बिहार में पंचायत चुनाव से पहले तेजस्वी यादव ने वोट के लिये नोट बांटे? वीडियो वायरल

टाइमिंग पर सवाल तो उठते ही हैं

तेजस्वी यादव की वायरल वीडियो

PC: ABP News

चुनाव पास आते ही नेता भी जनता के पास आना शुरू कर देते हैं, ऐसा ही कुछ बिहार में देखने मिल रहा है जहाँ 24 सितंबर से 12 दिसंबर के बीच 11 चरणों में पंचायत चुनाव होने वाले हैं। इसी के तहत लोभ प्रलोभन में जुटे और चुनावी परिणामों को अपने पक्ष में करने के लिए आरजेडी नेता और बिहार विधानसभा में नेता विपक्ष तेजस्वी यादव गोपालगंज जिले के इलाकों में पैसे बांटते दिखाई दिये। इसी को लेकर इन दिनों एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है, जिसमें तेजस्वी अपनी गाड़ी के पास बुलाकर क्षेत्रीय महिलाओं को पैसे देते दिख रहे हैं। तेजस्वी यादव की वायरल वीडियो को जेडीयू एमएलसी नीरज कुमार ने अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर किया है।

जेडीयू नेता नीरज ने इस दौरान कहा कि ‘जेडीयू एमएलसी ने राजद विधायक पर तंज कसते हुए कहा कि जाओ बबुआ अपनी पहचान बनाओ, आर्थिक लुटेरे होने का दाग मिटाओ’। अब सवाल तो उठते ही हैं। अब इस मामले पर राजद ने भले ही अपनी सफआई में कहा है कि गरीबो की मदद करना गलता नहीं है पर इसकी टाइमिंग पर तो सवाल उठते ही हैं।

दरअसल, बिहार में पंचायत चुनाव को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने मंगलवार को अधिसूचना जारी कर दी थी। गोपालगंज जिले में 29 सितंबर से लेकर 12 नवंबर तक कुल दस चरणों में पंचायत चुनाव होंगे और इसी क्षेत्र से गुजरते हुए तेजस्वी ने अपने हाथों से महिलाओं को 500-500 रुपए के नोट थमाए। जब जनता उनको पहचानने में असमर्थ हुई तो तेजस्वी के साथी पीछे से कहते दिखे- “लालू जी के बेटे हैं, तेजस्वी यादव’।

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एक ओर कहा जा रहा है कि जिस क्षेत्र में ,तेजस्वी पैसे बाँट रहे थे वो बाढ़ प्रभावित क्षेत्र है और पैसों से गरीबों की मदद की जा रही थी परंतु, उन्होंने अपनी पहचान लालू के बेटे के तौर पर कराई है उससे यह स्पष्ट होता है कि पंचायती चुनाव में वोट अपने दल के पाले में खिसकाने की योजना के तहत यह नोट बाँटे गए हैं। इस घटना के बाद सियासी संग्राम छिड़ चुका है, ऐसा इसलिए क्योंकि आचार संहिता लग चुकी है। अब भाजपा का कहना है कि राज्यभर में पंचायती चुनावों की शुरुआत इसी माह 24 सितम्बर से हो जाएगी, ऐसे में तेजस्वी का इस प्रकार जनता के बीच पैसे बांटना आचार सहिंता का उल्लंघन और लोगों के मत प्राप्त करने की नई योजना है।

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बता दें कि पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी होते ही पंचायत निर्वाचन क्षेत्रों में आदर्श आचार संहिता भी लागू हो गयी है। उम्मीदवारों को हर हाल में राज्य निर्वाचन आयोग के गाइडलाइन का पालन करना होगा। नियमों का उल्लंघन करने पर उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी।  ऐसा साफ़ प्रतीत होता है कि तेजस्वी यादव की वायरल वीडियो में कानून और आचार सहिंता की धज्जियाँ उड़ाई जा रही हैं। इसी कड़ी में विपक्षी पार्टियां चाहे वो जेडीयू हो या भाजपा हर दल इस घटना पर आपत्ति दर्ज़ कर रहा है क्योंकि यह नियमों के विरुद्ध किया गया कृत्य है।

जदयू और अन्य कई दलों के नेताओं ने इस घटना की शिकायत राज्य निर्वाचन आयोग को भी लिखित पत्र के माध्यम से की है, क्योंकि तेजस्वी यादव की वायरल वीडियो आरजेडी की युवा इकाई के आधिकारिक ट्वीटर हैंडल से ट्वीट की गई थी उस लिहाज से इसकी प्रामाणिकता और भी बढ़ जाती है।

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यदि इन सभी बातों पर चुनाव आयोग त्वरित संज्ञान लेता है तो यह स्पष्ट हो जाएगा कि आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के ‘लाल’ तेजस्वी यादव ने सभी नियमों को ताक पर रखते हुए जनता के बीच जाकर वोट के बदले नोट बांटे। इसके साथ ही उन्होंने बिहार पंचायत चुनाव के लिए जारी अधिसूचना के तहत स्पष्ट सभी प्रावधानों का तो उल्लंघन किया ही है अपितु अपनी और अपनी पार्टी की फजीहत भी समान रूप से कराई है।

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