वाड्रा, सिद्दिकी, रंजन और अन्य: ‘दामाद योग’ राजनीति का काल सर्प योग है

सिर्फ वाड्रा ही 'स्पेशल दामाद' नहीं हैं देश में!

राजनीति काल सर्प योग

भारतीय राजनीति के लिए वंशवाद सदैव एक कलंक रहा है, किंतु इसमें भी विशेष रूप से राजनेताओं के दामादों के कारण नेताओं और उनके दलों को नुकसान हुआ है। इसके कई उदाहरण देखने को मिले हैं। हाल की बात करें तो दामादों का ये काल सर्प योग महाराष्ट्र में चल रहा है, क्योंकि अपने ससुर एवं मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसे राज्य के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के दामाद गौरव चुतर्वेदी को जांच कर रही केंद्रीय एजेंसी सीबीआई द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया है।

देशमुख को क्लीनचिट मिलने की फर्जी खबर को प्लांट करने में मुख्य भूमिका गौरव की ही थी। इसी तरह राज्य के कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक के दामाद भी 9 जनवरी से एनसीबी की गिरफ्त में हैं। कुछ इसी तरह एकनाथ खडसे के दामाद गिरीश चौधरी भी भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में ईडी की गिरफ्त में है। ये केवल अकेले महाराष्ट्र के बड़े नेताओं का लेखा-जोखा है, राष्ट्रीय राजनीति में कांग्रेस पार्टी गांधी परिवार के दामाद राबर्ट वाड्रा के भ्रष्टाचारों का दंश आज भी झेल रही हैं।

अनिल देशमुख के दामाद गौरव चतुर्वेदी

देश की राजनीति में राजनेताओं के दामाद सदैव ही परेशानियों का पर्याय रहे हैं, एवं दामादों का ये काल सर्प योग अब महाराष्ट्र के नेताओं को डसने लगा है। महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के दामाद गौरव चतुर्वेदी को हाल ही में सीबीआई द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया था। हालांकि उन्हें कुछ घंटो बाद छोड़ दिया गया। दरअसल, एक खबर फैलाई गई थी कि अनिल देशमुख को क्लीन चिट मिल गई है, जिसके बाद इस मामले में अनिल देशमुख के वकील आनंद डागा को भी गिरफ्तार कर लिया गया था। अनिल देशमुख के गिरफ्तार हुए करीबियों में उनके दामाद गौरव चतुर्वेदी भी शामिल थे। इस प्रकरण के बाद देशमुख की मुसीबतों में भी बढ़ोतरी हुई है।

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एकनाथ खडसे के दामाद गिरीश चौधरी

ठीक इसी तरह महाराष्ट्र की राजनीति का बड़ा नाम माने जाने वाले एनसीपी नेता एकनाथ खडसे के दामाद गिरीश चौधरी पर भी आरोप हैं कि खडसे के मंत्री रहते उन्होंन जमीन की खरीद-फरोख्त में गड़बड़ियां की थी। 31 करोड़ की जमीन 3.75 करोड़ मे खरीदने के कारण ईडी ने उन्हें गिरफ्तार कर रखा है।

नवाब मलिक के दामाद समीर खान

वहीं सरकार में मंत्री नवाब मलिक के दामाद समीर खान 9 जनवरी से नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की गिरफ्त में है। उन पर आरोप है कि जनवरी में एनसीबी ने करण सजनानी नामक ब्रिटिश नागरिक द्वारा उन्होंने अमेरीका से ड्रग्स द्वारा मंगवाए थे, एवं उसे 75 किलो मारिजुआना और 125 किलो अन्य नशीले पदार्थ बरामद किए थे।

अहमद पटेल के दामाद इरफान अहमद सिद्दिकी

महाराष्ट्र की राजनीति से अलग हटकर देखें केन्द्रीय राजनीति में कांग्रेस के दिवंगत नेता अहमद पटेल के दामाद इरफान अहमद सिद्दिकी पर भी भ्रष्टाचार एवं मनी लॉन्ड्रिंग के मुद्दे पर कार्रवाई की थी, एवं उनकी संपत्ति तक कुर्क कर ली गई थी। इस प्रकरण के बाद अहमद पटेल की राजनीतिक साख पर भी बट्टा लगा था। वहीं दामाद-वाद का सबसे बड़ा दंश कांग्रेस झेलती है क्योंकि गांधी परिवार के दामाद अर्थात प्रियंका गांधी वाड्रा पर भ्रष्टाचार के बड़े आरोप है। जमीन की खरीद-फरोख्त में  गड़बड़ियों के चलते वाड्रा के खिलाफ सीबीआई, ईडी जैसी केन्द्रीय जांच एजंसियों ने जांच बिठा रखी है। रॉबर्ट वाड्रा  के इन्ही आरोपों के कारण कांग्रेस को राजनीतिक रूप से सबसे अधिक नुकसान हुआ है।

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 ऐसा नहीं है कि केवल विपक्षी दलों को दामादवाद के इस काल सर्प ने डसा है, अपितु भारतीय जना पार्टी के सबसे बड़े नेता भारत रत्न अटल बिहारी वाजपयी की दत्तक पुत्री नमिता के पति रंजन भट्टाचार्य पऱ भी भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे थे, जिससे उनकी छवि पर भी एक बड़ा दाग  लगा था। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने उनके जरिए अटल तक पर आरोप लगाए थे। ऐसे में सीधे तौर पर ये कहा जा सकता है कि भारतीय  राजनीति में नेताओं के लिए काल सर्प योग हैं जो कि नेताओं के राजनीतिक जीवन को बुरी तरह बर्बाद कर रहा है, हालांकि इसका मूल कारण भी वंशवाद ही है।

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