कोहली कप्तानी क्यों छोड़ रहे है?
हाल ही में भारतीय क्रिकेट टीम के वर्तमान कप्तान विराट कोहली ने सभी को चौंकाते हुए ये घोषणा की कि वे टी20 विश्व कप के पश्चात भारतीय टीम की कप्तानी कम से कम टी20 क्रिकेट में छोड़ रहे है। उन्होंने यह निर्णय आईपीएल के प्रारंभ होने से कुछ ही दिनों पूर्व लिया है, जिसके कारण क्रिकेट जगत में खलबली मची हुई है। हालांकि जो दिखता है, जरूरी नहीं कि वही हो। कोहली कप्तानी क्यों छोड़ रहे है? कोहली के इस ‘निर्णय’ के पीछे बीसीसीआई के उच्चाधिकारियों, विशेषकर वर्तमान अध्यक्ष और पूर्व कप्तान सौरव गांगुली का भी हाथ हो सकता है।
वो कैसे? असल में कोहली ने जिस प्रकार से कप्तानी छोड़ने का निर्णय लिया है, वो अपने आप में ही स्वाभाविक नहीं प्रतीत होता। इसके पीछे अनेक कारण हैं, जिनका विस्तार से विश्लेषण करना आवश्यक है, ताकि हम समझ सकें कि आखिर क्यों विराट कोहली कप्तानी क्यों छोड़ रहे है? और इसके पीछे का क्या कारण है?
कल्पना कीजिए कि आपके पास दुनिया की सबसे बेहतरीन टीम है। आपके पास संसाधन और प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। आप हर सुविधा से परिपूर्ण है, परंतु इसके बाद भी आप हर अहम आईसीसी टूर्नामेंट में औंधे मुंह गिर पड़ते हो। विश्व की सबसे बेहतरीन टीम होने के बाद भी आप अहम समय पर ऐसे चोक करते हैं कि स्वयं दक्षिण अफ्रीका भी एक बार को शर्मा जाए। ऐसे में इस टीम के नेतृत्व पर प्रश्न उठेंगे कि नहीं?
शायद इसीलिए अब विराट के टी 20 प्रदर्शन पर भी सख्त निगरानी रखी जा रही है, क्योंकि यदि भारत टी20 विश्व कप जीतने में असफल रही, तो विराट कोहली टी20 के साथ वनडे की कप्तानी से भी हाथ धो सकते हैं। टीवी9 भारतवर्ष की रिपोर्ट के अंश अनुसार,
“जहां तक सीमित ओवरों की कप्तानी का सवाल है तो उसने [विराट] अच्छा किया है। उसने अपने ऊपर से थोड़ा दबाव कम किया है क्योंकि ऐसा लग रहा है कि वह अपनी शर्तों पर यह काम कर रहा था। अगर टी20 में प्रदर्शन में गिरावट आती है तो शायद 50 ओवर में फॉर्मेट में ऐसा नहीं हो।’ बीसीसीआई अगर निकट भविष्य में कोहली से वनडे कप्तानी भी ले लेता है तो यह हैरानी भरा नहीं होगा। टी20 विश्व कप में ट्रॉफी जीतने में नाकाम रहने के बाद कोहली को वनडे में भी विशुद्ध बल्लेबाज के रूप में उतरना पड़ सकता है।”
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विराट कोहली और कोच रवि शास्त्री के बीच क्या खिचड़ी पकती है, यह तो भगवान ही जाने, लेकिन पिछले दो वर्षों से यह जोड़ी किसी भी स्तर पर भारतीय दर्शकों का सम्मान जीतने में असफल रही है। विराट कोहली के बारे में ये बात बहुत प्रचलित है कि वे काफी अनुशासनहीन रहे हैं, और इसी के चलते अनिल कुंबले जैसे प्रतिभावान खिलाड़ी को भी भारतीय टीम के कोच का पद त्यागने पर विवश होना पड़ा। विराट कोहली की अनुशासनहीनता का ही परिणाम था कि भारत लाभकारी स्थिति में होने के बाद भी पाकिस्तान से शर्मनाक तरीके से 2017 में चैंपियंस ट्रॉफी का फाइनल हार गया। परंतु, इससे कोई सबक नहीं लेते हुए उन्होंने अपनी शैली में खेलना और कप्तानी करना जारी रखा।
ऐसी घटिया कप्तानी का असर कहीं न कहीं तो अवश्य दिखेगा। पिछले दो वर्षों में विराट कोहली के नेतृत्व में टीम का प्रदर्शन कुल मिलाकर औसत स्तर का रहा है। क्या टेस्ट, क्या वनडे, क्या टी 20, कहीं भी विराट कोहली अपनी छाप छोड़ने में नाकाम रहे। यहाँ तक कि जब ऑस्ट्रेलिया से भारत 2020 के दौरे पर पहला टेस्ट बुरी तरह हार गई, तो टीम को संभालने के बजाए विराट कोहली निजी कारणों का बहाना बनाकर बीच टूर में ही भाग लिए।
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विराट कोहली के असली स्वरूप उजागर
अब बात जब नेतृत्व की आई ही है, तो जरा विराट कोहली के नेतृत्व के असली स्वरूप को भी उजागर करते हैं। एक कप्तान वो होता है जो अपने खिलाड़ियों में से श्रेष्ठतम परफ़ॉर्मेंस निकलवाए, न कि वो जो भाई भतीजावाद को बढ़ावा दे, या फिर अपनी असुरक्षा की भावना के चलते योग्य खिलाड़ियों को ही हटाने में जुट जाए। आपको क्या लगता है, विराट कोहली कप्तानी क्यों छोड़ रहे है? क्या इसके पीछे बीसीसीआई का हाथ है या कुछ और?
हाल ही में जब टी20 विश्व कप के लिए भारतीय टीम का चयन हुआ था, तो रविचंद्रन अश्विन को आश्चर्यजनक रूप से चयनित किया गया था। एक प्रतिभावान स्पिनर होने के बाद भी उन्हें अंतर्राष्ट्रीय टी 20 टूर्नामेंटों से दूर रखा जाता था, और उप कप्तान रोहित शर्मा के जोर देने पर ही उन्हे टीम में शामिल किया गया। लेकिन अब ये भी सामने आ रहा है कि स्वयं रोहित को उपकप्तानी से हटाने के लिए विराट कोहली एड़ी चोटी का जोर लगा रहे थे, और यही बात बीसीसीआई को रास नहीं आई। टीवी9 भारतवर्ष के ही एक अन्य रिपोर्ट के अंश अनुसार,
“ऐसा कहा जाता है कि कोहली रोहित को वनडे-टी20 में उप कप्तानी से हटाने के प्रस्ताव के साथ चयनकर्ताओं के पास गए थे। उनका कहना था कि रोहित 34 साल के हो चुके हैं। ऐसे में वनडे में केएल राहुल और टी20 में ऋषभ पंत को उपकप्तान बनाना चाहिए। पीटीआई को बीसीसीआई के एक सूत्र ने कहा, यह प्रस्ताव बोर्ड को पसंद नहीं आया क्योंकि उनका मानना था कि कोहली वास्तव में अपना कोई उत्तराधिकारी नहीं चाहते। बीसीसीआई गलियारों में अधिकारियों ने माना कि कोहली 2023 वर्ल्ड कप तक अपनी कप्तानी बचाना चाहते हैं। ऐसा देखने में आया है कि कोहली ने काफी समय में कई लोगों को अपने रास्ते से हटा दिया था। इनमें खिलाड़ी, सपोर्ट स्टाफ, चयनकर्ता और बोर्ड के दिग्गज तक शामिल थे।”
बीसीसीआई का नेतृत्व वर्तमान में सौरव गांगुली और दादा कर रहे हैं जो एक खिलाड़ी और प्रशासक के रूप में खिलाड़ियों का समर्थन करने के लिए जाने जाते हैं, उन्हें हटाने के लिए नहीं जाने जाते हैं।
ऐसे में भले ही सौरव गांगुली या उनके नेतृत्व वाली बीसीसीआई ने कुछ स्पष्ट न कहा हो, परंतु इतना तो स्पष्ट है कि कहीं न कहीं कोहली टी20 की कप्तानी क्यों छोड़ रहे है? इसके पीछे बीसीसीआई की एक महत्वपूर्ण भूमिका रही है। यहाँ पर विराट के लिए संदेश स्पष्ट है – या तो अपने आप को सिद्ध करो नहीं तो कप्तानी को सायोनारा कहो!
विश्व टेस्ट चैंपियनशिप की हार के बाद अगर कोहली के हाथ से टी20 ट्रॉफी फिसल जाती है, तो 50 ओवर के प्रारूप से भी उन्हें हटाया जा सकता है। अब समय आ गया है और सौरव गांगुली के नेतृत्व में बीसीसीआई को कड़े फैसले लेने की जरूरत है। उनमें से एक है रोहित शर्मा को कप्तान बनाना।