अडानी द्वारा NDTV को खरीदे जाने की अफवाह से ही चैनल के शेयरों में हुई जबरदस्त वृद्धि

जिस अडानी ग्रुप को NDTV दिन-रात कोसता है, उसके साथ नाम जुड़ने की अफवाह से ही चैनल के सुस्त शेयर्स में उछाल आ गया!

एनडीटीवी अडानी ग्रुप

कभी किसी को इतना भी मत कोसो कि बाद में उसे मुंह दिखाने योग्य भी न बचो। कुछ ऐसी ही स्थिति इस समय एनडीटीवी की है। जिस अडानी ग्रुप को वे पानी पी पी कर कोसता है, जिस अडानी ग्रुप को वे मोदी सरकार के अनाधिकारिक स्वामी के रूप में जताने का प्रयास करता है, उसके द्वारा चैनल खरीदे जाने मात्र की अफवाह से ही एनडीटीवी के सुस्त शेयर्स में जबरदस्त वृद्धि दर्ज हुई है।

एनडीटीवी की वर्तमान स्थिति किसी से नहीं छुपी है। एक समय पर सरकार में ‘मंत्री फिक्स’ करने वाला यह न्यूज चैनल आज अपना अस्तित्व बचाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रहा है। इसी बीच ये खबर सोशल मीडिया पर वायरल होने लगी कि एनडीटीवी को प्रसिद्ध उद्यमी अडानी ग्रुप खरीदेगा।

बस फिर क्या था, यह अफवाह बाजार में उड़ते ही इस समाचार चैनल के शेयर्स सोमवार (सितंबर 20, 2021) को करीबन 10 फीसद ऊपर चढ़ गए। हाल ही में, अडानी ग्रुप ने एक मीडिया वेंचर की स्थापना की बात कही थी, और इसी दिशा में खबरें आई थी कि अडानी ग्रुप दिल्ली में स्थित एक मीडिया हाउस का अधिग्रहण कर रहा है, जो संभवत: एनडीटीवी हो सकता है। इस खबर के सामने आते ही बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में एनडीटीवी के स्टॉक रेट में लगभग 10 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई।

यह कयास उसी समय से लगने लगे थे जब आज तक के संस्थापक में से एक और ‘द क्विंट’ में बतौर एडिटोरियल डारेक्टर रह चुके संजय पुगालिया ‘अडानी इंटरप्राइजेज’ की मीडिया इनिशिएटिव्स में CEO के साथ-साथ मुख्य संपादक के पद के लिए चुने गए। द क्विंट भी एनडीटीवी की भांति निरंतर अडानी ग्रुप के विरुद्ध विष उगलता आया है और देश में किसी भी संकट के लिए उसे दोषी ठहराने का प्रयास करता है।

प्रिंट मीडिया की बात करें तो अडानी ग्रुप ‘नवभारत टाइम्स’ और ‘बिजनेस स्टैण्डर्ड’ का हिस्सा रहा है। संजय पुगालिया को लेकर अडानी ग्रुप ने जानकारी दी थी कि उन्होंने 2000-01 में ऑस्ट्रेलियाई मीडिया संस्थान ‘नाइन नेटवर्क’ के ‘इंडियन JV’ में प्रेजिडेंट के अलावा ‘हेड ऑफ स्ट्रेटेजिक प्लानिंग एंड फिल्म बिजनेस’ का पद संभाला था। अडानी ग्रुप ने लिखा कि उसके उत्पादों की ब्रांडिंग और राष्ट्र निर्माण के लिए संजय पुगलिया का किरदार महत्वपूर्ण होगा।

इस विषय पर पायनियर के पत्रकार जे गोपीकृष्णन ट्वीट करते हैं,

 

“अडानी ग्रुप एक पुराने टीवी चैनल को खरीद रहा है जो सदैव उनपर हमलावर रहा। इसके लिए लंदन में हस्ताक्षर होंगे। कुछ लोगों के अनुसार इस डील का मूल्य 1600 करोड़ रुपये है। लेकिन जो व्यक्ति अभी जा रहा है उसे मात्र 100 करोड़ रुपये मिलेंगे, बाकी बड़े शेयरहोल्डर्स को 750 करोड़ रुपये मिलेंगे।”

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अब जिस एनडीटीवी ने अडानी अंबानी ग्रुप को देश के हर मुद्दे पर कोसने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी, उसी चैनल को यदि भविष्य में अडानी ग्रुप खरीद ले, तो ये अपने आप में देखने योग्य दृश्य होगा। इसके साथ ही ये इस बात को भी सिद्ध करेगा कि समय से पहले शत्रु कभी नहीं पालने चाहिए, अन्यथा अंत में हानि आप ही को होगी।

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