कोविड़ महामारी के दौरान जब आर्थिक तंत्र पूरी तरह से धीमा पड़ गया था तब मोदी सरकार के दो मंत्री संकटमोचक बन कर आए। पीयूष गोयल और नितिन गडकरी। दोनों शांत, सौम्य, सहज और समझदार व्यक्तित्व के धनी राजनेता है। इन दोनों के अनुभव और साहसिक प्रयासों के बदौलत ही भारत इस प्रलयंकारी महामारी के दौरान भी आपने आर्थिक चक्र को संचालित करने में कामयाब रहा। आइए, बारीक अन्वेषन करते है कि आखिर वो कौन-कौन से ऐसे कार्य और परियोजनाएं हैं जिन्होंने महामारी के दौर में भी भारत के आर्थिक रसूख को ज़िंदा रखा।
पीयूष गोयल:
पीयूष गोएल जब बिजली मंत्री थे, तो वे भारत के हर घर में बिजली पहुंचाने के मिशन पर थे। जिस तरह से उन्होंने काम किया वह वाकई काबिले तारीफ है। बिजली सूचना और ज्ञान प्राप्त करने का प्रमुख स्रोत है और इसकी कमी शिक्षा और स्वास्थ्य को प्रभावित करती है। संक्षेप में कहा जाए तो, बिजली का सीधा संबंध देश की अर्थव्यवस्था और देशवासियों के विकास से है।
इसको हासिल करने की जिम्मेदारी श्री पीयूष गोयल के कंधों पर थी और उन्होंने कर दिखाया।
मई 2014 से पहले बिजली, कोयला और खनन क्षेत्र घाटे में थे। पीयूष गोयल (जब वे बिजली मंत्रालय में थे) प्रत्येक राज्य के बिजली क्षेत्र को उबारने के लिए उज्ज्वल डिस्कॉम एश्योरेंस योजना और उदय योजना लेकर आए थे। उदय योजना ने 2016-17 में DISCOM के घाटे को घटाकर 50% कर दिया। भारत पहली बार बिजली का शुद्ध निर्यातक बना। उन्होंने इस क्षेत्र में इतनी पारदर्शिता लाई कि कोई भी अपने स्मार्टफोनके वेबसाइट/मोबाइल ऐप ( गर्व ) पर अपने गांव, जिले और मोहल्ले के विद्युतीकरण की स्थिति की जांच सकतें है।
इनके नेतृत्व में भारत ने COV।D-19 लॉकडाउन का लाभ उठाकर 200 प्रमुख लंबित परियोजनाओं को पूरा किया। इन परियोजनाओं में 68 किमी की संयुक्त लंबाई वाली तीन सुपर क्रिटिकल परियोजनाएं, शामिल थीं। भारत में कोविड महामारी के दौरान, गोयल ने भारतीय रेलवे को कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने के लिए एक एंटी-कोविड-19 कोच विकसित करवाया। इनके नेतृत्व में 7 मई 2021 तक, भारतीय रेलवे ने 2,511 मीट्रिक टन तरल चिकित्सा ऑक्सीजन का रिकॉर्ड लोड लिए 161 टैंकरों के साथ “40 ऑक्सीजन एक्सप्रेस” चलाई।
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जनवरी 2021 में गोयल के नेतृत्व में भारत ने विश्व बैंक की व्यापार सुगमता रैंकिंग में 14 स्थान की छलांग लगाई और भारत को 190 देशों में 63वें स्थान पर ले गया। उनका उद्देश्य लाइसेंस राज, भूमि सुधार अनुमतियों, विदेशी निवेश प्रस्तावों और पर्यावरण मंजूरी से संबंधित प्रतिबंधात्मक राज्य सरकार की नीतियों को हटाना था। गोयल ने आत्मनिर्भर भारत की महत्वाकांक्षी परियोजना को भी सार्थक रूप से आगे बढ़ाया। यह सुनिश्चित करने के लिए कि सभी प्रवासी श्रमिक समुदाय देश में कहीं भी अपना आवंटित राशन प्राप्त कर सकें, गोयल ने एक राष्ट्र एक राशन योजना के त्वरित कार्यान्वयन का आह्वान किया। उनके इस योजना का सबसे ज़्यादा फायदा महामारी के दौरान पलायन करते मजदूरों को सबसे ज्यादा मिला।
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नितिन गडकरी:
दूसरा नाम है भाजपा में संघ के सबसे विश्वस्त और नागपुर से लोक सभा सांसद नितिन गडकरी का। कोविड महामारी के दौरान सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री के तौर इनका कार्य अभूतपूर्व रहा। देश के बड़े हिस्से में कोविड लॉकडाउन और गतिशीलता पर प्रतिबंध के बावजूद राजमार्ग निर्माण चालू वित्त वर्ष के अप्रैल-मई में सालाना 74 फीसदी बढ़कर 24.1 किमी/दिन हो गया। नवीनतम राजमार्ग निर्माण संकेत देता है कि अर्थव्यवस्था का निर्माण क्षेत्र अपनी प्रगतिशीलता और उन्नति को बनाए हुए है।
जब उन्हें पहली बार सड़क परिवहन, राजमार्ग और जहाजरानी मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई तो गडकरी ने 62 टोल प्लाजा पर शुल्क वसूली बंद कर दी।
गडकरी ने भारतीय सड़कों के लिए अन्य लाभों के अलावा राष्ट्रीय राजमार्ग टोल सूचना प्रणाली, इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह (ईटीसी) प्रणाली, सीसीटीवी निगरानी प्रणाली, स्वचालित कैमरा-आधारित ड्राइविंग परीक्षण प्रणाली, सड़क दुर्घटना के शिकार लोगों के लिए कैशलेस उपचार के निर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
उन्होंने राजमार्ग क्षेत्र और राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना, इलेक्ट्रॉनिक रिक्शा और सड़क परिवहन में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के लिए बुनियादी ढांचे और सामग्री प्रदाताओं के लिए ।NAM-PRO प्लेटफॉर्म की भी शुरुआत की।
नितिन गडकरी ने सागरमाला परियोजना, तटीय बर्थ, पोर्ट कनेक्टिविटी में सुधार, प्रमुख बंदरगाहों को हरा-भरा बनाने के लिए प्रोत्साहन, जेएनपीटी में एसईजेड, तटीय कार्गो के लिए ग्रीन चैनल मंजूरी, नए प्रमुख बंदरगाह, तेल प्रदूषण उपकर जैसी कई नई परियोजनाओं की शुरुआत की। विशेष रूप से, सागरमाला कार्यक्रम भारत सरकार द्वारा देश के रसद क्षेत्र के प्रदर्शन को बढ़ाने के लिए एक पहल है।
नितिन गडकरी भी भारत सरकार की केंद्र प्रायोजित और वित्त पोषित सड़क और राजमार्ग परियोजना भारतमाला परियोजना के प्रमुख लोगों में से एक हैं। 83,677 किलोमीटर प्रतिबद्ध नए राजमार्गों के लिए कुल निवेश 5.35 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है, जो इसे सरकारी सड़क निर्माण योजना के लिए सबसे बड़ा परिव्यय बनाता है।
उन्होंने फरवरी में हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में 4419 करोड़ रुपये से अधिक की सात राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की आधारशिला रखी।
यमन से भारतीयों को सफलतापूर्वक निकालने, गंगा के माध्यम से कोयले के परिवहन और अंतर्देशीय को बढ़ावा देने में भी उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उपयुक्त उद्दरित उनके विकास कार्यों ने महामारी के काल में भी भारत के आर्थिक कालचक्र को चलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
पीयूष गोयल ने जहां अपनी आर्थिक नीतियों से देश को घनघोर मंदी में जाने से रोका तो वही गडकरी ने आधारभूत संरचना की नींव रखी। दोनों राजनेताओं ने भविष्य के नेताओं के लिए एक वृहद विरसात के साथ समर्पण और सेवा की सीख भी सिंचित किया है।