वर्ष 1921 के दौरान जब देश में असहयोग आंदोलन हो रहा था, तो उसी दौरान केरल में हिन्दुओं के प्रति इस्लामिक कट्टरपंथियों की नफरत जगजाग्रत हुई थी। इस दंगे में हिन्दुओं का संहार भी हुआ था। उस समय की परिस्थिति इतनी विकट थी, कि हिन्दुत्व के घोर विरोधी माने जाने वाले बी.आर अंबेडकर तक को हिन्दुओं के साथ हो रही ज्यादतियों के लिए मुंह खोलना पड़ा था। ऐसे में मलयालम फिल्मों के निर्देशक आशिक अबू ने फिल्म ‘वरियामकुन्नन’ बनाने का ऐलान किया था किन्तु अब निर्मता निर्देशक ने इस फिल्म के प्रोजेक्ट का काम बंद कर दिया है। गौरतलब है कि ये फिल्म मोपला दंगों के अपराधियों का ही महिमामंडन करने वाली बताई जा रही थी, जिसके बाद इसका खूब विरोध हुआ था।
दरअसल, स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने पर सरकार द्वारा जब ये फैसला किया गया था कि मोपला दंगे के प्रमुख दंगाईयों में वरियमकुन्नथु कुंजाहम्मद हाजी समेत 387 लोगों का नाम स्वतंत्रता सेनानियों की लिस्ट से हटाया जाएगा, तो उसके बाद से ही ये तय हो गया था कि मोपला दंगे पर आधारित मलयाल फिल्म ‘वरियामकुन्नन को लेकर एक नया विवाद खड़ा हो सकता है। इस फिल्म पर विवाद उसी दिन से शुरु हो गया था जब पिछले वर्ष इस फिल्म को प्रोजक्ट की घोषणा हुई थी।
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वहीं अब न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट बताती है कि वरियामकुन्नन फिल्म में काम करने वाले अभिनेता पृथ्वीराज एवं निर्देशकआशिक अबू ने इस प्रोजेक्ट से हटने का फैसला किया है। इस प्रोजक्ट से पीछे हटने को लेकर प्रोडक्शन के मुद्दों का सहारा लिया है, किन्तु सत्य यही है कि ये फैसला केवल भारत सरकार द्वार दंगाईयों का नाम सेनानियों की सूची से वापस लेने के कारण किया गया है। वैसे भी इस वक्त एक बड़ा बहस छिड़ी हुई है कि मोपला में हुई घटना कोई स्वतंत्रता आंदोलन थी या हिन्दुओं के विरुद्ध किया गया नरसंहार। गौरतलब है कि, इस फिल्म को कंपास मूवीज लिमिटेड एवं अबू के ओपीएम सिनेमाज़ के अंतर्गत बनाया जा रहा था।
इस मामले में बताया गया है कि निर्माता प्रर्याप्त संसाधन देने की स्थिति में नहीं थे, एवं अन्य मतभेद भी थे. जिसके चलते वरियामकुन्नन फिल्म का प्रोजक्ट रद्द किया गया है। वहीं एक खास बात ये भी है कि अबू ने इस फिल्म से स्वयं को इसलिए भी अलग किया क्योंकि पटकथा लेखकों में एक के फेसबुक पोस्ट पर कटट्पंथ के कारण काफी विवाद हुआ था। इससे पहले साल 2020 में मलयाली अभिनेता पृथ्वीराज सुकुमारन ने इस नई फिल्म की घोषणा की थी। उन्होंने फेसबुक पोस्ट पोस्ट में जिहादियों की सराहना करते हुए की थी।। अभिनेता ने वरियामकुन्नन फिल्म के पोस्टर साझा करते हुए कहा था कि वरियमकुन्नथु एक ऐसे साम्राज्य के खिलाफ खड़े हुए, जिसने दुनिया के एक चौथाई हिस्से पर शासन किया, जिसके बाद उनकी खूब आलोचना की थी।
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टीएफआई आपको अपनी रिपोर्ट में बता चुका है कि केरल मे स्वतंत्रता संग्राम की आड़ में हिन्दुओं का बड़े स्तर पर संहार किया गया था। इसके बावजूद इनको भारतीय इतिहास में एक स्वतंत्रता सेनानियों की तरह पेश किया जाता था। ऐसे में जब ये फिल्म वरियामकुन्नन’ का ऐलान हुआ था तो निर्माताओं पर कथित स्वतंत्रता आंदोलन की आड़ में मोपला हिंदू नरसंहार के जिहादियों के कुकर्मों को धोने का आरोप लगाया गया था। संघ से लेकर हिन्दू संगठनों ने भी इस पर अपनी आपत्ति जाहिर की थी। लोगों का आरोप था कि फिल्म आतंकवादी को अंग्रेजों के खिलाफ ‘विद्रोह’ करने वाले के रूप में अपराध से मुक्त करने का एक और प्रयास हैं, एवं ये दंगाईयों का ही महिमामंडन कर रही थी।
इन सभी विवादों के बीच अब जब वरियामकुन्नन फिल्म के निर्माता निर्देशक ने इस प्रोजेक्ट से खुद को अलग कर लिया है तो इसे एक साधारा प्रोडक्शन से संबंधित विवाद बताकर खत्म कर दिया जा रहा है। इसके विपरीत यथार्थ सत्य ये है कि इस फिल्म के प्रोडक्शन से लेकर अभिनेताओं और निर्देशक सभी को पता है कि इतने अधिक विवाद के बाद उनकी बनाई हुई फिल्म को बनना नामुमकिन है। यहीं कारण है कि इन लोगों ने अब इस प्रोजेक्ट से खुद को अलग कर लिया है।