जब नाश मनुज पर छाता है पहले विवेक मर जाता है, परंतु जब नाश सुनिश्चित ही हो तो उसको रोक पाना विकट हो जाता है। घोर वामपंथी विचारधारा सदैव ही मति भ्रष्ट कर देती है। ऐसा ही कुछ हिन्दू होते हुए हिन्दू धर्म को घृणा का पात्र बनाने वाली भारतीय मूल की अमेरिकी वामपंथी प्रोफेसर प्रियंवदा गोपाल के संदर्भ में स्पष्ट दर्शाता है। अपने विषैले बयानों की कड़ी में वृद्धि करते हुए 31 अगस्त को प्रियंवदा गोपाल ने शहीदों के प्रतीक जलियांवाला बाग स्मारक की तुलना ‘व्हेल के लिंग’ से की है, उनके इस बयान पर सोशल मीडिया पर आक्रोश देखने को मिल रहा है।
भारतीय मूल की प्रोफेसर प्रियंवदा गोपाल को सोशल मीडिया पर अपनी टिप्पणियों के लिए कड़ी आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। वह एक अमेरिकी उदारवादी हैं, जो अतीत में भी हिंदुओं के प्रति अपने घृणित बयानों के लिए विवादों में रही हैं। कैंब्रिज विश्वविद्यालय में उत्तर-औपनिवेशिक अध्ययन की प्रोफेसर प्रियंवदा गोपाल का मानना है कि ब्राह्मणवाद को समाप्त कर दिया जाना चाहिए, जबकि वो स्वयं ब्राह्मण परिवार से आती हैं। उन्होंने कथन के बल पर वास्तव में हिन्दू धर्म की सभ्यताओं और आचार-विचार को नष्ट करने की बातें कहीं हैं, जिसका प्रमाण उनके कई हिन्दू और भारत विरोधी बयान दर्शाते हैं।
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यह कोई नया बयान नहीं है जिसमें प्रियंवदा गोपाल ने भारत और हिन्दू धर्म के विरुद्ध अपनी कटुता दिखाई है। ऐसा कम ही होता है कि विभिन्न अवसरों पर इनका भारत और हिन्दू विरोधी बयान न आए। 2019 में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) पारित होने के बाद भी यह बिलबिला उठी थीं। प्रियंवदा गोपाल ने H-1B वीजा का उल्लेख करते हुए मांग की थी कि संयुक्त राज्य अमेरिका हिंदुओं को नागरिक बनाने की प्रक्रिया को अवरुद्ध (ब्लॉक) करे और “उनके H-1B को छीन ले।”
Okay, let me not be sweeping. Snatch them from those Hindus who support the Citizenship Amendment Bill. It would only be fair. I'm sure they're not, you know, hypocrites.
— Priyamvada Gopal © (@PriyamvadaGopal) December 9, 2019
प्रियंवदा गोपाल के मुख से जो विषाक्त बोलों की अविरल धारा बहती है उसे मात्र भारत और हिन्दू विरोधी कहा जा सकता है। बीते 27 अगस्त को ही प्रियंवदा गोपाल ने ट्वीट करके दावा किया था कि चर्चित बुद्धिजीवी कोएनराड एल्स्ट ‘हिंदू वर्चस्ववाद के अनुयायी’ थे, जिसकी तुलना प्रियंवदा ने ‘आर्यन वर्चस्ववाद’ से की, जो नाज़ी का प्रतीक है।
Elst is far more than an 'Islamophobe'. A white adherent of Hindu supremacism (aka Aryan supremacism).
Fascism is not decolonisation.
Fascism is not decolonisation
Fascism is not decolonisation— Priyamvada Gopal © (@PriyamvadaGopal) August 27, 2021
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स्पष्ट है कि, प्रियंवदा गोपाल के मन में भारत के प्रति इतनी हीन और द्वेष भावना है कि पश्चिमी देशों में भारतीय मूल के बढ़ते प्रभुत्व और सम्मान को भी वो पचा नहीं पाती हैं। यही कारण है 2019 से इंग्लैंड सरकार में गृह सचिव के पद पर सेवाएँ दे रहीं प्रीति पटेल के विरुद्ध भी प्रियंवदा ने जहर उगला था, प्रियंवदा गोपाल ने मात्र हिन्दू होने वजह से उनके विरुद्ध नस्ल विरोधी बताते हुए टिप्पणी की जिसकी वजह भी मात्र प्रीति का हिन्दू होना था। प्रियंवदा ने प्रीति को मोदी समर्थक तक बता दिया था।
In Priti Patel you see the lethal intersection of vicious Hindu majoritarianism/caste hierarchies and colonial racism, which loved wheeling out Asians to kick black people.
— Priyamvada Gopal © (@PriyamvadaGopal) June 8, 2020
She's a huge supporter of Hindu nationalist Modi regime. As also Israel.
— Priyamvada Gopal © (@PriyamvadaGopal) June 8, 2020
ये तथ्य प्रमाणित करते हैं कि प्रियंवदा गोपाल भारत एवं हिन्दू विरोध में अनर्गल बातें करने और दुष्प्रचार फैलाने का वामपंथी एजेंडा चलाती हैं। देश की स्वतंत्रता के लिए बलिदान देने वाले शहीदों के प्रतीक जलियांवाला बाग स्मारक के संबंध में विभत्स टिप्पणी कर सजा की पात्रता हासिल कर ली है।
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यदि शिक्षण संस्थानों में ऐसी ओछी सोच की प्राध्यापक होती हैं तो वो निःसंदेह घृणा प्रसारित करने के अतिरिक्त और कुछ नहीं कर सकतीं। ऐसी टिप्पणी के बाद अब आवश्यक है कि कैंब्रिज विश्वविद्यालय का प्रबंधन प्रियंवदा गोपाल पर कार्यवाई करते हुए उन्हें अपदस्थ करे। ऐसे तत्व जो पूर्वाग्रहों से स्वयं ग्रसित हों वो किसी को क्या ही शिक्षा देंगे, क्योंकि उनकी सोच वामपंथ के आगे कुछ भी नहीं सोचती है।