य अधिकारियों ने सोमवार को कहा कि 24 घंटे की अवधि में पुतिआन शहर में 15 मामलों की पुष्टि हुई है। पुतिआन में स्कूल बंद कर दिए गए हैं और शहर छोड़ने वाले किसी भी व्यक्ति के पास पिछले 48 घंटों में एक नकारात्मक कोविड -19 परीक्षण का प्रमाण होना अनिवार्य कर दिया गया है। शहर ने शनिवार को बस और ट्रेन सेवा को निलंबित कर दिया और सिनेमा, बार जैसी सुविधाएं बंद कर दी है।
चीन के आंकड़ो पर कोई विश्वास तो नहीं करता है लेकिन जो भी आंकड़े उसने अपने नियंत्रित अधिकारों से दिए है, उससे यह पता चलता है कि 12 सितंबर तक, चीन ने 95,248 पुष्ट मामले दर्ज किए है, जिसमें कुल मृत्यु संख्या 4,636 थी।
चाइना का माल आप जानते होंगे। हर वो चीज जिसकी गुणवत्ता खराब होती है और वो सस्ते में मिल रहा होता है तो कहा जाता है क्या ये चाइना का माल है? चीन ने वैक्सीन के नाम पर भी चाइना माल बनाया था। इससे पहले आप पूछे क्यों? चीन के अनुसार चीन का आखिरी प्रकोप, जो मुख्य रूप से जिआंगसु प्रान्त में था, वह लगभग दो सप्ताह पहले समाप्त हो गया था। चीन छाती ठोककर दावा करता है कि उसने सबको वैक्सीन लगा भी दिया है। क्या कारण हो सकता है कि अब फिर से वहां ये स्थिति उत्पन्न हुई है?
कारण है सस्तऊआ वैक्सीन। ये वहीं वैक्सीन है जिसकों पूरा करने के नाम पर या फिर बूस्टर डोज के नाम पर विदेशी वैक्सीन कहकर कई जगहों पर लगाया जाता है। बहुत पहले से ही इस खबर की चर्चा हो रही थी कि चीन एक विदेशी वैक्सीन का उपयोग उन लोगों के लिए बूस्टर शॉट के रूप में करने पर विचार कर रहा है, जिन्हें सिनोवैक और सिनोफार्म जैसे चीनी टीकों को लगाया गया है। चीनी वित्तीय पत्रिका कैक्सिन के अनुसार, चीन में दवा नियामकों ने चीन की शंघाई फॉसन फार्मास्युटिकल (फोसन फार्मा) और जर्मन कंपनी बायोएनटेक द्वारा संयुक्त रूप से विकसित बूस्टर वैक्सीन की एक विशेषज्ञ पैनल समीक्षा पूरी कर ली है। बूस्टर शॉट, Fosun-BioNTech COVID-19, अब प्रशासनिक समीक्षा चरण में है। यह रिपोर्ट थाईलैंड और इंडोनेशिया की घोषणा के कुछ दिनों बाद आई है जिसमें उन्होंने कहा था कि वे चीन में बनी खुराक को ना लेकर पश्चिमी टीकों पर स्विच करेंगे।
चीन के पास जो भी वैक्सीन है, वो डेल्टा वेरियंट पर एकदम बेअसर है। चीन ने परीक्षणों या वास्तविक उपयोग में बड़े पैमाने पर डेटा के आधार पर वैरिएंट के खिलाफ वैक्सीन प्रभावशीलता के परिणाम अबतक प्रदान नहीं किए हैं। भारत ने तो पूरी दुनिया के लिए द्वार खोल रखा है, कोई भी आये और कोविशिल्ड या कॉवैक्सिन ले जाकर उसका परीक्षण कर ले, बाकी वैक्सीन लगने के बाद देश के किसी भी शहर को इस तरह बंद नहीं करना पड़ा है।
प्रयोगशाला परीक्षणों की विस्तृत जानकारी लोगों के सामने लाई जानी चाहिए, डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ चीनी टीकों पर विस्तृत डेटा की कमी ने विदेशी विशेषज्ञों द्वारा किसी भी सार्थक परिणाम पर निराशा ही जताई गई है। शोधकर्ताओं ने तो यह भी पाया है कि चीनी टीके डेल्टा वेरिएंट के कारण होने वाले रोगसूचक और गंभीर मामलों के जोखिम को कम करने में कुछ हद तक ही प्रभावी हैं।
अभी ये परिणाम प्रारम्भिक है और नमूना आकार छोटा है। भविष्य में स्थिति और गम्भीर हो सकती है। कमसेकम स्थिति तो यहीं बता रही है कि चीन के दक्षिणपूर्वी प्रांत में 4.5 मिलियन लोगों के शहर को बंद कर दिया जाना इस बात का प्रमाण है कि सबकुछ चीन में ठीक नहीं है। चीन में बाजार बंद है, अर्थव्यवस्था पर चोट पड़ रही है। चीन का हाउसिंग बबल जल्दी फूटने के लक्षण दिख रहे हैं। चीन के लिए अपनी आत्ममुग्धता भारी पड़ रही है। जरूरत यह है कि चीन बाहर आये, वैश्विक शोध के लिए देश को खोले और उसके हिसाब से बढ़िया वैक्सीन के विकल्प तलाशें। अगर कोई देश उसको नहीं समझ नही आ रहा है तो वो भारत की ओर भी देख सकता है।