सऊदी अरब के मदीना में सिनेमा हॉल खोलने के निर्णय का भारतीय मुसलमान कर रहे विरोध

इस विरोध को देखकर आप अनुमान लगा सकते हैं कैसे भारत के ये कट्टरपंथी सऊदी अरब के शासन से भी अधिक हानिकारक हैं!

मदीना सिनेमा हॉल

PC: India tv

सऊदी अरब के मदीना मुनव्वरा में सिनेमा हॉल खोलने की अनुमती देने पर सऊदी सरकार के खिलाफ गुरुवार को भारतीय मुसमानों ने अपनी नाराजगी जताई है। सऊदी सरकार के खिलाफ मुंबई स्थित भारतीय सुन्नी मुसलमानों के संगठन रज़ा अकादमी ने मुंबई के मीनारा मस्जिद के बाहर जमकर प्रदर्शन किया।

दरअसल, सऊदी अरब ने मदीना अल मुनव्वरा में सिनेमा हॉल और मनोरंजन केंद्रों को मंजूरी दी। इस खबर के फैलने के तुरंत बाद, भारत में बड़े पैमाने पर मुस्लिम वर्ग में आक्रोश देखने को मिला। सऊदी अरब की सरकार के विरोध में रज़ा अकादमी सहित विभिन्न संगठन भी इस विरोध प्रदर्शन में शामिल हो गये। इन संगठनों ने गुरुवार को मुंबई में मीनारा मस्जिद के बाहर सऊदी विरोधी नारे लगाए। उनके हाथ में ‘मदीना मुनव्वरह में सिनेमा हॉल बंद करो’ और ‘हरमैन शरीफैन के गेट खोलो’ का जिक्र था।

रजा अकादमी द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में, मुस्लिम निकाय ने कहा कि सऊदी अरब में आधुनिकता की आड़ में इस्लाम विरोधी कानूनों के पीछे इजरायल का योजनाबद्ध षड्यंत्र है, जिससे पश्चिमी सभ्यता के लिए मुसलमानों के दिलों में जगह बनाई जा सके। ये कदम उम्मा के लिए जहर के जैसा है क्योंकि वे इन पवित्र जगहों पर समाज की बुराइयों से अपने आपको शुद्ध करने के लिए जाते हैं। साफ है किंग सलमान अपनी यहूदियों के प्रभाव में आकर मक्का और मदीना की पवित्रता को नष्ट कर रहे हैं। मक्का और मदीना को एक टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनाने का उनका ख्वाब और कुछ नहीं बल्कि इस्लाम पर हमला है।

इस अकादमी ने आगे कहा कि ‘उन्हें उम्मीद है कि सऊदी अरब के शासकों को सद्बुद्धि आएगी वर्ना वह दिन दूर नहीं जब उन्हें उनके तख्त से खींचकर उतार दिया जाएगा और वे पूरी तरह से मुसलमानों के रहमो करम पर होंगे, लेकिन इस्लाम और इंसानियत के खिलाफ किए गए उनके गुनाहों के लिए उन्हें कतई माफ नहीं किया जाएगा।’

रज़ा अकादमी ने सोशल मीडिया पर ऑनलाइन विरोध के लिए आह्वान किया और “#BanCinemaInMadinaShareef”, “#ShameOnYouSaudiGovt” जैसे हैशटैग को ट्रेंड करवाया। इसके साथ ही कहा कि सऊदी अरब ने इस्लामिक देश के रूप में अपनी विश्वसनीयता खो दी है। सऊदी सरकार के इस कदम को लोग मरकज़ ए शयातीन (Marakaz E Shayateen) और बी हयाई के अड्डे (Be Hayai Ke Adde) अर्थात शैतान का केंद्र और “अश्लीलता और नग्नता का केंद्र का बता रहे हैं।”

एक Twitter Users ने विरोध में लिखा ‘हम सऊदी अरब सरकार के दुनिया की सबसे पवित्र जगह पर सिनेमा हॉल खोलने की घोषणा के विचार की कड़ी निंदा और विरोध करते हैं।’

रजा अकादमी का विरोध सऊदी अरब को उतना प्रभावित शायद नहीं करेगा, क्योंकि यहाँ लिबरल्स की संख्या तेजी से बढ़ रही है परंतु इसमें भारतीयों के लिए सख्त संदेश है। इस विरोध को देखकर आप अनुमान लगा सकते हैं कैसे भारत के ये कट्टरपंथी सऊदी अरब के शासन से भी अधिक हानिकारक हैं जो दुनिया में कट्टरपंथी शासनों में से एक माना जाता है। भारत में ये कट्टरवाद और इनका विरोध शरिया के पक्ष में नजर आता है भारत के लिए कोई अच्छी खबर नहीं है।

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