टोक्यो में इस वर्ष हुए ओलंपिक खेलों में भारत ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया था, एवं वही एतिहासिक प्रदर्शन टोक्यो पैरालंपिक में भी जारी है। पैरालंपिक के 11 वें दिन भारत की ओर से अब बैडमिंटन खिलाड़ी प्रमोद भगत ने स्वर्ण पदक जीता है, जिसे भारत के बैडमिंटन इतिहास के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन माना जा रहा है, क्योंकि प्रमोद भगत ने बैडमिंटन में वो कर दिखाया जो कि न सायना नेहवाल कर सकीं, और न ही पी वी सिंधु। इन दोनों खिलाड़ियों ने भी ओलंपिक में कभी स्वर्ण पदक नहीं जीता है, लेकिन प्रमोद भगत ने स्वर्ण जीतकर पैरालंपिक इतिहास में अपना नाम सुनहरे अक्षरों में दर्ज करा लिया है। SL3 बैडमिंटन स्वर्ण पदक जीतने के साथ ही भारत के स्वर्ण पदकों की संख्या 4 तक पहुंच गई है, इतना ही नहीं, मनोज सरकार ने भी SL3 श्रेणी के बैडमिंटन में कांस्य पदक भी जीता है, जो कि एक खुशखबरी ही है।
टोक्यो पैरालंपिक 2021 से जुड़ा भारतीय खेलों का इतिहास स्वर्ण अक्षरों से लिखा जाने वाला है क्योंकि इस बार भारतीय खिलाडियों ने भारत का गौरव सातवें आसमान पर पहुंचा दिया है। पैरालंपिक के 11 वें दिन भारत के लिए एक साथ कई खुशियां आईं। शूटिंग में मनीष नरवल के स्वर्ण से लेकर सिंघराज अधाना का रजत पद भारत के लिए जश्न मनाने का कारण बना, तो वही SL3 श्रेणी के बैडमिंटन में प्रमोद भगत ने इतिहास रचते हुए स्वर्ण पदक जीत लिया। खास बात ये है कि इसी बैडमिंटन श्रेणी में मनोज सरकार ने भी कांस्य पदक जीता है।
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भारतीय ओलंपिक इतिहास में बैडमिंटन में स्वर्ण पदक लाकर प्रमोद भगत ने एक इतिहास रचा है क्योंकि अभी तक इसमें कोई भी स्वर्ण नहीं ला पाया था, न पीवी सिंधु और न ही सायना नेहवाल। इसके विपरीत पैरालंपिक खेलों में स्वर्ण जीतकर प्रमोद भगत ने बैडमिंटन के स्वर्ण में भी भारत का नाम शामिल करा दिया है, जो देश के लिए एक गर्व का विषय है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रमोद भगत की इस सफलता, एवं देश का गौरव बढ़ाने को लेकर कहा, “प्रमोद भगत ने पूरे देश का दिल जीत लिया है। वह एक चैंपियन हैं, जिनकी सफलता लाखों लोगों को प्रेरित करेगी। उन्होंने उल्लेखनीय लचीलापन और दृढ़ संकल्प दिखाया। उन्हें बैडमिंटन में स्वर्ण पदक जीतने के लिए बधाई। उन्हें उनके भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं।”
Overjoyed by @manojsarkar07’s wonderful performance. Congrats to him for bringing home the prestigious Bronze Medal in badminton. Wishing in the very best for the times ahead. #Paralympics #Praise4Para
— Narendra Modi (@narendramodi) September 4, 2021
वहीं प्रमोद भगत के साथ ही बैडमिंटन में कांस्य पदक जीतकर मनोज सरकार ने भी भारत को गौरवान्वित किया है। उनके इस योगदान के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट कर लिखा, “मनोज सरकार के शानदार प्रदर्शन से बहुत खुश हूं। बैडमिंटन में प्रतिष्ठित कांस्य पदक स्वदेश लाने के लिए उन्हें बधाई। आने वाले भविष्य के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएं।” गौरतलब है कि इन दोनों ही खिलाड़ियों के पदक भारतीय खिलाड़ियों के प्रोत्साहन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले हैं, जो भविष्य में भारत की पदक तालिका को विस्तार दे सकते हैं।
Overjoyed by @manojsarkar07’s wonderful performance. Congrats to him for bringing home the prestigious Bronze Medal in badminton. Wishing in the very best for the times ahead. #Paralympics #Praise4Para
— Narendra Modi (@narendramodi) September 4, 2021
भारतीय पैरालंपिक इतिहास में टोक्यो पैरालंपिक भारत के लिए एतिहासिक रहा है। अब तक भारत के टोक्यो 2021 में 17 मेडल हो चुके हैं। वहीं पैरालंपिक में भारत के इतिहास की बात करें तो 44 साल में 11 पैरालिंपिक्स में भारत में केवल 12 मेडल आए। 1960 से पैरालिंपिक हो रहा है। भारत 1968 से पैरालिंपिक में भाग ले रहा है। वहीं 1976 और 1980 में भारत ने भाग नहीं लिया था। टोक्यो 2021 में अब तक 4 गोल्ड, 7 सिल्वर और 6 ब्रॉन्ज मेडल मिले हैं। इसके चलते भारत ने 1972 से 2016 तक जितने पदक प्राप्त किए थे, उससे कहीं ज्यादा 17 पदक भारत ने टोक्यो पैरालंपिक 2021 में ही प्राप्त कर लिए हैं, इसीलिए इसे अभूतपूर्व माना जा रहा है।
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ऐसा नहीं है कि अभी पैरालंपिक में पदकों की ये संख्या 17 तक ही रुक गई है, इसके अभी बढ़नें की पूरी संभावनाएं हैं क्योंकि नोएडा के डीएम सुहास एलवाई का स्वर्ण पदक के लिए मैच निर्धारित है। सुहास एसएल-4 कैटेगरी में गोल्ड मेडल के लिए लिए मजूर लुकास से भिड़ेंगे, जिसका फाइनल मैच रविवार को खेला जाएगा। वहीं इसी कैटेगरी में ब्रॉन्ज मेडल के लिए तरुण ढिल्लो इंडोनेशिया के फ्रेडी सेतियावान से भिड़ेंगे। खास बात ये है कि सुहास का कांस्य पदक पक्का हो चुका है। इससे ये निश्चित ही भारतीय पदक सूची में बढ़ोतरी करने वाला है।
TFI आपको पहले बता चुका है कि कैसे खेलो इंडिया मुहिम के तहत मोदी सरकार खेलों को विस्तार देने का प्रयास कर रही है। यही कारण है कि ओलंपिक से लेकर पैरालंपिक तक में भारत का प्रदर्शन सर्वश्रेष्ठ रहा है। मोदी सरकार के प्रयासों का ही नतीजा है कि जो 1972 से 2016 तक पैरालंपिक पदकों की कुल संख्या मात्र 12 थी, वो अब टोक्यो पैरालंपिक 2021 के दम पर अकेले ही 17 के पार जाने वाली है, जो कि देश के लिए एक अभूतपूर्व उल्लास का विषय है।