काफी पहले से ही शिव नरेश स्पोर्ट्स परिधान बना रहा है, बस पहचान अब मिली

पिछले ढाई दशकों में लगभग 10 में 7 बार भारत का गौरव शिव नरेश ने ही बढ़ाया है!

शिव नरेश स्पोर्ट्स

शिव नरेश का नाम सुना है? यदि नहीं, तो कभी ओलंपिक में भारतीय टीम के जर्सी पर ध्यान दीजिएगा। पिछले ढाई दशकों में लगभग 10 में 7 बार भारत का गौरव शिव नरेश ने ही बढ़ाया है। जब अभिनव बिन्द्रा ने बीजिंग ओलंपिक में भारत को पहला व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जिताया था, तो जो ट्रैकसूट पहनकर वे पोडियम पर स्वर्ण पदक लेने आए थे, वे शिव नरेश द्वारा ही निर्मित था। यहाँ तक कि जब टोक्यो पैरालम्पिक में निशानेबाज़ अवनी लेखरा ने इतिहास रचते हुए स्वर्ण पदक प्राप्त किया, तो उन्होंने भी शिव नरेश द्वारा रचित ट्रैकसूट ही पहनी थी। कुल मिलाकर सार यही है कि शिव नरेश ने एक स्पोर्ट्स कंपनी के तौर पर वर्षों से भारत की निस्स्वार्थ सेवा की है, बस पहचान अब मिल रही है।

शिव नरेश का लोगों एक बाघ का है, जिसके नीचे रोमन लिपि में शिव नरेश अंकित है। इसके कारण कई लोग इसकी तुलना अंग्रेज़ी स्पोर्ट्स कंपनी ‘Slazenger’ और जर्मन कंपनी ‘Puma’ से भी करते हैं। इसकी स्थापना आरके सिंह ने दिल्ली में की थी, जिन्होंने इसलिए इस कंपनी की नींव रखी, क्योंकि वे एक भारतीय विकल्प प्रदान करना चाहते थे। 2016 में इस कंपनी का टर्नओवर 69 करोड़ रुपये था, और ये भारतीय हॉकी टीम सहित कई खेलों में भारत के खिलाड़ियों को प्रायोजित करती है।

इतना ही नहीं, शिव नरेश ने 1996 से अनेकों ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व भी किया है। एटलांटा ओलंपिक 1996 हो, या फिर सिडनी ओलंपिक 2000 हो, बीजिंग ओलंपिक 2008 हो, हर जगह शिव नरेश ने भारत की किट स्पान्सर की है।

आरके सिंह के अनुसार, “मैंने शिव नरेश की शुरुआत इसलिए की थी, ताकि उचित दाम पर युवा खिलाड़ियों को बेहतरीन एथलेटिक किट पहनने का अवसर मिले। जब मैं स्वयं खेलता था, तो मुझे उचित वस्तुएं ढूँढने में समस्या होती थी। मेरी पत्नी ने मुझे समर्थन दिया और मेरे स्वप्न को सत्य में परिवर्तित किया। आज हम [राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय] विभिन्न टीमों के लिए स्पोर्ट्स वियर तैयार करते हैं, चाहे वो किसी भी स्तर, किसी भी श्रेणी के हो, और हर प्रकार के ग्राहक के लिए हमारे पास सुविधाएँ उपलब्ध है। हमारा उद्देश्य – एथलीट सर्वोपरि रहे।”

भारतीय स्पोर्ट्स उत्पादों का मार्केट बहुत बड़ा है, जिसका मूल्य लगभग 7500 करोड़ रुपये का है, लेकिन हर ग्राहक की सुविधानुसार उत्पाद तैयार कर शिव नरेश ने अपनी अलग पहचान स्थापित की है। ईकोनॉमिक टाइम्स से बातचीत के अनुसार, बजाज एंड कंपनी नामक रीटेल स्टोर के एक सेल्सपर्सन ने बताया “शिव नरेश के उत्पाद सदैव डिमांड में रहते हैं। वे तो नाईक, रीबॉक और एडिडास जैसे कंपनियों तक को चुनौती दे रहे हैं। इनकी गुणवत्ता भी नित नए आयाम प्राप्त कर रही है, और यह उतने महंगे भी नहीं है, जिसके कारण हमें इनके उत्पाद बेचने में आसानी होती है।”

शिव नरेश की लोकप्रियता बढ़ाने में भारतीय फिल्म उद्योग का भी योगदान रहा है। बॉलीवुड में ‘मेरी कॉम’ हो, ‘सूरमा’ हो, या तेलुगु उद्योग में ‘मल्ली मल्ली इडी रानी रोजू’, इन फिल्मों ने शिव नरेश के उत्पादों को बढ़ावा देने में अपना अलग सहयोग दिया है।

जैसे खेलों में ओड़ीशा सरकार ने हॉकी को उसका खोया गौरव प्रदान किया, वैसे ही एक स्पोर्ट्स किट कंपनी के तौर पर शिव नरेश ने दशकों से भारत के प्रतिष्ठा का मान रखा है। लेकिन अब टोक्यो ओलंपिक और फिर टोक्यो पैरालम्पिक में जिस प्रकार से शिव नरेश ने भारत का मान बढ़ाया है, उससे अब उसे अपना वर्षों से लंबित ख्याति प्राप्त हो रही है। आशा करते हैं कि शिव नरेश जैसे अन्य कंपनियां भी निकलकर सामने आए, और भारत का मान बढ़ाए।

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