केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख देश के सबसे बड़े पर्यटन स्थलों में से एक हैं। हर साल लाखों की संख्या में सैलानी लद्दाख पहुंचते हैं और वहां के प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेते हैं। लद्दाख में लुभावनी खूबसूरत पर्वत श्रृंखलाओं के साथ-साथ मीठे पानी की झीलें भी हैं, जो सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं। अब सरकार इस केंद्र शासित प्रदेश में बागवानी उद्योग को बढ़ावा दे रही है। लद्दाख के “खुबानी” प्रसिद्ध और उच्च गुणवत्ता के हैं, जिसकी डिमांड अंतरराष्ट्रीय बाजारों में है। सरकार पहली बार दुबई को फल निर्यात कर रही है।
खुबानी लद्दाख में उत्पादित एक बहुत ही विशिष्ट स्वाद और बनावट वाले प्रमुख फलों में से एक है। लद्दाख में खुबानी की लगभग आधा दर्जन किस्में उगाई जाती हैं। उनमें से ज्यादातर उच्च गुणवत्ता की हैं। यह कारगिल के किसानों के लिए प्राथमिक नकदी फसल है और इसे पहले कभी इसका निर्यात नहीं किया गया था। पहले किसान लद्दाख क्षेत्र से ताजा खुबानी नहीं भेज सकते थे। हालांकि, इस साल सरकार ने एक निजी किसान-केंद्रित फर्म की मदद से लद्दाख से खुबानी की मार्केटिंग करने का काम किया है।
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अंतरराष्ट्रीय बाजार में भेजे जा रहे लद्दाख के खुबानी
LAHDC के सीईसी फिरोज अहमद खान ने कहा, “यह आयोजन कारगिल के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। दुबई से उनके 150 किलोग्राम के पहले ऑर्डर के साथ फल को न केवल भारतीय बाजार में बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी भेजा गया है। स्थानीय उद्यमियों के लिए खुबानी की मूल्य श्रृंखला में भाग लेने का मार्ग प्रशस्त करते हुए, यह पहल सुनिश्चित करेगी कि कारगिल के किसान ज्यादा से ज्यादा लाभान्वित हों और उन्हें अपनी फसल के मूल्य का तत्काल एहसास हो। भारत सरकार के ओडीओसी (ODOC) कार्यक्रम के तहत हाल ही में खुबानी को कारगिल के लिए प्राथमिक फसल के रूप में पहचाना गया है।” लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद (LAHDC) के अनुसार, भारत के लगभग 62 प्रतिशत खुबानी का उत्पादन लद्दाख में होता है।
सीईसी खान ने स्थानीय उद्यमियों की उपस्थिति में बीते सोमवार को दुबई के लिए पहली बार अंतरराष्ट्रीय निर्यात को हरी झंडी दिखाई। खान ने कहा कि लद्दाख के बाहर ताजा खुबानी के निर्यात पर “प्रतिबंध” लगाया गया था और निर्यात को फिर से शुरू करना कारगिल खुबानी उत्पादकों के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
लद्दाख क्षेत्र के वरिष्ठ राजनेता असगर अली करबाली का कहना है कि “लद्दाख क्षेत्र से खुबानी सहित ताजे फल के निर्यात पर प्रतिबंध इस धारणा से लगाया गया था कि खुबानी पर उभरने वाले कोडिंग मोथ (साइडिया पोमोनेला) के कारण इसके जम्मू-कश्मीर और बाहरनिर्यात में ताजे फल के लिए खतरा पैदा होगा। लद्दाख के किसान इस बात से खुश हैं कि सरकार ने एक निजी फर्म कृषक एग्रीटेक के साथ मिलकर यह पहल की है।“
कारगिल के किसान मोहम्मद अब्बास ने कहा- ”हम कृषक एग्रीटेक के आभारी हैं और उनकी वजह से ही हम खुबानी का निर्यात करने में सक्षम हैं। हम पहले खुबानी को ही सुखाते थे लेकिन अब हम दुबई में ताजा खुबानी भेजने में सक्षम हैं। लोग इस कदम से बेहद खुश हैं।”
कृषक एग्रीटेक का अहम रोल
कृषक एग्रीटेक ने केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के 200 से अधिक किसानों से खरीदे गए 20 मीट्रिक टन ताजा खुबानी का निर्यात किया है। जिसकी कीमत लगभग 30 लाख रुपये है और यह स्थानीय लोगों के लिए रोजगार का एक अवसर भी पैदा कर रहा है।
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कृषक एग्रीटेक के संस्थापक नवीन गहलावत ने कहा, ”खुबानी के अगले सीजन से पहले हमारी एक खाद्य प्रसंस्करण इकाई स्थापित करने की योजना है। हम किसानों को यह भी सिखाएंगे कि खुबानी को स्वच्छ तरीके से कैसे सुखाया जाए।” सरकार अब खुबानी के निर्यात के लिए मध्य पूर्व के अन्य देशों पर विचार कर रही है।
अनुच्छेद 370 के हटाने और लद्दाख को अलग केंद्रशासित बनाने से लद्दाख के विकास कार्यों में प्रगति आई है। कृषि, व्यापार, रक्षा और निर्माण क्षेत्र में अभूतपूर्व अप्रत्याशित और आशातीत सफलता प्राप्त हुई है। चीनी सीमा से लगा यह क्षेत्र हमारे घर का दरवाज़ा है। आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक रूप से लद्दाख क्षेत्र को सशक्त करने की नितांत आवश्यकता है।