हाल ही में पंजाब की राजनीति में भूचाल आया है। कद्दावर कांग्रेस नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह [सेवानिर्वृत्त] को पार्टी की दलगत राजनीति और नवजोत सिंह सिद्धू की आनाकानी के कारण त्यागपत्र सौंपने पर विवश होना पड़ा, और उनके स्थान पर चरणजीत सिंह चन्नी को पंजाब के नए मुख्यमंत्री के तौर पर चुना गया। अब चरणजीत सिंह चन्नी के चुनाव को मीडिया विश्लेषक एक बहुत महत्वपूर्ण विजय के रूप में चित्रित कर रहे हैं, क्योंकि कथित तौर पर चरणजीत पंजाब के सिख समुदाय के पिछड़े वर्ग से आते हैं। परंतु चरणजीत की प्रोफ़ाइल खंगालने पर कई ऐसे तथ्य भी सामने आए हैं, जिससे सुन आप भी समझ जायेंगे कि पंजाब के वर्तमान सीएम कर्तव्य से ज्यादा अपने शौक को महत्व दे सकते हैं । नवजोत सिंह सिद्धू के समर्थक होने के अलावा चरणजीत सिंह चन्नी पर महिला अफसरों पर छींटाकशी का भी आरोप है।
जब भारत में मी टू आंदोलन ज़ोरों पर था, तभी चरणजीत सिंह चन्नी पर एक महिला आईएएस अधिकारी को आपत्तिजनक संदेश भेजने का आरोप लगा था।
तब इसी चरणजीत सिंह चन्नी के विरुद्ध महिलाओं ने धरने भी दिए और प्रदर्शन भी किए, जिसके बाद चन्नी ने महिला अधिकारी से माफी माँग ली थी। उस समय मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंद सिंह ने कहा था कि ‘मंत्री ने माफी माँग ली है इसलिए यह मामला खत्म हो गया है।’
हालांकि, बाद में यह मामला 2020 में एक बार फिर सामने आया जब कैबिनेट सब कमेटी की एक बैठक के दौरान कैबिनेट मंत्री मनप्रीत बादल और चरणजीत सिंह चन्नी एक्साइज पॉलिसी को लेकर तत्कालीन चीफ सेक्रेटरी करण अवतार सिंह से भिड़ गए थे। इसके बाद दोनों ही मंत्रियों ने बैठक छोड़ दी थी, और चरणजीत सिंह चन्नी ने अमरिंदर सिंह पर उनको झूठे आरोपों के अंतर्गत फँसाने का आरोप लगाया था, लेकिन 18 मई 2021 को पंजाब महिला आयोग की चीफ मनीषा गुलाटी ने इस मामले को लेकर राज्य सरकार को नोटिस भेजा था।
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अब आपको क्या लगता है, चरणजीत सिंह के कारनामे केवल यहीं तक सीमित हैं? सीएम से पहले जब ये महोदय पंजाब सरकार में तकनीकी शिक्षा मंत्री थे, तब एक ट्रांसफर का मामला तय करने हेतु इन्होंने कॉइन टॉस किया था और फिर निर्णय लिया था। यह विवादास्पद निर्णय सोशल मीडिया पर काफी वायरल भी हुआ और इसके लिए पंजाब सरकार की काफी खिल्ली भी उड़ाई गई।
Here is an example of how Punjab govt functions.
Punjab Minister for Technical Education Charanjit Singh Channi decides a transfer case by tossing a coin. pic.twitter.com/787E8kBJ3l— Man Aman Singh Chhina (@manaman_chhina) February 13, 2018
हालांकि, इस बात की पुष्टि नहीं हुई है, परंतु कुछ मीडिया रिपोर्ट्स का यह भी मानना है कि चरणजीत असल छद्म ईसाई नेता हैं, जो पंजाब में मिशनरी गैंग को कथित तौर से बढ़ावा भी देते हैं। सुदर्शन न्यूज ने पंजाब के नए मुख्यमंत्री की पत्नी के इंटरव्यू में उनके घर में एक ईसाई क्रॉस की ओर ध्यान रेखांकित करते हुए अपने ट्वीट में प्रश्न भी किया है,
“दलित सिख नहीं, बल्कि ईसाई मुख्यमंत्री दिया है पंजाब को कांग्रेस ने! उनकी पत्नी हमको प्रतिक्रिया दे रही हैं तो उनके घर में क्रॉस लटक रहा है”।
दलित सिख नहीं बल्कि इसाई मुख्यमंत्री दिया है पंजाब को कॉंग्रेस ने ? उनकी पत्नी हमको प्रतिक्रिया दे रही हैं तो पीछे दिवार पर क्रॉस लटक रहा है ! pic.twitter.com/IKDINJAckv
— Dr. Suresh Chavhanke “Sudarshan News” (@SureshChavhanke) September 19, 2021
अब ये बात कहाँ तक सत्य है, इसके लिए तो शायद काफी जांच पड़ताल की आवश्यकता पड़ेगी, परंतु यदि ये सत्य है, तो कांग्रेस काफी सही खेल खेल गई है पंजाब के साथ। उन्होंने बड़ी चालाकी से एक ऐसे व्यक्ति को मुख्यमंत्री का चेहरा भी बना दिया है, जो जातिगत समीकरण भी बिठा सके, और धीरे धीरे भारत को तोड़ने की नीति में उनका भरपूर सहयोग भी दे सके, और चरणजीत सिंह चन्नी के इतिहास और उनके प्रोफ़ाइल को देखते हुए तो लगता है कि निशाना एकदम सटीक लगा है।