‘फोकट का कुछ नहीं मिलेगा’, पत्रकारों के लिए टोल टैक्स माफ करने की मांग पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने लगाई फटकार

"यदि अच्छी सड़कों पर यात्रा करनी है, तो टोल सभी को देना पड़ेगा!"

नितिन गडकरी पत्रकार से बातचीत करते हुए

पुरानी सरकारों के कार्यकाल के दौरान मुफ्त में चीजें मिलने के कारण कुछ पत्रकार अत्यंत मुफ्तखोर हो गए हैं। इसको लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी स्वयं उल्लेख कर चुके हैं कि कैसे पूर्व पीएम की विदेश यात्राओं में पत्रकारों को विशेष सुविधाएं मिलती थीं। पीएम ने इसका कड़ा विरोध भी किया था। पीएम मोदी की तरह ही उनकी कैबिनेट के अनेक मंत्री भी वाकपटुता के धनी हैं, जो कि मुफ्तखोरों को हड़काने पर तनिक भी गुरेज नहीं करते हैं। कुछ ऐसा ही केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने भी किया। जब एक पत्रकार ने मांग की कि पत्रकारों के लिए राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल नहीं लिया जाना चाहिए। तब नितिन गडकरी ने मुफ्त की भीख मांग रहे इस पत्रकार को फटकार लगाते हुए स्पष्ट कह दिया कि फोकट का कोई धंधा नहीं खोल रखा है। नितिन गडकरी का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है, और लोग उनकी खुलकर प्रशंसा कर रहे हैं।

देश में सभी को कुछ विशेष व्यवहार व अधिकार पाने की आदत पड़ चुकी है, जिसके चलते समाज में सर्वाधिक भिन्नता है। स्पेशल एवं वीवीआईपी सिस्टम का मोदी सरकार ने सदैव विरोध किया है, और इसे खत्म करने के लिए ही लाल फीताशाही को खत्म करने के प्रयास भी किए हैं। इसको लेकर ताजा मामला हास्यासपद भी है, और सरकार की प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है। दरअसल, केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी पत्रकारों से बात कर रहे थे, जिस दौरान एक पत्रकार ने नितिन गडकरी से कहा कि राष्ट्रीय राजमार्गों में पत्रकारों को बिना किसी टोल चलने की छूट दी जानी चाहिए, इसको लेकर नितिन गडकरी ने पहले तो उस पत्रकार के मजे लिए, फिर उसे फटकार भी लगा दी।

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नितिन गडकरी ने पत्रकार की मांग को लेकर कहा, “तुमको बिल्कुल नहीं मिलेगा, फोकट क्लास का मैं समर्थक नहीं हूं, ये धंधा बंद है।नितिन गडकरी ने अपने बयान के जरिए स्पष्ट कर दिया कि वो एवं उनकी सरकार मुफ्तखोरी का बढ़ावा देने वालों की सख्त विरोधी है, और किसी को भी कुछ मुफ्त में नहीं मिलना चाहिए, समानता आवश्यक है। गडकरी इतने पर ही नहीं रुके, उन्होंने पत्रकारों को मजाकिया शब्दों में फटकार भी लगा दी और कहा, “यदि अच्छी सड़कों पर यात्रा करनी है, तो टोल सभी को देना पड़ेगा। ये नहीं चलेगा कि पत्रकार, नेता, स्वतंत्रता सेनानी, महिला या अन्य किसी विशेष के नाम पर सब कुछ मुफ्त कर दिया जाए, फोकट में कुछ भी नहीं मिलेगा।”

नितिन गडकरी एवं पत्रकार के बीच हुई इस वार्ता का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसको देखकर यूजर्स ने पत्रकार के तो मजे लिए ही हैं। साथ ही नितिन गडकरी के इस सख्त रवैए के लिए उनकी प्रशंसा भी की है।

गडकरी का ये रवैया पहले भी कई बार दिख चुका है, किन्तु  इस बार उनकी आक्रमकता ने सभी को प्रसन्न कर दिया है। उनके द्वारा दिया गया बयान बिल्कुल सटीक प्रतीत होता है, कि यदि प्रत्येक व्यक्ति को उसके पेशे के अनुसार छूट ही दी जाने लगे, तो फिर देश में समानता कहां रह जाएगी। इसलिए ये आवश्यक है कि सभी को वीवीआईपी ट्रीटमेंट की अभिलाषाएं छोड़ देनी चाहिए।

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