National Hero: तिरंगे के सम्मान में खालिस्तानियों से भिड़ने वाले हरियाणा के विशाल की रिहाई हुई तय

विशाल जूड रिहाई

भारत में अराजकता फ़ैलाने के लिए खालिस्तानी अलगाववादी आए दिन वैश्विक स्तर पर दुष्प्रचार करते रहते हैं, और कोई भारतीय इनके खिलाफ बोलता है, तो ये लोग उसके खिलाफ षड्यंत्र रचने लगते हैं। ऐसा ही मामला आस्ट्रेलिया में हरियाणा से जाकर पढ़ाई कर रहे युवक विशाल जूड के साथ भी हुआ, लेकिन विशाल ने हार नहीं मानी, एवं तिरंगे के सम्मान में ये युवक वहां भारत के खिलाफ दुष्प्रचार कर रहे खालिस्तानियों से भी भिड़ गया। इसके बदले आस्ट्रेलियाई पुलिस ने खालिस्तानियों के षडयंत्र में फंसने विशाल के विरुद्ध ही एक्शन लेते उसे गिरफ्तार कर लिया। अब खबर सामने आ रही है कि विशाल जूड की रिहाई की तारीख 15 अक्टूबर तय की गई है, जो कि हरियाणा के इस छोरे के लिए तो अच्छी खबर है ही, साथ ही भारत के लिए भी सुखद है।

भारत में जब 26 जनवरी को किसान आंदोलन के नाम पर खालिस्तानी समर्थकों के जरिए दिल्ली के लालकिले पर अराजकता की गई, तो पूरी दुनिया में जहां जहां खालिस्तानी समर्थक थे, उन लोगों ने भारत के विरुद्ध दुष्प्रचार किया। ऐसे में आस्ट्रेलिया में 14 फरवरी के दिन कुछ खालिस्तानियों ने प्रदर्शन किए, जिसमें तिरंगे का अपमान किया गया। इस पूरी घटना के विरोध में वहां मौजूद हरियाणा के रहने वाले युवक विशाल जूड ने इसका विरोध किया, और तिरंगें का अपमान होने से बचाया। ऐसे में खालिस्तानियों ने उसपर मारपीट के आरोप लगा दिए, जिसके बाद वो पिछले 6 महीने से जेल में था, लेकिन अब न्यू साउथ वेल्स कोर्ट में विशाल की जीत हुई है, और 15 अक्टूबर को उसे रिहा कर दिया जाएगा।

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दरअसल, न्यू साउथ वेल्स में भारत विरोधी नारे लगाने वाले ख़ालिस्तानियों ने तिरंगे का अपमान किया था, जिसके बाद विशाल ने इसका विरोध किया था। विशाल ने तिरंगे का अपमान होने से तो बचा लिया, किंतु खालिस्तानियों ने उसके विरुद्ध ही षड्यंत्र रचा। खालिस्तानियों ने विशाल पर मारपीट करने और अराजकता फ़ैलाने के आरोप मढ़े जिसमें सच्चाई नहीं थी। विशाल पर कुल 11 आरोप लगाकर उसे जेल में बंद किया गया था। इस मामले में भारत सरकार ने भी अपनी आपत्ती जाहिर की थी जिसके अब सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं।

ऑस्ट्रेलिया के New South Wales कोर्ट में मजिस्ट्रेट के सामने सरकारी वकील ने विशाल का पक्ष  रखा। उन्होंने विशाल पर लगे 8 आरोप खत्म करने की अर्जी डाली थी, और ये बताया था कि विशाल ने जो कुछ किया उसके पीछे का उद्देश्य तिरंगे का सम्मान बचाना था। सरकारी वकील की इस मांग को मानते हुए, कोर्ट के मजिस्ट्रेट के. थॉमसन ने विशाल जूड को 15 अक्टूबर को रिहाई का आदेश जारी कर दिया है।

मुख्य बात ये भी है कि सुनवाई के दौरान ही विशाल के वकील ने वीडियो से संबंधित सबूत रखे थे, जो स्पष्ट कर रहे थे कि खालिस्तानी तत्वों ने विशाल को उकसाया और उसके बाद सारी घटना को अपने खिलाफ दिखाकर पुलिस के सामने झूठ बोला। खबरों के मुताबिक मजिस्ट्रेट ने तीन छोटे आरोपों के लिए विशाल को 16 अप्रैल 2021 से छह महीने की सजा सुनाई थी, खास बात ये है कि उन आरोपों को विशाल ने ही स्वीकारा था। ऐसे में अब 15 अक्टूबर को विशाल जूड की रिहाई हो जाएगी। खालिस्तानी तत्वों ने विशाल के खिलाफ दुनियाभर में गलत प्रचार किया। सिडनी में स्थित खालिस्तान समर्थकों ने इस दुष्प्रचार में बड़ी भूमिका निभाई, लेकिन ऑस्ट्रेलिया के New South Wales कोर्ट ने विशाल जूड को निर्दोष मानते हुए रिहाई का फैसला सुना दिया है।

खालिस्तानियों के लिए ये अप्रत्याशित था कि उन्हें भारत के बाहर भी विरोध का सामना करना पड़ेगा, इसीलिए वो धड़ल्ले से तिरंगें का अपमान कर रहे थे, किन्तु विशाल ने तिरंगे के सम्मान की रक्षा कर खालिस्तानियों को ही झटका दिया था, जो कि भारत एवं हरियाणा दोनों के लिए गौरवान्वित करने वाली बात है।

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