देश में हिंदू धर्म को नीचा दिखाने, सनातन संस्कृति का अपमान करने और हिंदू समाज के खिलाफ जहर उगलने वालों की अब खैर नहीं है। वो समय कब का चला गया जब देश की जनता ऐसे पिद्दी सोच वाले कट्टरपंथियों के मुंह नहीं लगती थी लेकिन अब सनातन धर्म के विरुद्ध जो भी विष उगलता है, जनता उसे क्षमा करने के मूड में बिल्कुल नहीं दिखती। चाहे मान्यवर के विवादास्पद एड पर कंपनी और आलिया भट्ट की आलोचना हो, या फिर कुछ और, सोशल मीडिया पर जनता की जागरूकता यह सिद्ध कर रही है कि अब सनातन धर्म का अपमान कोई हंसी मज़ाक का खेल नहीं, अन्यथा इसके दुष्परिणाम भी भुगतने पड़ सकते हैं। इसी का एक उदाहरण ज़ी मीडिया के एक न्यूज चैनल ज़ी हिंदुस्तान पर देखने को मिला, जब एक कट्टरपंथी मुसलमान को हिंदुओं के विरुद्ध विष उगलने के लिए उक्त शो से ही निकाल फेंका। लेकिन आखिर ये व्यक्ति था कौन और इसने ऐसा क्या बोला, जिसे लेकर इतना बवाल हुआ? आइए जानते हैं..
असल में हाल ही में धर्मांतरण के विरुद्ध अपने अभियान में एक बड़ी उपलब्धि प्राप्त करते हुए यूपी की ATS ने मौलाना कलीम सिद्दीकी को हिरासत में लिया है, जो इस्लाम में अवैध धर्मांतरण से संबंधित एक विशाल सिंडीकेट का संचालन कर रहे थे। इससे पहले एटीएस ने मोहम्मद उमर गौतम जैसे लोगों को हिरासत में लेकर कट्टरपंथी मुसलमानों द्वारा अवैध धर्मांतरण के प्रयासों को तगड़ी चोट पहुंचाई थी।
मौलान ने उगला था जहर
इसी संबंध में ज़ी हिंदुस्तान चैनल पर प्रसारित होने वाले डिबेट शो ‘शंखनाद’ के दौरान चर्चा के समय अपने आप को राजनीतिक विश्लेषक मसूद हाशमी ने इस्लाम में धर्म परिवर्तन के पक्ष में पहले खूब अनर्गल प्रलाप किया। परंतु हद तो तब हो गई, जब इस व्यक्ति ने ये कहा, “हिंदू माता-पिता अपनी जवान बेटियों को मुस्लिम के पीछे लगाते हैं और कहते हैं कि हिंदू धर्म में तो हम तेरी शादी कर नहीं सकते क्योंकि यहाँ पर दहेज प्रथा है। मुस्लिम तो बगैर दहेज के शादी कर लेता है, तो तू किसी मुस्लिम को सेट कर शादी कर ले।”
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अपनी बात को उचित ठहराने के लिए कोई किस हद तक गिर सकता है, इसका उदाहरण आप यहीं पर देख सकते हैं। अवैध धर्मांतरण के साथ अप्रत्यक्ष रूप से मसूद हाशमी ‘लव जिहाद’ जैसे घृणित अपराध को भी उचित ठहराने का प्रयास कर रहे थे। लेकिन निर्लज्ज़ता की भी कोई सीमा होती है, और ये सीमा लांघे जाने पर शो के संचालक रोहित रंजन भी अपना आपा खो बैठे। उन्होंने तुरंत मसूद हाशमी को बीच में टोकते हुए शो से निष्कासित किया और कहा, “आप उठिए और जाइए।
ऐसी घटिया सोच और मानसिकता वाले लोगों का कहीं भी स्वागत नहीं है। आप कौन होते हैं हिंदू धर्म पर सवाल उठाने वाले? क्या आपके पास इस बात का कोई सबूत है, जो आपने अभी क्या कहा? डिबेट में बैठ कर निराधार दावे कर रहे हैं। आप गुनहगार को गुनहगार न बोलो और ऊपर से तमाशा करते रहो। आप हिंदू धर्म के ऊपर सवाल उठा रहे हो। मुझे बेशर्म लोगों से बात करने में बड़ी दिक्कत है और आपकी बेशर्मी हद से ज्यादा है। जिस वक्त आपको हिंदू धर्म समझ में आएगा, उस वक्त मैं आपको फिर से बुलाऊँगा।”
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‘न गलत कहते हैं न सुनेंगे’
इसके पश्चात ज़ी हिंदुस्तान के एंकर रोहित रंजन ने ट्वीट किया, “सनातन का मज़ाक बनाओ, हिन्दू बेटियों के खिलाफ बोलो और हम खामोश रहेंगे? अभी तो बस शो से बाहर निकाला है। जुबान पर लगाम लगाओ। न गलत कहते हैं न सुनेंगे”
सनातन का मज़ाक़ बनाओ, हिंदू बेटियों के ख़िलाफ़ बोलो और हम ख़ामोश रहेंगे? अभी तो बस शो से बाहर निकला है… ज़ुबान पर लगाम लगाओ… ना ग़लत कहते हैं ना सुनेंगे… pic.twitter.com/cbrv2XM8y2
— Rohit Ranjan (@irohitr) September 23, 2021
ज़ी हिंदुस्तान के इस एंकर का उद्देश्य स्पष्ट था – सनातन धर्म और उसके अनुयाइयों के विरुद्ध किसी भी प्रकार का अनर्गल प्रलाप स्वीकार्य नहीं होगा। जिस प्रकार से मसूद हाशमी जैसे पैनलिस्ट को उनके ओछे विचारों के लिए निकाल बाहर फेंका गया, वो अपने आप में एक सराहनीय कदम है, जो अन्य चैनलों और देश के अन्य संस्थानों के लिए भी एक आदर्श उदाहरण सिद्ध होना चाहिए।