सिद्धू के “कैप्टन विरोधी साथी” चरणजीत सिंह चन्नी होंगे पंजाब के नए मुख्यमंत्री

दो डिप्टी सीएम भी बनाने की प्लानिंग की गई है!

चरणजीत सिंह चन्नी होंगे पंजाब के नए मुख्यमंत्री

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद पंजाब कांग्रेस के लिए सबसे बड़ी समस्या ये थी कि आनन-फानन में मुख्यमंत्री किसे बनाया जाए। कैप्टन का अपमान करने वाले प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू मुख्यमंत्री बनने को आतुर थे, लेकिन सिद्धू कैप्टन के लिए एक सरल प्रतिद्वंद्वी हो सकते थे। नतीजा ये कि पार्टी द्वारा चरणजीत सिंह चन्नी को पंजाब का मुख्यमंत्री बनाने का फैसला कर लिया गया। पार्टी को एक मुख्यमंत्री चुनने के लिए अनेकों पापड़ बेलने पड़े। ऐसे में चन्नी को चुनने के साथ दो डिप्टी सीएम भी बनाने की प्लानिंग की गई है। वहीं खास बात ये है कि पंजाब का मुख्यमंत्री चुनने में इतना वक्त इसलिए लगा क्योंकि सिद्धू पहले खुद को सीएम बनाने पर अड़े थे, और फिर उन्होंने अपनी पसंद का सीएम चुनने में समय लगाया।

पंजाब में कांग्रेस की स्थिति इतनी नाज़ुक है कि कैप्टन अमरिंदर के इस्तीफा देने के बावजूद पार्टी क़ो मुख्यमंत्री चुनने में पूरा दिन लग गया। पहले अंबिका सोनी फिर सुनील जाखड़, उसके बाद सुखजिंदर सिंह रंधावा का नाम चला। ऐसे में पार्टी की खूब फजीहत हुई। कैप्टन अमरिंदर सिंह का विकल्प ढूंढने में कांग्रेस के पसीने छूट गए। वहीं, अंत में ये भी साबित हो गया कि कांग्रेस नवजोत सिंह सिद्धू की शर्तों के आगे मजबूर हो चुकी है, क्योंकि रंधावा का नाम मुख्यमंत्री पद के लिए पूर्णतः तय था, इसके बावजूद वो मुख्यमंत्री की रेस न जीत सके क्योंकि सिद्धू उनके नाम पर भी सहमत नहीं थे।

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ऐसे में कांग्रेस आलाकमान को सिद्धू की शर्तों के आगे झुकना पड़ा है। सिद्धू ने कांग्रेस आलाकमान के सामने चन्नी का नाम आगे किया, एवं मजबूरन कांग्रेस आलाकमान ने उसे स्वीकार कर लिया, और ये साबित हो गया कि कांग्रेस आलाकमान अब सिद्धू के हाथों की कठपुतली बन चुका है, जो कि कांग्रेस को पंजाब में बर्बादी के बेहद करीब ले जा सकता है। कांग्रेस ने इसके साथ दो‌ डिप्टी सीएम बनाने का ऐलान किया है, जिसके नामों को लेकर अभी स्थिति साफ नहीं है‌। वहीं चरणजीत सिंह चन्नी के पंजाब का मुख्यमंत्री बनने की जानकारी भी सर्वप्रथम हरीश रावत ने ही दी है।

हरीश रावत को लेकर कहा जा सकता है कि जिस तरह उन्होंने उत्तराखंड में पार्टी को बर्बाद किया, वही कार्य उन्होंने पंजाब में पार्टी की नैया डुबोने में किया है। वहीं चरणजीत सिंह चन्नी को कांग्रेस में कैप्टन का सबसे बड़ा विरोधी माना जाता है। कैप्टन के विरोध में सिद्धू ने जब शुरुआती मोर्चा खोला था, तो चन्नी उसमें सिद्धू के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े थे।  यही कारण है कि सिद्धू ने चरणजीत सिंह चन्नी को पंजाब का मुख्यमंत्री बनाने के मुद्दे पर सर्वाधिक सहजता दिखाई हैं।

पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने जिस प्रकार की खुशी दिखाई उससे यह स्पष्ट होता है कि चन्नी उनके लिए कितने खास हैं। इस फैसले को ऐतिहासिक बताते हुए उन्होंने ट्वीट किया कि, “ऐतिहासिक! पंजाब को पहला दलित मुख्यमंत्री मिल गया है। इस फैसले को स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा। ये हमारे देश के संविधान और कांग्रेस की विचारधारा के लिए गर्व की बात है। चन्नी को बहुत-बहुत बधाई।”

बता दें कि चरणजीत सिंह चन्नी पंजाब की चमकौर साहिब सीट से कांग्रेस के विधायक हैं। वह दलित समुदाय से आते हैं। चरणजीत सिंह चन्नी कभी कैप्टन अमरिंदर सिंह के ख़ास हुआ करते थे लेकिन फिर विरोधी हो गए। यही कारण है कि सिद्धू ने उन पर अपना दांव खेला है।

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चरणजीत सिंह चन्नी के पंजाब का मुख्यमंत्री बनने पर ये कहा जा सकता है कि सीएम भले ही चन्नी हो, किन्तु सिद्धू की उनसे करीबी और निष्ठा के कारण ये माना जा सकता है कि वो सारा काम सिद्धू के इशारे पर करेंगे, और पंजाब का मुख्यमंत्री का पद चरणजीत सिंह चन्नी के पास होना मात्र एक रस्म अदायगी से अधिक कुछ भी नहीं होगा।

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