‘विदेशी टैग’ के कारण भारतीय कोरियाई आयुर्वेदिक ब्यूटी प्रोडक्ट्स ख़ुशी-ख़ुशी खरीद रहे

भारतीयों की मानसिकता आज भी 'विदेशी है तो बढ़िया होगी' वाली है जिसे बदलने की आवश्यकता है

कोरियन ब्यूटी प्रोडक्ट

एक लंबे समय तक हॉलीवुड की फिल्मों ने पश्चिम को एक ब्रांड की तरह भारतीय बाजार में उतारा जिसके कारण भारत में पिज़्ज़ा हट, मैकडोनल्ड जैसे चलन बढ़ गए। भारत की फैशन सेंस पर पश्चिम का सबसे अधिक प्रभाव था। जिसका असर कपड़ों से लेकर ब्यूटी प्रोडक्ट तक देखने को मिला। हालांकि, अब यह चलन बदल रहा है और भारत में कोरियन फैशन सेंस पश्चिम की जगह नया ट्रेंड बन रहा है। हेयर स्टाइल से लेकर कपड़ों तक, खाने से लेकर ब्यूटी प्रोडक्ट तक सभी पर कोरियन प्रभाव है। विशेष रूप से महिलाओं में एथेनिक ट्राउजर, एथेनिक जैकेट जैसे कपड़ों का चलन है। खाने पर कोरियन प्रभाव जगजाहिर है, लेकिन ब्यूटी प्रोडक्ट एक ऐसा क्षेत्र है जहां पर कोरियन कंपनियां सबसे अधिक असर डाल रही हैं।

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वर्तमान में भारत में कोरियन ब्यूटी प्रोडक्ट का बाजार 16,560 करोड़ रुपए का है और 2021 से 2025 के बीच में यह 9 से 10% की वार्षिक वृद्धि दर से आगे बढ़ने वाला है। The Face Shop, Amore Pacific जैसी कोरियन कंपनियों ने भारत में कई प्रकार के ब्यूटी प्रोडक्ट लोगों के बीच प्रस्तुत किए हैं। जहां एक ओर पश्चिमी ब्यूटी प्रोडक्ट्स फलों से बने होने का दावा करते थे, वहीं कोरियन ब्यूटी प्रोडक्ट्स औषधि से बनाए जाने का दावा करते हैं।

हाल फिलहाल में भारतीयों का आयुर्वेद के प्रति विश्वास बहुत बढ़ गया है जिसका लाभ कोरियन कंपनियों को मिला है। विशेष रूप से लॉकडाउन के बाद से कोरियाई ब्यूटी प्रोडक्ट की बिक्री बहुत तेजी से बढ़ी है। इनका प्रदर्शन भी अच्छा रहा है जिसके कारण इन प्रोडक्ट के प्रति लोगों का विश्वास और भी दृढ़ हुआ है। बड़ा प्रश्न यह है कि ऐसा कैसे हुआ कि आयुर्वेदिक पद्धति के आधार पर अपने प्रोडक्ट बनाकर बेचने वाली कोरियन कंपनियां भारतीय बाजार पर आधिपत्य जमा चुकी हैं, जबकि भारतीय कंपनियां इस मामले में बहुत पीछे छूट गई हैं?

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संभवत है इसका एक बहुत बड़ा कारण प्रोडक्ट की मार्केटिंग से जुड़ा है। कोरियन प्रोडक्ट का बाजार फैलाने में ऑनलाइन स्ट्रीमिंग कर रही कोरियन वेब सीरीज और फिल्मों का बहुत बड़ा योगदान है। वहीं, भारतीय फिल्में आज भी अधिकांशतः हॉलीवुड की नकल करने और पश्चिम को ब्रांड्स के प्रचार करने में व्यस्त हैं।

दूसरा कारण यह है कि कोरियन ब्यूटी प्रोडक्ट्स ने कई प्राइस रेंज में अपने प्रोडक्ट बाजार में उतारे हैं। कोरियन ब्यूटी प्रोडक्ट ₹100 से शुरू होकर हजारों रुपये तक की रेंज में उपलब्ध हैं। बात यह है कि हर रेंज में कोरियर कंपनियों ने अच्छी गुणवत्ता उपलब्ध करवाई है।

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अपने प्रोडक्ट की मार्केटिंग और कई प्राइस रेंज में प्रोडक्ट उपलब्ध करवाने के अतिरिक्त इन कंपनियों ने अपने प्रोडक्ट को step by step तकनीक पर बेचा है। पारंपरिक क्लेनसिंग, टोनिंग, मॉइस्चराइजिंग के स्थान पर कोरियाई प्रोडक्ट 5 या 7 स्टेप में लगाए जाने वाले स्किन केयर प्रोडक्ट बेचते हैं, जिसके कारण खरीदार ने यदि एक बार उनका प्रोडक्ट खरीद लिया, तो उसे हर स्टेप के लिए प्रोडक्ट खरीदना होगा।

कोरियाई कंपनियों की सफलता का चौथा महत्वपूर्ण कारण सोशल मीडिया मैनेजमेंट है। वर्तमान समय में ग्राहक ब्यूटी प्रोडक्ट खरीदने के मामले में बहुत जागरूक हो गए हैं। जैसे उनकी स्किन ऑयली है या ड्राई है, बालों के लिए उन्हें कौन सा शैम्पू इस्तेमाल करना चाहिए आदि। कोरियाई कंपनी सोशल मीडिया के माध्यम से ग्राहकों के मन में चल रही बातों या कहें कि बाजार का ट्रेंड क्या है यह समझ लेती हैं, और उसके अनुसार कई प्रकार के ब्यूटी प्रोडक्ट उपलब्ध करवाती हैं। इसके साथ ही ये कंपनियां गुणवत्ता पर भी ध्यान देती हैं जबकि कई भारतीय कंपनियां इससे भी बाहतर प्रोडक्स बनाती हैं। उदाहरण के लिये Kama Ayurveda को ही देख लीजिए जिसकी शुरूआत 2002 में हुई थी और आज ये आयुर्वेदिक ब्रांड में नम्बर वन है। इसके सभी प्रोडक्ट्स 100% प्राकृतिक हैं। परंतु मेकअप के प्रोडक्ट्स के मामले में भारतीय ब्रांड काफी पीछे हैं क्योंकि भारतीयों की मानसिकता आज भी ‘विदेशी है तो बढ़िया होगी’ वाली है जिसे बदलने की आवश्यकता है।

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गौर करें तो एक  रणनीति के तहत कोरियाई कंपनियों ने भारतीय कॉस्मेटिक बाजार पर अपना दबदबा कायम किया है। भारत की कंपनियां टैक्सटाइल, टेक इंडस्ट्री, ऑटोमोबाइल सेक्टर आदि में शानदार प्रदर्शन कर रही हैं, लेकिन ब्यूटी प्रोडक्ट्स के मामले में अभी उनका दबदबा नहीं बन सका है। हालांकि, अब भी कॉस्मेटिक बाजार में लैक्मे, लॉरियल, हिमालयन, पतंजलि जैसे बड़े नाम हैं, इसके साथ ही केमिकल्स से दूर Forest Essentials, Just Herbs, Ohria Ayurveda, Shesha Naturals, और Biotique जैसे कई भारतीय आयुर्वेदिक ब्रांड भी हैं, लेकिन इन भारतीय कंपनियों को कोरियन कंपनियों की तरह एक बेहतर मार्केटिंग स्ट्रेटेजी बनानी पड़ेगी।

इन कंपनियों को भी लोगों को विभिन्न श्रेणियों में, विभिन्न प्रकार के उत्पाद उपलब्ध करवाने पड़ेंगे। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि सरकार को अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए बॉलीवुड और अन्य माध्यमों से इन कंपनियों को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। यदि सभी ओर से प्रयास शुरू हो तो भारतीय कॉस्मेटिक बाजार पर भारतीय कंपनी भी अपना दबदबा बना सकेगी।

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