संसद टीवी से देश की नीतियों को जनता के बीच ले जाएगी सरकार

शशि थरूर को एक विशेष टॉक शो होस्ट करने का अवसर भी प्रदान किया गया!

संसद टीवी का लोगो

मोदी सरकार ने लोकसभा टीवी और राज्यसभा टीवी का विलय कर एक नया चैनल संसद टीवी बनाया

जन भागीदारी को एक नए स्तर पर ले जाने हेतु मोदी सरकार ने लोकसभा टीवी और राज्यसभा टीवी का विलय कर एक नया चैनल संसद टीवी बनाया गया है। अब इसी चैनल से मोदी सरकार अपनी नीतियों को आमजनमानस तक पहुंचाएगी। अफसरों के अनुसार संसद टीवी के दो प्लेटफ़ॉर्म होंगे, पर एक सुप्त रहेगा, जब संसद का सत्र नहीं चलेगा। दूसरे में संसद के सत्र दिखाए जाएंगे, जहां एक पर लोकसभा और दूसरे पे राज्यसभा की गतिविधियां प्रसारित होंगी। इस विलय से कई हजार करोड़ रुपये भी बचेंगे और सरकार को उच्चतम कॉन्टेन्ट प्रसारित करने में आसानी भी होगी।

उदाहरण के लिए, लोकसभा टीवी और राज्यसभा टीवी पर जो भी कॉन्टेन्ट प्रसारित होता था, उसमें पत्रकारों का प्रभुत्व रहता था, जबकि पत्रकारों के लिए चैनल या कॉन्टेन्ट की टीवी पर कोई कमी नहीं है। अब संसद टीवी के माध्यम से उन लोगों की भागीदारी अधिक बढ़ेगी, जो वास्तव में सरकार का हिस्सा हैं, चाहे वो सत्ताधारी पार्टी, विपक्षी नेता हों या फिर संसद के अन्य सदस्य। अब जो वो बोलेंगे, वो देश सुनेगा, न कि वो जो पत्रकार आपको सुनाना चाहते हैं।

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शशि थरूर टॉक शो होस्ट करेंगे

संसद टीवी से सभी नीति निर्माता – चाहे सत्ताधारी नेता हो या विपक्षी, जनता से प्रत्यक्ष संवाद कर पाएंगे। इस मंच के जरिए ये नीति निर्माता अपने नीतियों के पीछे के तर्क को समझा भी पाएंगे और विपक्ष भी इन तर्कों के समर्थन या विरोध के पीछे का तर्क समझा पाएगी। इस दिशा में एक अहम निर्णय लेते हुए चर्चित सांसद शशि थरूर को एक विशेष टॉक शो होस्ट करने का अवसर भी प्रदान किया गया, जिसका नाम होगा ‘टू द पॉइंट’।

PTI से साक्षात्कार के अनुसार, शशि थरूर बताते हैं, “संयुक्त राष्ट्र टीवी के लिए मैंने अभिनेता माइकल डगलस का साक्षात्कार लिया था और कई अन्य हस्तियों का भी लिया था, तो मैं एंकर के तौर पर पूर्णतया अनुभवहीन नहीं हूँ। परंतु प्रश्न का उत्तर से बेहतर उन्हें पूछना अच्छा लगता है।”

इसी भांति शिवसेना की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी महिला सांसदों के लिए एक विशेष शो होस्ट करेंगी, जिसका शीर्षक है ‘मेरी कहानी’। प्रियंका चतुर्वेदी के अनुसार, “ये काफी रोचक शो, जहां आप अपने अनुसार अपनी बात रख सकते हैं, और अपने अनुसार अपने गेस्ट्स से प्रश्न पूछ सकते हैं।”

ये लिस्ट यहीं तक सीमित नहीं है। इनके अलावा जो लोग संसद टीवी की शोभा बढ़ाएंगे, उनमें प्रमुख आर्थिक सलाहकार संजीव सानयाल, आर्थिक सलाह परिषद के अध्यक्ष एवं प्रख्यात संस्कृत अनुवादक बिबेक देबरॉय एवं नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कान्त प्रमुख हैं।

संसद टीवी का मुख्य उद्देश्य

संसद टीवी का प्रमुख उद्देश्य नीति निर्माताओं और देशवासियों के बीच के कम्युनिकेशन प्रोसेस को और अधिक लोकतान्त्रिक बनाना और लोगों को सांसदों से जोड़ना है। इस अवसर पर जनता को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा, “आज जिस चैनल का उद्घाटन हो रहा है, वो जनता और उनके प्रतिनिधियों के बीच के संबंधों को जोड़ने के लिए एक अहम कड़ी सिद्ध होगी। यह जनता की आकांक्षाओं को सही जगह तक पहुंचाएगी और अराजकतावाद का शोर जनता की आवाज को नहीं दबा सकती।”

सच कहें तो संसद टीवी मोदी सरकार की ओर से सरकार और देश के नागरिकों के बीच के संवाद को अधिक लोकतान्त्रिक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण और सार्थक प्रयास है। इससे करदाताओं के कई हजार करोड़ रुपये भी बचेंगे और जनसंवाद में एक नया कीर्तिमान भी स्थापित होगा। अब देखना यह है कि यह कितना सफल होता है।

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